गयाप्रसाद खोरे: खेती में नई तकनीक से सफल व्यवसायी बनने की प्रेरक कहानी

गयाप्रसाद खोरे ने 35 वर्षों के अनुभव और खेती में नई तकनीक के जरिए कृषि की लागत घटाई और उत्पादन बढ़ाकर एक नई दिशा दी।

खेती में नई तकनीक new technology in agriculture

गयाप्रसाद खोरे, मध्य प्रदेश के हरदा जिले के दमोधरपुरा गांव के निवासी, खेती में नई तकनीक के माध्यम से एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। 5 फरवरी 1968 को जन्मे गयाप्रसाद ने 35 वर्षों के अनुभव और समर्पण के साथ कृषि को नई दिशा दी है। उन्होंने नई तकनीकों और पर्यावरण-अनुकूल पद्धतियों का उपयोग कर खेती की लागत कम की और उत्पादन को बढ़ाया।

खेती में नई तकनीक का उपयोग (use of new technology in farming)

गयाप्रसाद खोरे ने खेती में नई तकनीक का उपयोग करके न केवल उत्पादन को बढ़ाया, बल्कि पर्यावरण और मिट्टी की गुणवत्ता को भी बेहतर किया। उनकी अपनाई गई तकनीकें खेती को एक लाभकारी और स्थिर व्यवसाय में बदलने में सफल रही हैं।

  1. प्राकृतिक और बेड पद्धति खेती
    गयाप्रसाद ने प्राकृतिक खेती में बेड पद्धति का उपयोग किया है। इस पद्धति से मिट्टी का कटाव रुकता है, और पौधों की जड़ों को बेहतर पोषक तत्व और ऑक्सीजन मिलते हैं। इस तकनीक से फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है और लागत में भी कमी आई है।
  2. जैविक खाद और प्राकृतिक कीटनाशक का उपयोग
    गयाप्रसाद पूरी तरह से जैविक खाद जैसे केंचुआ खाद, गोबर खाद और नीम ऑयल का उपयोग करते हैं। इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और रासायनिक कीटनाशकों से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाव होता है। यह खेती में नई तकनीक की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
  3. कृषि उपकरणों में नवाचार
    गयाप्रसाद ने पारंपरिक रोटावेटर की जगह पटा लगाने की तकनीक अपनाई है। इससे ट्रैक्टर पर कम लोड पड़ता है, डीजल की खपत घटती है और समय की बचत होती है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सीधी लाइन निकालने के लिए एक नया सिस्टम विकसित किया है, जिससे पौधों के बीच पर्याप्त स्थान मिलता है और स्प्रे व निदाई की प्रक्रियाएं आसान होती हैं। यह भी खेती में नई तकनीक का बेहतरीन उदाहरण है।

उत्पादन में रिकॉर्ड सफलता (Record success in production)

गयाप्रसाद ने अपनी उन्नत तकनीकों से विभिन्न फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन प्राप्त किया है। उनकी तकनीकों ने खेती को एक लाभकारी व्यवसाय में बदलने में मदद की है।

  • तरबूज उत्पादन: गयाप्रसाद ने बीज लगाने के बाद दो बार फसल उत्पादन की तकनीक अपनाई और प्रति एकड़ 300 कुंतल तरबूज उत्पादन किया।
  • दलहन उत्पादन: मक्का, चना, गेहूं और अरहर जैसी फसलों में उन्नत तकनीक से अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया।
    • खरीफ मक्का: 29 कुंतल प्रति एकड़
    • रवि मक्का: 48 कुंतल प्रति एकड़
    • अरहर: 13 कुंतल प्रति एकड़
    • गेहूं: 33 कुंतल प्रति एकड़
    • चना: 15.50 कुंतल प्रति एकड़

लेंस और सोशल मीडिया का उपयोग (Use of lenses and social media)

गयाप्रसाद ने खेती में नई तकनीक का उपयोग करने के साथ-साथ सूक्ष्म कीटों का निरीक्षण करने के लिए लेंस का इस्तेमाल किया। उन्होंने किसानों के लिए सोशल मीडिया पर समूह बनाकर खेती से संबंधित जानकारी साझा की। वह PDF के माध्यम से मक्का, चना, मूंग और गेहूं की खेती पर जानकारी देते हैं।

कृषि में अनुभव और नवाचार (Experience and innovation in agriculture)

गयाप्रसाद खोरे के पास 35 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने अपनी मेहनत और नवाचार के माध्यम से खेती को एक व्यवसायिक और लाभकारी गतिविधि बना दिया है। उनकी तकनीकों ने खेती में नई तकनीक का मार्ग प्रशस्त किया है और अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है।

सरकारी योजनाओं का लाभ और आर्थिक स्थिति (Benefits of government schemes and financial condition)

गयाप्रसाद ने अब तक किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है, लेकिन उनकी वार्षिक आय 1-10 लाख रुपये के बीच है। यह दिखाता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल कर वह आर्थिक रूप से स्थिर हैं।

भविष्य की योजनाएं (future plans)

गयाप्रसाद का उद्देश्य अपनी तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाना है। वह चाहते हैं कि अन्य किसान भी उनकी तकनीकों को अपनाकर अपनी खेती को लाभकारी बनाएं। इसके अलावा, वह जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रयास करने का विचार रखते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

गयाप्रसाद खोरे जैसे प्रगतिशील किसान उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो खेती को पारंपरिक तरीके से करते हैं। उनकी खेती में नई तकनीक और नवाचारों ने न केवल उत्पादन बढ़ाया है, बल्कि पर्यावरण और किसानों की आय को भी सशक्त किया है। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि समर्पण, मेहनत और नई तकनीक के माध्यम से कोई भी किसान अपनी पहचान बना सकता है और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय में बदल सकता है।

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सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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