डेंगू का रामबाण इलाज हैं पपीते के पत्ते: बदलते मौसम के साथ ही डेंगू का मच्छर और भी ज़्यादा लोगों को बीमार कर रहा है। बुखार, जोड़ों में दर्द होना, चक्कर आना, इसके प्रमुख लक्षण हैं। इसमें मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमज़ोर हो जाती है। ज़रा सी लापरवाही बरतने पर ये जानलेवा भी साबित हो सकता है। डेंगू बुखार (Dengue fever) में शरीर की प्लेटलेट्स तेज़ी से गिरती हैं।
नॉर्मल प्लेटलेट्स संख्या 1.5 लाख से लेकर 4 लाख तक के बीच में होती है। इसके 50 हज़ार के नीचे जाने पर रोगी की जान को तक खतरा हो सकता है। अस्पताल में भर्ती डेंगू के मरीज को ग्लूकोज़ और एंटी-बायोटिक दवाइयां दी जाती हैं।
पपीते के पत्तों का सेवन तेज़ी से बढ़ाता है प्लेटलेट्स
प्लेटलेट्स को बढ़ाने में पपीते के पत्तों का रस एक रामबाण इलाज है। पपीते का रस पीने से प्लेटलेट्स का काउंट बढ़ने में मदद मिलती है। पपीते के पत्तों में विटमिन-सी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स काफ़ी मात्रा में पाए जाते हैं। यही विटमिन-सी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाता है। वहीं एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद वायरल और वायरस को खत्म करने का काम करते हैं।
थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देते रहे पपीते के पत्तों का रस
विशेषज्ञों से सलाह लेकर या डॉक्टर से पूछ कर डेंगू के मरीज को दिन में तीन बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पपीते के पत्तों का जूस दिया जा सकता है। पपीते के पत्ते के रस की मात्रा रोगी को कितनी देनी है, इसके बारे में भी विशेषज्ञों की सलाह ज़रूर लें। पत्ते की कड़वाहट दूर करने के लिए शहद कितना डाल सकते हैं, इसके बारे में भी विशेषज्ञ से आप पूछ सकते हैं।
कई अन्य गंभीर बीमारियों से भी निज़ात देता है पपीता
पपीते को इसकी औषधीय खूबियों की वजह से सुनहरे पेड़ का सुनहरा फल भी कहा जाता है। पपीते में फ़ाइबर, कैरोटीन, विटामिन सी, ई, ए और कई अन्य मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद ज़रूरी हैं। पपीते के सेवन से पेट की गंभीर समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है। पपीता पाचन शक्ति को मज़बूत बनाता है। पपीते में पपाइन नाम का एक ऐसा एंजाइम पाया जाता है, जो भारी खाने को आसानी से पचा सकता है।
इसमें प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाला विटामिन सी दांतों की तकलीफ को दूर करता है और हड्डियों को मज़बूत बनाता है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार होता है। बच्चों की डाइट में पपीते को शामिल करना भी उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी माना जाता है। पपीते के बीज का इस्तेमाल भी कई आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है।
पपीते पर की गई हैं रिसर्च
2009 में मलेशिया में हुए एक शोध में पाया गया था कि पपीते का पत्ता प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर है। Purdue University की एक रिसर्च से ये भी पता चला कि पपीते के पत्ते में 50 से ज़्यादा ऐसे ऐक्टिव तत्व होते हैं, जो फंगस, बैक्टीरिया और कई प्रकार की कैंसर कोशिकाओं यानी कैंसर cells को मारने में सक्षम हैं।