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ग्वालियर जिले के सूरज का पुरा गांव के रहने वाले रामजीत कुशवाह ने जैविक खेती के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। अपनी छोटी सी भूमि पर प्राकृतिक तरीकों से फ़सलें उगाने का यह प्रयास उन्हें न केवल लाभकारी साबित हो रहा है, बल्कि उन्होंने अपने इस नवाचार से स्थानीय किसानों को भी प्रेरित किया है। रामजीत की कहानी Organic Farming के महत्व को समझने और इस दिशा में नवाचार करने का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है।
जैविक खेती की ओर कदम (move towards organic farming)
रामजीत बताते हैं, “रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता पर विपरीत असर पड़ रहा था। मुझे लगा कि यदि मैंने प्राकृतिक तरीके से खेती करना शुरू किया तो न केवल यह भूमि के लिए अच्छा होगा, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फ़ायदेमंद रहेगा।” इसी सोच के साथ रामजीत ने जैविक खेती की शुरुआत की। उन्होंने अपने खेतों में रासायनिक उर्वरकों की जगह वर्मी-कंपोस्ट, जीवामृत, और नीम आधारित जैविक कीटनाशकों का उपयोग करना शुरू किया।
स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा (Inspiration for local farmers)
रामजीत का यह प्रयास गांव के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गया। कई किसान जो पहले रासायनिक खेती पर निर्भर थे, उन्होंने रामजीत के मार्गदर्शन में Organic Farming की ओर कदम बढ़ाया। “हम चाहते हैं कि जैविक खेती से गांव के सभी किसान आत्मनिर्भर बनें और स्वस्थ खाद्यान्न का उत्पादन करें,” रामजीत कहते हैं। उनकी इस पहल का असर पूरे गांव में दिखाई देता है, जहां किसानों ने उनकी देखरेख में जैविक खाद और उर्वरक का प्रयोग शुरू कर दिया है।
सरकारी योजनाओं का लाभ (Benefits of government schemes)
रामजीत ने अपने कार्य में सरकारी योजनाओं का भी सहयोग लिया है। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए जैविक खेती को और अधिक सशक्त बनाने की कोशिश की है। इन योजनाओं के माध्यम से उन्हें खाद, बीज और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे उनकी उत्पादन लागत में काफी कमी आई। इससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई और Organic Farming के माध्यम से वे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
जैविक खेती के लाभ और चुनौतियां (Benefits and Challenges of Organic Farming)
रामजीत ने बताया, “जैविक खेती के कई फायदे हैं, जैसे कि मिट्टी की उर्वरता में सुधार, फ़सल की गुणवत्ता में वृद्धि और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता। हालांकि, Organic Farming में समय और मेहनत अधिक लगती है, लेकिन इसका परिणाम लाभकारी होता है।” Organic Farming में उत्पादन भले ही धीमी गति से होता है, लेकिन इससे किसानों को रसायनों पर निर्भरता कम होती है, जिससे उनके उत्पादन की गुणवत्ता भी उच्च स्तर की होती है।
भविष्य की योजनाएं (future plans)
रामजीत का उद्देश्य है कि वे जैविक खेती के बारे में अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करें और उन्हें इसकी तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराएं। उनका मानना है कि यदि हर किसान जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाए तो हम देश को एक स्वस्थ और समृद्ध खेती के मॉडल की ओर ले जा सकते हैं। भविष्य में, रामजीत का लक्ष्य Organic Farming को एक बड़े स्तर पर अपनाकर क्षेत्र के अन्य किसानों को इसका लाभ देना है। वह कहते हैं, “हमारा सपना है कि आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिले और इसके लिए जैविक खेती महत्वपूर्ण है।”
निष्कर्ष (Conclusion)
रामजीत कुशवाह का यह प्रयास जैविक खेती की ओर बढ़ते कदमों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। सरकारी योजनाओं का सहयोग लेते हुए, उन्होंने अपने क्षेत्र के किसानों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी है। उनके प्रयासों से न केवल भूमि की उर्वरता में सुधार हो रहा है, बल्कि किसानों को अधिक मुनाफा भी प्राप्त हो रहा है। Organic Farming के इस सफल मॉडल के जरिए रामजीत ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्राकृतिक और टिकाऊ कृषि पद्धति के माध्यम से भी हम आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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