कंप्रेसर स्प्रे पंप | खेतों में कीटनाशकों या उर्वरकों का छिड़काव करने में श्रम और लागत दोनों ज़्यादा लगते हैं। मज़दूरों पर पैसे खर्च करने पड़ते हैं। छिड़काव करने में ही घंटों लग जाते हैं। इसके अलावा, सेहत के लिहाज़ से भी हाथ से केमिकल युक्त Insecticides और Fertilizers का इस्तेमाल करना हानिकारक है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में जयपुर के रहने वाले नयन पाल ने अपने क्षेत्र के किसानों की इन्हीं सब समस्याओं का हल निकाला। कहते हैं न ज़रूरत ही आविष्कार की जननी है, तो बस नयन पाल अपने साथी किसानों की ज़रूरत को देखते हुए अपने मिशन पर लग गए। नयन पाल ने ट्रैक्टर से चलने वाला एक कंप्रेसर स्प्रे पंप बनाया। अपने इस आविष्कार के बारे में नयन पाल ने किसान ऑफ़ इंडिया से ख़ास बातचीत की।
नयन पाल जयपुर के आमेर तहसील के रहने वाले हैं। वो कहते हैं कि उनके क्षेत्र में मज़दूर आसानी से नहीं मिल पाते। जो मिलते भी हैं, वो ज़्यादा दाम मांगते हैं। इससे जेब पर दवाब बढ़ता है। ऐसे में उन्होंने मज़दूरों पर होने वाले खर्चे को कम करने के लिए ट्रैक्टर चलित कंप्रेसर स्प्रे पंप बनाया। 2003 में उनका ये मॉडल बनकर तैयार हो गया।
क्या है इसकी ख़ासियत?
नयन पाल बताते हैं कि एक हेक्टेयर क्षेत्र में एक बार की ही लेबर कॉस्ट लगभग 1000 से 1500 रुपये के बीच पड़ती है। कंप्रेसर स्प्रे पंप एक से डेढ घंटे में एक हेक्टेयर क्षेत्र में छिड़काव कर सकता है। ये मशीन 500 लीटर पानी एक बार में स्प्रे करने में सक्षम है।
कैसे काम करती है ये मशीन?
इस मशीन को ट्रैक्टर के साथ जोड़ दिया जाता है। फिर ट्रैक्टर के इंजन की मदद से ही ये मशीन ऑपरेट होती है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में 1 लीटर ईंधन की खपत होती है। इस मशीन के साथ एक 100 मीटर का पाइप अटैच होता है। इस पाइप पर एक स्प्रे गन लगा होती है। इस स्प्रे गन की मदद से 30 से 40 फ़ीट की दूरी तक आसानी से स्प्रे किया जा सकता है। इस मशीन को एक ही व्यक्ति आराम से संचालित कर सकता है।
लागत में 10 गुना कटौती
नयन पाल आगे बताते हैं कि उनके क्षेत्र में सब्जियों की खेती सबसे ज़्यादा होती है। पहले एक हेक्टेयर क्षेत्र में छिड़काव करने के लिए 7 से 10 मज़दूर लगते थे। 7 से 8 घंटे का वक़्त ज़ाया होता था। अब एक से डेढ़ घंटे में ही छिड़काव का काम पूरा हो जाता है। वो बताते हैं कि इस तरह से उनकी लागत पर होने वाले खर्चे में 10 गुना की कटौती हुई।
क्या होते हैं स्प्रेयर पंप?
फसलों पर कीट-रोगों के लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। कीट-रोगों के प्रकोप से फसल नष्ट हो जाती है। पौधे के विकास को खरपतवार भी नुकसान पहुंचाते हैं। कीट, बीमारियों और खरपतवार की रोकथाम के लिए कई तरह के कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। स्प्रेयर पंप की मदद से इन कीटनाशकों/उर्वरकों को फसल पर छिड़का जाता है।
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