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यूपी सरकार ने डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के (New Dairy Policy of Uttar Pradesh) लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में “उप्र दुग्धशाला विकास व दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2022” (UP Dairy Development and Milk Production Promotion Policy-2022) में बड़े बदलाव किए गए हैं। इस नई नीति के तहत डेयरी इकाइयों को 35 फीसदी तक पूंजीगत अनुदान मिलेगा, जो अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक हो सकता है! यही नहीं, महिला उद्यमियों को 90 फीसदी तक की सब्सिडी मिलेगी।
अगर आप भी डेयरी व्यवसाय (New Dairy Policy of Uttar Pradesh) शुरू करने का सपना देख रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। आइए जानते हैं कि यूपी सरकार की यह नई नीति किसानों और उद्यमियों के लिए कैसे गेम-चेंजर साबित होगी।
क्या है नई डेयरी नीति?
उत्तर प्रदेश सरकार ने डेयरी सेक्टर में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लागू की है। इसके तहत:
1. दुग्धशाला (डेयरी प्लांट) स्थापित करने पर : 35 फीसदी अनुदान (अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक)
2.पशु आहार निर्माण इकाई : 35 फीसदी अनुदान (अधिकतम 5 करोड़ रुपए तक)
3. डेयरी प्लांट का आधुनिकीकरण : 35फीसदीअनुदान (अधिकतम 2.5 करोड़ रुपए तक)
4. कोल्ड चेन उपकरण (दूध ठंडा रखने वाले वाहन) : 35 फीसदी अनुदान (अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक)
5. महिला उद्यमियों को सौर ऊर्जा पर 90फीसदी तक अनुदान
ये नीति न केवल डेयरी उद्योग को मजबूती देगी, बल्कि हजारों नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा।
महिलाओं के लिए बड़ी सौगात-90 फीसदी तक सब्सिडी
उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। अगर कोई महिला 75 केवीए तक की सौर ऊर्जा परियोजना लगाती है, तो उसे 90फीसदी तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं, सामान्य उद्यमियों को 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
इसके अलावा, सूक्ष्म उद्यम (माइक्रो एंटरप्राइजेज) के तहत दुग्ध उत्पाद बनाने वाली इकाइयों को मशीनरी की लागत पर 50% अनुदान (अधिकतम 50 लाख रुपए तक) मिलेगा।
कौन ले सकता है लाभ?
इस योजना का लाभ किसान, डेयरी उद्यमी, स्वयं सहायता समूह, स्टार्टअप्स और निजी कंपनियां ले सकती हैं। योजना के तहत निम्नलिखित इकाइयों को अनुदान मिलेगा:
दुग्धशाला (मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट)- दूध को पैक करने, फ्लेवर्ड मिल्क, पनीर, दही, घी आदि बनाने वाली यूनिट्स।
पशु आहार निर्माण इकाई- गाय-भैंसों के लिए पोषणयुक्त चारा बनाने वाली फैक्ट्रियां।
कोल्ड चेन सुविधा- दूध को खराब होने से बचाने के लिए रेफ्रिजरेटेड वैन और मिल्क टैंकर।
डेयरी प्लांट का आधुनिकीकरण- पुरानी डेयरियों को अपग्रेड करने पर अनुदान।
कैसे मिलेगा अनुदान?
अनुदान पाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ध्यान रहे, पुराने आवेदनों पर पुरानी नीति ही लागू होगी। नई नीति का लाभ केवल उन्हीं प्रस्तावों को मिलेगा, जो संशोधित नीति की अधिसूचना तिथि के बाद जमा किए जाएंगे।
यूपी को ‘दूध का हब’ बनाने की रणनीति
उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश देश का नंबर 1 दुग्ध उत्पादक राज्य बने। पहले से ही यूपी में:
- दुग्ध समितियों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है।
- पशु चिकित्सा सेवाओं को मजबूत किया गया है।
- डेयरी किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस नई नीति से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
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