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राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार का बजट प्रस्तुत करते हुए, उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना ( Mukhyamantri Mangla Pashu Bima Yojana) के विस्तार की महत्वपूर्ण घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों (livestock farmers) को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और राज्य में पशुपालन (Animal Husbandry) को प्रोत्साहित करना है।
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना ( Mukhyamantri Mangla Pashu Bima Yojana) क्रांतिकारी कदम
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना ( Mukhyamantri Mangla Pashu Bima Yojana) राज्य के पशुपालकों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस योजना के माध्यम से पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और इससे जुड़े परिवारों को एक मजबूत वित्तीय सहारा मिलेगा।
सरकार की इस पहल से न केवल पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पशुपालकों (livestock farmers) की आय भी बढ़ेगी और वे जोखिम मुक्त होकर अपने काम में लगे रह सकेंगे।
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की विशेषताएं
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना ( Mukhyamantri Mangla Pashu Bima Yojana) एक अनूठी पहल है जिसमें पशुपालकों से किसी भी प्रकार का शुल्क प्रीमियम राशि के रूप में नहीं लिया जाता। इस योजना की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन और सरल है, जिससे अधिक से अधिक पशुपालक इसका लाभ उठा सकें।
इस योजना के तहत प्रदेश के 21 लाख पशुओं का बीमा किया जाएगा। यह योजना पशुपालकों के लिए पूरी तरह निशुल्क है और इसमें प्रीमियम राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
योजना में शामिल पशु एवं उनकी यूनिट गणना
योजना के अंतर्गत निम्नलिखित पशुओं को शामिल किया गया है:
गाय
भैंस
ऊंट
बकरी
भेड़
योजना में 10 बकरियों या 10 भेड़ों को एक यूनिट माना गया है, जबकि गाय, भैंस और ऊंट की प्रत्येक इकाई को एक यूनिट के रूप में गिना जाएगा। प्रत्येक यूनिट के लिए सरकार ने अधिकतम ₹40,000 की बीमा राशि निर्धारित की है।
रजिस्ट्रेशव की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान और पूरी तरह ऑनलाइन है। इस योजना के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया है, जहां पशुपालक ईमित्र के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
जो पशुपालक एंड्रॉयड मोबाइल का उपयोग करते हैं, वे घर बैठे मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए इस योजना में अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें: मुख्यमंत्री मंगला पशु योजना का ऐप डाउनलोड करें।
आधार संख्या दर्ज करें: अपने जन आधार नंबर को ऐप में दर्ज करें।
ओटीपी सत्यापन: मोबाइल पर आए वन टाइम पासवर्ड (OTP) को दर्ज करें।
पशु की जानकारी दर्ज करें: पशुपालन विभाग द्वारा जारी टैग नंबर (पशु की आधार संख्या) को दर्ज करें।
फोटो अपलोड करें: पशु की फोटो अपलोड करने के बाद पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी।
विशेष प्रावधान एवं प्राथमिकता
1.गोपालक क्रेडिट कार्ड धारकों और लखपति दीदी पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
2.अनुसूचित जाति (SC) के लिए 16% आरक्षण और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 12% आरक्षण का प्रावधान
3.बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य होगी।
4.योजना पर होने वाला व्यय एवं वित्तीय प्रबंधन
राज्य सरकार इस योजना पर करीब 400 करोड़ रूपये खर्च करेगी। योजना से जुड़े सभी कार्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किए जा रहे हैं। पशुपालन विभाग द्वारा बीमा कार्य एवं दावा भुगतान के लिए राज्य सरकार ने एसआईपीएफ (State Insurance and Provident Fund Department) को धनराशि उपलब्ध कराई है। यह सुनिश्चित करेगा कि योजना के लाभार्थियों को समय पर वित्तीय सहायता मिल सके।
योजना के लाभ
पशुपालकों के लिए वित्तीय सुरक्षा: आकस्मिक दुर्घटना में पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक को वित्तीय सहायता मिलेगी।
निशुल्क बीमा सुविधा: कोई भी पशुपालक बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने पशुओं का बीमा करवा सकता है।
पशुपालन को बढ़ावा: यह योजना राज्य में पशुपालन को प्रोत्साहित करेगी और इसे अधिक लाभकारी बनाएगी।
डिजिटल एवं पारदर्शी प्रक्रिया: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी और सभी कार्य पारदर्शिता से पूरे किए जाएंगे।
बीमा क्लेम और पशु मूल्यांकन प्रक्रिया
योजना के तहत प्रत्येक पशु की अधिकतम बीमा राशि ₹40,000 निर्धारित की गई है। बीमा राशि का निर्धारण निम्नलिखित आधारों पर किया जाएगा:
पशु का स्वास्थ्य
दुग्ध उत्पादन क्षमता
पशु की आयु
पशु की नस्ल और बाजार मूल्य
बीमा के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया में पशु चिकित्सक, पशुपालक और बीमा प्रतिनिधि आपसी सहमति से पशु का मूल्य तय करेंगे।
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