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उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के भैंसकोटी गांव के निवासी कुलदीप बिष्ट ने मशरूम उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक पहल की है। वे जेएमडी फार्म्स के निदेशक हैं, जिसे 2018 में शुरू किया गया था। इस फर्म के तहत कुलदीप ने न केवल मशरूम उत्पादन का कार्य किया, बल्कि मशरूम से तैयार उत्पादों जैसे अचार, बिस्कुट, और सप्लीमेंट का निर्माण और विपणन भी किया। उनके प्रयासों का उद्देश्य न केवल मशरूम के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना भी है।
मशरूम उत्पादन का सफर और प्रशिक्षण का महत्व (Journey of Mushroom production and the importance of training)
कुलदीप बताते हैं कि, “उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाके में मशरूम की खेती में कई संभावनाएं हैं, क्योंकि यहां की जलवायु और तापमान मशरूम उत्पादन के अनुकूल है।” कुलदीप ने इस अवसर को पहचाना और मशरूम उत्पादन में लोगों को प्रशिक्षित करना शुरू किया। उन्होंने न केवल उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों से भी लोगों को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। मशरूम उत्पादन की शुरुआत और उसकी तकनीकी जानकारी के माध्यम से स्थानीय किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में कुलदीप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
खाद्य प्रसंस्करण में नवाचार और स्थानीय पहचान (Innovation and local identity in food processing)
कुलदीप बिष्ट ने उत्तराखंड में मशरूम आधारित खाद्य प्रसंस्करण में नवाचारों की एक अनूठी पहल की है। अपने जेएमडी फार्म्स के माध्यम से वे न केवल मशरूम उत्पादन करते हैं, बल्कि उससे बने उत्पादों की विविधता पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं। इन उत्पादों में मशरूम अचार, मशरूम बिस्कुट, और मशरूम सप्लीमेंट शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद होने के साथ ही स्वादिष्ट भी हैं। उनका उद्देश्य उत्तराखंड के इन प्राकृतिक और पौष्टिक उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।
कुलदीप की नवाचार यात्रा (Kuldeep’s innovation journey)
कुलदीप ने बताया, “हमने शुरुआत में छोटे पैमाने पर मशरूम उत्पादन शुरू किया था, लेकिन जैसे-जैसे इसके लाभ और बाज़ार में मांग का अंदाजा हुआ, हमने खाद्य प्रसंस्करण में कदम बढ़ाया।” उन्होंने स्थानीय उत्पादों का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के मशरूम आधारित उत्पादों को तैयार करना शुरू किया। यह केवल एक व्यावसायिक पहल नहीं थी, बल्कि उनके लिए उत्तराखंड के लोगों को स्वस्थ और प्राकृतिक उत्पाद उपलब्ध कराने का एक साधन भी है।
मशरूम आधारित उत्पादों की बढ़ती मांग (Increasing demand for mushroom based products)
कुलदीप के अनुसार, “आज के उपभोक्ता स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं, और ऐसे में मशरूम जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ रही है।” मशरूम के स्वास्थ्य लाभों से प्रेरित होकर कुलदीप ने इसके उपयोग के नए तरीके खोजे, जिसमें मशरूम अचार और बिस्कुट जैसे उत्पाद शामिल हैं। मशरूम अचार को उनके ग्राहक बहुत पसंद करते हैं, खासकर उन लोगों के बीच जो अपनी डाइट में हेल्दी फूड को शामिल करना चाहते हैं। इसी तरह, मशरूम बिस्कुट एक अद्वितीय उत्पाद है, जिसे उन्होंने मशरूम के पौष्टिक गुणों के साथ स्वादिष्ट बनाने पर ध्यान दिया है।
विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास (Efforts towards development and self-reliance)
कुलदीप अपने उत्पादों की विपणन रणनीति को भी व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। उत्तराखंड के अलावा, उनके उत्पाद देश के विभिन्न राज्यों में भी भेजे जाते हैं। वे अपने गांव में एक प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जिससे 300 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उनका सपना है कि उनका गांव मशरूम प्रसंस्करण का केंद्र बने, जिससे स्थानीय लोगों को यहीं रोजगार मिल सके और पलायन की समस्या कम हो।
मशरूम उत्पादों के लिए नया बाज़ार (New market for mushroom products)
कुलदीप बताते हैं, “हम चाहते हैं कि उत्तराखंड के मशरूम उत्पाद देशभर में अपनी एक खास पहचान बनाएं। हमारे उत्पादों की गुणवत्ता के कारण उनकी मांग लगातार बढ़ रही है।” उनके उत्पाद, जैसे मशरूम सप्लीमेंट, पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य के प्रति सजग लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। वे आने वाले समय में मशरूम आधारित सप्लीमेंट्स और उत्पादों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात की भी योजना बना रहे हैं।
रोजगार सृजन और प्रोसेसिंग यूनिट की योजना (Scheme of employment generation and processing unit)
कुलदीप के अनुसार, उनका अगला कदम अपने गांव में प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करना है, जिससे गांव के लोगों को रोजगार मिल सके। इस यूनिट के माध्यम से 300 से अधिक लोगों को रोजगार देने की योजना है। कुलदीप का कहना है, “हमारा उद्देश्य है कि भैंसकोटी गांव को मशरूम गांव के रूप में विकसित किया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को यहीं पर रोजगार मिल सके और पलायन रुके।”
सरकारी सहायता और पुरस्कार (Government aid and awards)
हालांकि, कुलदीप ने अब तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है, लेकिन उनके प्रयासों को सराहा गया है। उन्हें 2024 में उत्तराखंड के टॉप 10 स्टार्टअप्स में शामिल किया गया, और 2022 में उन्हें स्प्रिंग फेस्टिवल में माननीय राज्यपाल जी द्वारा सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, सरस फेस्टिवल में भी उन्हें सम्मान मिला।
मशरूम उद्योग का भविष्य और कुलदीप की सोच (The future of the mushroom industry and Kuldeep’s thoughts)
कुलदीप का कहना है कि, “भारत में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ ही मशरूम को आहार में शामिल करने का चलन भी बढ़ा है।” कुलदीप का लक्ष्य अपने प्रोडक्ट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहुँचाना है। वे कहते हैं, “हमारा उद्देश्य है कि उत्तराखंड का मशरूम विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाए और हमारे गांव के लोगों को एक बेहतर भविष्य मिले।”
कुलदीप बिष्ट का प्रयास उत्तराखंड में खाद्य प्रसंस्करण और मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उनके नवाचारी सोच और प्रयासों से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है, बल्कि उत्तराखंड का नाम भी देशभर में मशरूम उत्पादन में एक मिसाल के रूप में उभर रहा है। कुलदीप का उदाहरण यह सिद्ध करता है कि यदि सटीक रणनीति, कड़ी मेहनत, और नवाचार के साथ काम किया जाए, तो कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में आत्मनिर्भरता हासिल करना संभव है।
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