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बिहार के वैशाली जिले के बखरी बड़ई गांव के प्रगतिशील किसान मुशर्रफ खलील ने कृषि में नई तकनीकों को अपनाकर न केवल अपनी उत्पादकता बढ़ाई है, बल्कि अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने हैं। 16-20 एकड़ भूमि पर अपनी कृषि गतिविधियों में नवीनतम तकनीकों का समावेश कर वे आधुनिक खेती के क्षेत्र में अग्रणी बन चुके हैं।
तकनीकी नवाचार: कृषि में क्रांति
मुशर्रफ खलील ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर खेती के तरीके में क्रांति ला दी है। उन्होंने डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) तकनीक को अपनाया है, जो धान, सरसों, गेहूं और दालों की बुवाई में मदद करती है। इस तकनीक से जल और श्रम की बचत होती है। इसके साथ ही, मक्के की बुवाई के लिए उन्होंने न्यूमेटिक प्लांटर का उपयोग किया है, जो बीजों की सटीकता सुनिश्चित करता है और उपज में वृद्धि करता है।
आंकड़े और लाभ
- DSR तकनीक से पारंपरिक धान रोपण की तुलना में 30-40% पानी की बचत होती है।
- न्यूमेटिक प्लांटर से 20-25% उत्पादन में सुधार हुआ है।
मुशर्रफ ने अपने खेतों में स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग किया, जो जल संरक्षण और पोषण वितरण में मदद करती है। ड्रिप सिंचाई के माध्यम से उन्होंने अपने फ़सलों के लिए पानी की खपत को 50% तक कम कर दिया है।
कृषि में नई तकनीक के माध्यम से सामूहिक विकास: FPO की स्थापना
मुशर्रफ खलील का दृष्टिकोण केवल अपनी खेती तक सीमित नहीं है; वे सामूहिक विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी लक्ष्य के साथ उन्होंने किसानों के लिए किसान उत्पादक संगठन (FPO) पंजीकृत किया। यह संगठन न केवल छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि उन्हें कृषि में नई तकनीक से अवगत कराता है और कृषि गतिविधियों को अधिक लाभकारी बनाता है।
FPO का उद्देश्य और महत्व
FPO के माध्यम से मुशर्रफ ने किसानों को संगठित किया ताकि वे अपने संसाधनों को साझा कर सकें और सामूहिक रूप से फ़सल उत्पादन, विपणन, और अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
प्रमुख उद्देश्य:
- बाज़ार में बेहतर मूल्य दिलाना:
- किसानों को उनके उत्पाद के लिए सीधे बाज़ार तक पहुंच प्रदान करना, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो और वे अपनी फ़सल का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।
- नवीनतम तकनीक सिखाना:
- मुशर्रफ ने किसानों को डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR), न्यूमेटिक प्लांटर, और ड्रिप इरिगेशन जैसी उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण दिया, जिससे उनकी उत्पादकता और आय दोनों में सुधार हुआ।
- सामूहिक खरीददारी:
- किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक, और मशीनरी सामूहिक रूप से खरीदने में सहायता करना, जिससे लागत कम हो सके और गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
कृषि में नई तकनीक से आर्थिक लाभ
FPO के माध्यम से, छोटे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए एक सशक्त मंच मिला। मुशर्रफ बताते हैं, “पहले किसान अपनी फ़सल को स्थानीय बाज़ार में बेचने को मजबूर थे। अब हम उन्हें बड़े थोक विक्रेताओं और प्रोसेसिंग कंपनियों से जोड़ते हैं, जिससे उन्हें 20-30% अधिक कीमत मिलती है।”
तकनीकी सहायता
- FPO ने किसानों को स्मार्ट खेती के उपकरण और तकनीकें अपनाने में सक्षम बनाया।
- उदाहरण: मक्के और गेहूं की फ़सल के लिए न्यूमेटिक प्लांटर का उपयोग किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हुआ, जिससे बीज की खपत में 15% कमी आई और उत्पादन में 25% वृद्धि हुई।
प्रशिक्षण और जागरूकता
FPO के माध्यम से किसानों को मिट्टी परीक्षण, जैविक खेती, और सिंचाई प्रबंधन पर साप्ताहिक कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इससे कृषि में नई तकनीक को लागू करने में मदद मिली और किसानों की उत्पादकता में सुधार हुआ।
कृषि समुदाय पर प्रभाव
मुशर्रफ का FPO छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। इसके माध्यम से:
- 200 से अधिक किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त हुआ।
- सिंचाई और जल प्रबंधन में सुधार हुआ, जिससे 40% तक पानी की बचत हुई।
- सामूहिक उत्पादन और विपणन के कारण किसानों को उर्वरकों और बीजों की लागत पर 10-15% की बचत हुई।
मुशर्रफ के शब्दों में, “FPO का उद्देश्य केवल किसानों को संगठित करना नहीं है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाना है। हमारा प्रयास है कि हर किसान अपने उत्पाद का सही मूल्य प्राप्त करे और तकनीकी ज्ञान से संपन्न हो। यह केवल कृषि में सुधार का नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण का भी प्रयास है।”
सरकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास
FPO के माध्यम से मुशर्रफ ने किसानों को सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ड्रिप इरिगेशन सब्सिडी, और सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम का लाभ दिलाने में मदद की है। इसके अलावा, उन्होंने किसानों को NABARD और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से जोड़कर उनकी कृषि योजनाओं में सुधार किया।
जैविक खेती की दिशा में कदम
मुशर्रफ ने अपनी भूमि पर जैविक खेती शुरू की है, जिसमें प्राकृतिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर उत्पाद प्रदान करती है।
पुरस्कार और सम्मान
मुशर्रफ को उनके नवाचारी प्रयासों के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। 2021 में उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा इनोवेटिव फार्मर अवॉर्ड प्रदान किया गया। यह सम्मान उनकी कृषि में नई तकनीक और नवाचारों के लिए दिया गया।
सरकारी योजनाओं का लाभ
मुशर्रफ ने अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए सरकारी सहायता ली है। यह प्रणाली न केवल जल बचाने में सहायक है, बल्कि फ़सलों की उत्पादकता भी बढ़ाती है।
डेटा:
- ड्रिप सिंचाई प्रणाली से 40-50% पानी की बचत और 20% तक फ़सल उत्पादन में वृद्धि होती है।
भविष्य की योजनाएं
मुशर्रफ का लक्ष्य है:
- FPO को 500 किसानों तक विस्तारित करना।
- किसानों को प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में सक्षम बनाना ताकि वे तैयार उत्पादों को सीधे बाज़ार में बेच सकें।
- जैविक उत्पादों को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ले जाना।
निष्कर्ष
मुशर्रफ खलील का सफर दर्शाता है कि कृषि में नई तकनीक और संगठित प्रयास किस तरह से कृषि में क्रांति ला सकते हैं। उनकी यह पहल न केवल बिहार के किसानों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। आधुनिक तकनीकों के साथ उनका जुड़ाव, जैविक खेती की ओर झुकाव और FPO की स्थापना उन्हें भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनाती है।
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