महोगनी की खेती Part 2: ये हैं महोगनी की उन्नत किस्में, जिनकी खेती किसानों को दे सकती है बढ़िया आमदनी

भारत में कई किसान महोगनी की खेती से जुड़े हैं। महोगनी के पेड़ की लम्बाई 40 से 200 फीट तक हो सकती है। लेकिन भारत में असली औसत लम्बाई 60 फीट के आसपास रहती है। भारत में महोगनी की पांच किस्मों की खेती की जाती है।

महोगनी की खेती (mahogany farming in india)

महोगनी की खेती (Mahogany Farming) | महोगनी का पेड़, कीमती पेड़ों में गिना जाता है। इसका लगभग हर भाग इस्तेमाल में लाया जाता है। इसलिए इसे किसानों के लिए लंबे समय के लिए आमदनी देने का ज़रिया भी कहा जाता है। इसकी लकड़ी का इस्तेमाल जहाज़, फ़र्नीचर, प्लाईवुड, सजावट की चीजें और मूर्तियों को बनाने में किया जाता है। जबकि इसके बीज, पत्तों और फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में होता है। मुख्य रूप से महोगनी की कोई प्रजाति भारत में नहीं पाई जाती। देश में इसकी कई विदेशी किस्मों की खेती होती है। महोगनी के पेड़ की लम्बाई 40 से 200 फ़ीट तक हो सकती है। लेकिन भारत में असली औसत लम्बाई 60 फ़ीट के आसपास रहती है। एक एकड़ में महोगनी के 1200 से 1500 पेड़ उगाये जा सकते हैं।

महोगनी की खेती (mahogany farming in india)
तस्वीर साभार: chaturveda

महोगनी की खेती Part 2: ये हैं महोगनी की उन्नत किस्में, जिनकी खेती किसानों को दे सकती है बढ़िया आमदनीमहोगनी की हैं कौन-कौन सी किस्में?

  • भारत में अभी महोगनी की पांच किस्मों की खेती की जाती है। महोगनी के इन पांच किस्मों के नाम क्यूबन, मैक्सिकन, अफ़्रीकन, न्यूज़ीलैंड और होन्डूरन है। विदेशी कलमी के ज़रिये इन किस्मों की खेती होती है।
  • होन्डूरन और क्यूबन को सबसे बेहतरीन किस्मों में शुमार किया जाता है। ये किस्में व्यावसायिक रूप से उगाई जाने वाली महोगनी की उन्नत प्रजातियां हैं। इन किस्मों की लकड़ियां बहुत ही अच्छी मानी जाती है, जिनपर पानी का असर नहीं होता, यानी पानी लगने पर भी इन्हें नुकसान नहीं पहुंचता।
  • मैक्सिकन किस्म की प्रजाति के पेड़ क्यूबन और होन्डूरन की तुलना में थोड़े छोटे होते हैं, लेकिन इनकी लकड़ियों की क्वालिटी भी काफ़ी अच्छी मानी जाती है।
  • यू.एस. में बेचे जाने वाले अधिकांश महोगनी आइटम अफ़्रीकी महोगनी पेड़ से बनाए जाते हैं। ये दिखने में अन्य महोगनी के पेड़ की तरह ही दिखता है।
  • न्यूज़ीलैंड किस्म के परिपक्व पेड़ 15 मीटर तक की ऊंचाई तक बढ़ते हैं। इसकी लकड़ी का इस्तेमाल ज़्यादतर नांव बनाने में किया जाता है। इसकी लकड़ी से सजावटी चीजें बनाई जाती हैं। ये अन्य किस्मों की तुलना में हल्की होती हैं। इसकी पत्तियां 40 मिलीमीटर तक बड़ी और चमकदार होती है।
महोगनी की खेती (mahogany farming in india)
तस्वीर साभार: agrownets

सभी किस्मों के पौधों को उपज और बीजों की गुणवत्ता के आधार पर तैयार किया जाता है। महोगनी के पौधों की उचित देखभाल के लिए किसान को मेहनत करनी पड़ती है। इसीलिए सरकारी रजिस्टर्ड कम्पनी या नर्सरी से दो-तीन साल पुराने और अच्छे ढंग से विकासित हो रहे पौधों को अपनाना ज़्यादा फ़ायदेमन्द रहता है। ज़ाहिर है, महोगनी उन लोगों को लिए भी फ़ायदे का सौदा है जो नर्सरी चलाते हैं। इसकी नर्सरी खोलकर अच्छी खासी आमदनी की जा सकती है। इसका एक पौधा 30 रुपये से लेकर 200 रुपये तक बिक जाता है।

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