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राजस्थान के राजसमंद जिले के छोटे से गांव में रहने वाले मोती सिंह रावत ने अपनी मेहनत और ज्ञान से जैविक खेती को अपनाकर न केवल अपनी आय में सुधार किया है, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बने हैं। मोती सिंह का मानना है कि Organic Farming न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक अच्छा विकल्प है। उन्होंने अपने खेतों में Organic Farming की पद्धतियों का पालन करके यह साबित कर दिया कि जब सही तकनीक और प्रयास हो, तो जैविक खेती से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
जैविक खेती की शुरुआत और उसकी महत्वता (Introduction of organic farming and its importance)
मोती सिंह रावत का कहना है, “मैंने जैविक खेती की शुरुआत तब की, जब मुझे एहसास हुआ कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग से न केवल पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि किसानों की आय पर भी असर पड़ता है।” उन्होंने अपनी खेती में प्राकृतिक उत्पादों जैसे बीजामृत और जीवामृत का उपयोग शुरू किया। इसके साथ ही, वह ब्रह्मास्त्र, निंबास्त्र और अग्नास्त्र के माध्यम से कीटों से सुरक्षा करते हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं। मोती सिंह के अनुसार, जैविक खेती के फायदे कई गुना हैं और यही कारण है कि उन्होंने इसे अपने खेतों में अपनाया।
जैविक खेती के फायदे और उत्पादन में वृद्धि (Advantages of organic farming and increase in production)
मोती सिंह ने अपने खेतों में जैविक तकनीकों को अपनाकर फ़सल की उत्पादकता में न केवल वृद्धि की, बल्कि उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि उनका उत्पादन स्वस्थ और रासायनिक मुक्त हो। वह अपने खेतों में ड्रिप और फव्वारा सिंचाई का उपयोग करते हैं, जिससे पानी की बचत होती है और पौधों को समय पर जल आपूर्ति मिलती है। इसके अलावा, वह गोबर, पानी, और गोमूत्र को मिलाकर पंचगव्य रसायन तैयार करते हैं, जिसका उपयोग वे अपनी फ़सलों के लिए करते हैं। इस रसायन के उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और फ़सल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
“जैविक खेती के कारण मेरी मिट्टी की सेहत भी सुधरी है, और फ़सल का उत्पादन बढ़ा है,” मोती सिंह बताते हैं। उनका मानना है कि Organic Farming से न केवल भूमि का संतुलन बना रहता है, बल्कि यह किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से भी फ़ायदेमंद है।
सम्मान और पुरस्कार (Honours and Awards)
मोती सिंह रावत की मेहनत और सफलता को कई मंचों पर सराहा गया है। उन्हें 2013 में “कृषक सम्राट सम्मान” से नवाजा गया था, जो महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी द्वारा दिया गया था। इसके अलावा, 2012 में गुजरात के गांधीनगर में आयोजित “बेस्ट प्रैक्टिस इन एग्रीकल्चर” कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्हें कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं, जैसे “कृषक हलधर रत्न” और “जिला स्तरीय सम्मान”। मोती सिंह की मेहनत को देखते हुए उन्हें 2018 में “कर्म श्री अवार्ड” भी मिला। यह सभी पुरस्कार उनकी Organic Farming के प्रति समर्पण और कड़ी मेहनत का परिणाम हैं।
सामाजिक योगदान और प्रेरणा (Social contribution and motivation)
मोती सिंह रावत ने केवल अपनी आय बढ़ाने के लिए जैविक खेती को नहीं अपनाया, बल्कि उन्होंने अन्य किसानों को भी इसके फायदे समझाए और उन्हें Organic Farming की ओर प्रेरित किया। उनके खेतों की सफलता देखकर गांव के अन्य किसान भी जैविक खेती की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने गांव के कुछ किसानों को वर्मी कम्पोस्ट और जैविक उर्वरकों के बारे में बताया और उन्हें इनका उपयोग करने की सलाह दी।
“मुझे खुशी है कि मेरे प्रयासों से अब गांव में Organic Farming की ओर रुझान बढ़ा है,” मोती सिंह कहते हैं। उन्होंने सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठाया है, जैसे 2012 में 1008 वर्ग मीटर में ग्रीन हाउस का निर्माण कराया। इस ग्रीन हाउस का उपयोग वह अपनी फ़सलों की सुरक्षा और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए करते हैं।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं (Challenges and future plans)
हालांकि मोती सिंह को जैविक खेती से काफी सफलता मिली है, लेकिन उन्होंने शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना किया था। उन्हें शुरू में Organic Farming के सही तरीके और तकनीकी जानकारी का अभाव था, लेकिन उन्होंने कठिनाईयों का सामना किया और सीखते हुए अपने खेतों में जैविक खेती को सफलतापूर्वक लागू किया।
आने वाले समय में, मोती सिंह Organic Farming को और भी बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। वह नए क्षेत्रों में भी जैविक खेती की शुरुआत करना चाहते हैं और अपनी खेती के उत्पादों को बड़े बाज़ारों में भी बेचना चाहते हैं। उनका मानना है कि यदि किसानों को उचित मार्गदर्शन और सरकार से सहयोग मिले, तो जैविक खेती का विस्तार हो सकता है, जिससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि देश के लोगों को भी स्वस्थ और जैविक खाद्य पदार्थ मिल सकेंगे।
निष्कर्ष (conclusion)
मोती सिंह रावत की सफलता की कहानी यह दर्शाती है कि जैविक खेती न केवल किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। उनके प्रयासों से यह साबित होता है कि सही तकनीक और मेहनत के साथ Organic Farming से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। मोती सिंह जैसे किसान अपने समुदाय के लिए प्रेरणा हैं और उनके जैसे लोग भारतीय कृषि में बदलाव ला सकते हैं। Organic Farming के प्रति उनका समर्पण और प्यार ही उनकी सफलता का कारण है।
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