किसानों का Digital अड्डा

पद्मश्री सम्मान पाने वाले इस किसान को कभी लोगों ने कहा था पागल, आज कहलाते हैं ‘टनलमैन’

अकेले ही खोद डालीं 315 फीट लंबी 6 सुरंगें

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के रहने वाले अमाई महालिंगा Tunnel Man के नाम से भी जाने जाते हैं। इन्होंने खेती में ऐसे-ऐसे इनोवेशन किए हैं, जिनके बारे में जानकर आपको भी गर्व महसूस होगा।

0

किसी ने सच ही कहा है अगर व्यक्ति में कुछ कर गुज़रने का जज़्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। इस बात को कर्नाटक के 77 वर्षीय किसान अमाई महालिंगा नाइक ने सच साबित कर दिखाया है। अमाई महालिंगा Tunnel Man के नाम से भी जाने जाते हैं। इन्होंने खेती में ऐसे-ऐसे innovation किए हैं, जिनके बारे में जानकर आपको भी गर्व महसूस होगा। इनके प्रयासों का बहुत बड़ा लाभ छोटे किसानों को हो रहा है। हाल ही में गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले जब पद्म पुरस्‍कारों की घोषणा हुई तो उसमें एक नाम अमाई महालिंगा नाइक भी रहा। उन्हें यह सम्मान कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए उनके योगदान को लेकर दिया गया।

कौन हैं अमाई महालिंगा नाइक

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के रहने वाले अमाई महालिंगा नाइक कभी गरीब मज़दूर हुआ करते थें और दूसरों के खेत में काम करते थें। उनके पास कोई ज़मीन नहीं थी। एक बार किसी जमींदार ने उनके काम से खुश होकर 2 एकड़ भूमि उन्हें तोहफ़े में दे दी। मगर उनके क्षेत्र में पहाड़ी बंजर भूमि होने के कारण बिना सिंचाई के खेती नामुमकिन थी। अमाई महालिंगा गरीब थे, ऐसे में उनके पास सिंचाई के साधन जुटाने के लिए पैसे नहीं थे और न ही तकनीकी ज्ञान था, मगर कुछ कर गुज़रने का हौसला ज़रूर था।

पद्मश्री सम्मान अमाई महालिंगा नाइक Amai Mahalinga Naik
तस्वीर साभार: ICAR (YouTube)

अकेले ही खोद डालीं 6 सुरंगें

बंजर पहाड़ी भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए महालिंगा ने सुरंग (टनल) खोदने का फैसला किया और इस काम में जुट गए। सुबह वह मज़दूरी करते थे और शाम से आधी रात तक सुरंग खोदने का काम करते थे। इस तरह उन्होंने अकेले अपने खेत में पानी लाने के लिए 315 फीट लंबाई की 6 सुरंगें खोद डालीं। इतना ही नहीं,  रिटेनिंग वॉल बनाने और मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए खुद ही वो 5 हज़ार से अधिक बड़े-बड़े लेटराइट पत्थरों को ढोकर अपने फ़ार्म पर लेकर आए। पानी की व्यवस्था के लिए उन्होंने 12 हज़ार लीटर की क्षमता वाला एक टैंक भी बनवाया।

पद्मश्री सम्मान अमाई महालिंगा नाइक Amai Mahalinga Naik
तस्वीर साभार: ICAR (YouTube)

लोगों ने पागल तक कह दिया

अमाई महालिंगा के लिए पहाड़ी भूमि पर सुरंग खोदना आसान नहीं थी। उन्होंने 4 साल कड़ी मेहनत करके एक के बाद एक सुरंग तो खोदी, मगर 6 सुरंग खोदने के बाद भी जब कामयाबी नहीं मिली तो लोग उन्हें पागल तक कहने लगे थे। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 7वीं सुरंग खोदने के बाद उन्हें कामयाबी मिल ही गई। अकेले दम पर इतनी सुरंगें बनाने की वजह से उन्हें ‘टनलमैन’ और ‘वन मैन आर्मी’ कहा जाने लगा।

पद्मश्री सम्मान अमाई महालिंगा नाइक Amai Mahalinga Naik
तस्वीर साभार: ICAR (YouTube)

बंजर भूमि को बनाया हरा-भरा

सुरंग के ज़रिए जब वह अपने खेत तक पानी लाने में सफल हुए तो उन्होंने खेती शुरू कर दी। उन्होंने 300 सुपारी, 75 नारियल के पेड़, 150 काजू के पेड़, 200 केले के पौधों के अलावा काली मिर्च, अन्नानास, कोको और पपीता के पेड़ भी लगाएं। अमाई महालिंगा को खेती में नए नए प्रयोग करना भी पसंद है। तभी तो वह नए-नए किस्म के पौधे अपने खेत में लगाते रहते हैं।

‘वन मैन आर्मी हैं’ अमाई महालिंगा

अलग-अलग किस्म के पौधे लगाने के साथ ही अमाई महालिंगा मधुमक्खी पालन का व्यवसाय भीकरते हैं। गायों के चारे के लिए अजोला की खेती करते हैं। इस तरह के विविध कार्यों की वजह से ही आसपास के लोग उन्हें ‘वन मैन आर्मी’ कहते हैं। अमाई माहलिंग का खेत एक मॉडल खेत है, जिसे देखने के लिए हर साल करीब हजारों की संख्या में लोग आते हैं, जिसमें कई विदेशी भी शामिल हैं।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या kisanofindia.mail@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.