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अलीगढ़ ज़िले में किसानों के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है। इस योजना के अंतर्गत चलाई जा रही खेत तालाब योजना किसानों को न केवल सिंचाई की सुविधा दे रही है, बल्कि उन्हें अतिरिक्त आय का भी साधन उपलब्ध करा रही है। खेतों में नमी बनाए रखने से जहां फ़सल की गुणवत्ता बेहतर हुई है, वहीं मछली पालन से किसानों को दोहरा लाभ मिल रहा है।
खेत तालाब योजना कैसे दे रही किसानों को फ़ायदा
लघु आकार के तालाब खेतों के बीच बनवाए गए हैं, जिनसे सिंचाई आसान हो गई है। किसानों ने बताया कि इन तालाबों से पानी उपलब्ध होने के कारण फ़सल समय पर तैयार हो रही है और उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं, तालाब में मछली पालन करके वे अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रहे हैं।
योगेश कुमार, विकास और दीपक कुमार जैसे अलीगढ़ के किसान बताते हैं कि खेत तालाब योजना ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव किया है। पहले उन्हें सिंचाई के लिए बारिश और नलकूपों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब हर सीजन में फ़सलों को पर्याप्त पानी मिल जाता है।
किसानों की बातें: अलीगढ़ में मिली नई दिशा
- योगेश कुमार का कहना है कि तालाब ने उनके खेतों को हमेशा नम बनाए रखा है, जिससे गेहूं और धान जैसी फ़सलों की उपज दोगुनी हो गई है।
- विकास बताते हैं कि तालाब की वजह से उन्हें सिंचाई में खर्च कम करना पड़ा और अब मछली पालन से घर की आय भी बढ़ गई है।
- दीपक कुमार का अनुभव है कि इस योजना ने खेती को और टिकाऊ बना दिया है। पहले पानी की कमी से उनकी फ़सल खराब हो जाती थी, लेकिन अब यह समस्या खत्म हो गई है।
दिव्या मौर्या – भूमि संरक्षण अधिकारी की राय
भूमि संरक्षण अधिकारी दिव्या मौर्या ने जानकारी दी कि अलीगढ़ जनपद में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत खेत तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। अब तक 49 तालाबों का लक्ष्य तय किया गया है, जिनमें से 8 की बुकिंग किसानों ने कर ली है और उनका सत्यापन जारी है।
उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य जल का पुनर्भरण, जीवनदायिनी सिंचाई और किसानों को अतिरिक्त आय का साधन उपलब्ध कराना है। उनके अनुसार, खेत तालाब योजना किसानों को भविष्य में सूखे और जल संकट जैसी चुनौतियों से भी बचाएगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है
भारत सरकार ने 1 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की शुरुआत “प्रति बूंद अधिक फ़सल” के नारे के साथ की थी। इसका संचालन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय कर रहा है। इस योजना का मक़सद खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता को बढ़ाना और सूक्ष्म सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम को बढ़ावा देना है।
यह योजना जल भंडारण, जल संरक्षण और जल प्रबंधन की गतिविधियों को भी समर्थन देती है। इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने और फ़सल की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के मुख्य उद्देश्य
- सूक्ष्म सिंचाई तकनीक के अंतर्गत अधिक क्षेत्र लाना।
- जल प्रबंधन से किसानों की आय और फ़सल की उत्पादकता बढ़ाना।
- गन्ना, केला, कपास जैसी जल-गहन फ़सलों में ड्रिप और स्प्रिंकलर को बढ़ावा देना।
- जल की कमी वाले और भूजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में किसानों को राहत देना।
- आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान के साथ कृषि और बागवानी को मज़बूत करना।
योजना की ख़ासियत
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) में चार प्रमुख घटक हैं –
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP)
- प्रति बूंद अधिक फ़सल (PDMC)
- हर खेत को पानी
- वाटरशेड विकास
इनके ज़रिए जल संरक्षण, जल उपयोग दक्षता और सिंचाई के लिए नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है।
अलीगढ़ के किसानों के लिए नई उम्मीद
अलीगढ़ के किसानों का अनुभव बताता है कि खेत तालाब योजना उनके जीवन को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही है। तालाब से खेतों को पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है और अब उन्हें सिंचाई के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। इस योजना ने किसानों को न केवल खेती में आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि मछली पालन जैसी गतिविधियों से उनकी आमदनी भी दोगुनी कर दी है।
निष्कर्ष
अलीगढ़ का उदाहरण साफ़ करता है कि अगर योजनाओं का सही तरीके से ज़मीन पर क्रियान्वयन हो, तो किसानों की किस्मत बदल सकती है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और इसके तहत चलाई जा रही खेत तालाब योजना ने न केवल खेती को आसान बनाया है, बल्कि किसानों को अतिरिक्त रोज़गार और आय का साधन भी उपलब्ध कराया है।
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