लखीमपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी, क्या हत्या के आरोपियों को नोटिस भेजकर बुलाती है सरकार?
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच से संतुष्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट का उत्तर प्रदेश के डीजीपी को आदेश- घटनाक्रम के सबूत नष्ट ना हों, इसका ख्याल रखा जाए। अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर की घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वो उनसे संतुष्ट नहीं है।
सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या अन्य मामलों में भी हत्या के आरोपियों को सरकार नोटिस भेजकर बुलाती है? केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे को अब तक हिरासत में न लिए जाने का आधार क्या है? कोर्ट ने कहा कि मामला जब धारा 302 का है तो फिर बाकी मामलों की तरह गिरफ़्तारी क्यों नहीं की गई?
सबूत नष्ट ना हों, इसका ख्याल रखा जाए
सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर यूपी सरकार की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहीं भी गोली के निशान की पुष्टि नहीं हुई, इसलिए उन्हें पहले नोटिस भेजा गया। कोर्ट ने डीजीपी को भी आदेश देते हुए कहा कि घटनाक्रम के सबूत नष्ट ना हों, इसका ख्याल रखा जाए। अब कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को अब 9 अक्टूबर को पेश होने का आदेश
दूसरी तरफ लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की 8 अक्टूबर की सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच के सामने पेशी थी, लेकिन वो पेश नहीं हुए। पुलिस ने आज एक बार फिर केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के लखीमपुर खीरी स्थित आवास के बाहर नोटिस चस्पा कर उनके बेटे आशीष मिश्रा को हिंसा के सिलसिले में 9 अक्टूबर की सुबह 11 बजे तक पेश होने को कहा है।
SIT की जांच टीम में सिर्फ़ स्थानीय पुलिस अधिकारी ही क्यों?
वहीं कोर्ट में यूपी सरकार की ओर से मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की गई। इस रिपोर्ट में बताया गया कि घटनास्थल से दो खाली कारतूस बरामद हुए। इसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया। इसके अलावा राज्य की ओर से SIT के गठन की बात कही गई। अदालत ने प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग और विशेष जांच टीम (एसआईटी) का भी ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने फटकार लगाई कि SIT की जांच टीम में सिर्फ़ स्थानीय पुलिस अधिकारियों को क्यों रखा गया है।
कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी से पूछा सवाल
वहीं विपक्ष के नेताओं का सरकार और प्रशासन पर हमला जारी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर शुक्रवार को सवाल किया और कहा कि उन्हें कम से कम सहानुभूति का एक शब्द तो बोलना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, “लखीमपुर खीरी की भयावह घटना। मोदी जी, आप चुप क्यों हैं? आपकी ओर से सिर्फ सहानुभूति के एक शब्द की ज़रूरत है। यह मुश्किल नहीं होना चाहिए। अगर आप विपक्ष में होते तो आप की प्रतिक्रिया कैसी होती? कृपया हमें बताएं।”
Lakhimpur Kheri Horror
Modi ji
Why are you silent ?We need just one word of sympathy from you
That should not be difficult !Had you been in opposition how would you have reacted ?
Please tell us
— Kapil Sibal (@KapilSibal) October 8, 2021
मौन अनशन पर बैठे सिद्धू, मुख्य आरोपी की गिरफ़्तारी की मांग
नवजोत सिंह सिद्धू हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के घर पर मौन अनशन पर बैठ गए हैं। सिद्धू ने कहा कि जब तक मंत्री का बेटा गिरफ़्तार नहीं हो जाता, वो अनशन से नहीं हटेंगे।
उधर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना का संज्ञान लिया है, अब उम्मीद है कि प्रभावित परिवारों को न्याय मिलेगा। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग रखी।
Punjab Pradesh Congress Committee President Navjot Singh Sidhu Ji will sit on a hunger strike, demanding that the son of Union Minister Ajay Mishra is made part of the investigation in the Lakhimpur massacre. pic.twitter.com/ORKZXNebbK
— Punjab Congress (@INCPunjab) October 8, 2021
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि लखीमपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और मामले की सख्ती से जांच चल रही है। उन्होंने प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी आरोपी हो उसके लिए कोई पद या दबाव काम नहीं करेगा।
अजय मिश्रा टेनी ने कहा – मेरा बेटा निर्दोष है
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। बेटे का स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वो आज पेश नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि बेटा कल जांच एजेंसी के सामने पेश होगा और अपनी बेगुनाही का सबूत देगा। उन्होंने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।