Table of Contents
कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) एक क्रांति की तरह है। ये दुनिया भर में एक बड़ा विषय बन चुका है। आज के वक्त में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कृषि क्षेत्र में बहुत ज़्यादा इस्तेमाल डायरेक्ट एप्लिकेशन में देखा जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) ना सिर्फ समाधान बल्कि किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा देने में सक्षम बना रहा है। इसके साथ ही कृषि उत्पादों के गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है। उत्पादों की मार्केटिंग के तरीकों और पहुंच भी सुनिश्चित हो रही है।
कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) कई क्षेत्रों और बिजनेस में अपनी पहुंच को बढ़ाता जा रहा है। ये कई वजहों से काफी उत्साह भी पैदा कर रहा है। कृषि और कृषि उद्योगों में इसके उपयोग और प्रभावों को भी देखा जा रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है?
AI, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का शॉर्ट फॉर्म है। टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनी HCL Tech ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को इस तरह से परिभाषित किया है “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसी मशीनें बनाने का विज्ञान है जो इंसानों की तरह सोच सकती हैं, ये ऐसे काम कर सकता है जिन्हें “स्मार्ट” माना जाता है।
एआई टेक्नोलॉजी इंसानों के विपरीत, बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित कर सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का टार्गेट इंसानों की तरह पैटर्न पहचानने, फैसले लेने जैसी चीजें करने में लायक़ होना है।
एप्पल का सिरी, अमेजॉन का एलेक्सा और गूगल का जेमिनी
जब साल 2017 में AI न्यूज में आया तो इसने तहलका मचा दिया, क्योंकि Google, Microsoft जैसी कंपनियां AI एप्लिकेशन को डेवलप करने में अरबों डॉलर खर्च कर रही थी। एप्पल का सिरी और अमेजॉन एलेक्सा एक AI बेस्ट असिस्टेंट हैं। वहीं आज के वक्त में सबसे पापुलर चैट जीपीटी AI बेस्ड एप्लिकेशन है।
AI के साथ एग्रीकल्चर का जोड़ शानदार नतीजे दिखा रहा है और आने वाले वक्त में इसका एक अपना सेक्टर होगा। जैसे आप अपनी उपज को देखते हुए सिरी से पूछ सकते हैं आज आपके शहर में कब बारिश होगी वगैरह। हाल ही में गूगल ने अपना एआई बेस्ड जेमिनी एप लॉन्च किया है।
कृषि और डेयरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और मशीन लर्निंग में डेवलपमेंट होने से पेड़-पौधों, खरपतवारों, कीटों और बीमारियों की पहचान और प्रबंधन आसान होता जा रहा है, साथ ही रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी के विकास से ये और अधिक कृषि को सक्षम बना रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) से किसानों को समाधान मिल रहा है जिससे ना के सिर्फ वक्त की बर्बादी को कम किया जा रहा है बल्कि कृषि गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है।
कृषि और रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी
रिमोट सेंसिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और इमेज बेस्ड प्रिसिजन फार्मिंग का इस्तेमाल मौसम विज्ञान, मिट्टी की हेल्थ रिपोर्ट, कृषि पर शोध, बारिश, कीट संक्रमण और फसलों में रोगों से संबंधित इंटेलिजेंट डेटा का यूज किया जा रहा है,साथ ही ड्रोन के ज़रीय इमेजरी का इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें गहराई से फील्ड एनालिस्ट, क्रॉप मॉनिटरिंग और फील्ड सर्वे शामिल है।
कृषि और खेती में AI का इस्तेमाल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का कृषि उद्योग में आ जाने से इसका तेजी से विकास शुरू हो गया है। खेत की मिट्टी से लेकर फसलों की पैदावार बढ़ाने, मौसम के मिजाज़ तक की भविष्यवाणी AI की मदद से हो रही है, इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में नये नये डेवलपमेंट, रिसर्च, संसाधन प्रबंधन को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की मदद से किया जा रहा है।
मशीनें मिट्टी की सेहत को जान पा रही हैं, फसलों के स्वास्थ्य की निगरानी भी कर रही है, डेयरी क्षेत्र में पशुओं के स्वास्थ्य से लेकर उनपर निगरानी भी कर रही है। फसलों की कटाई में भी भूमिका निभा रही है। ड्रोन की मदद से दवाइयों का छिड़काव और नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों को भी खड़ी फसलों से दूर कर रही है।
AI की मदद से फसलों की मार्केटिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का कृषि में इस्तेमाल करके किसान अपने फसलों की मार्केटिंग से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन, फसल प्रबंधन, डेयरी प्रबंधन का डेटा-संचालित कर सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से किसान उत्पादकता बढ़ाने में मदद ले सकते हैं।
AI से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
भारत का कृषि क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद का 18 फीसदी हिस्सा है जो 50 प्रतिशत लोगों को प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है। कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के आने से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे उनके आय के साथ ही उनकी लाइफ में भी बदलाव देखने को मिलेगा।
माइक्रोसॉफ्ट का हाथ भारतीय किसानों के साथ
आपको बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट वर्तमान में आंध्र प्रदेश में 175 किसानों के साथ कृषि, भूमि और उर्वरक सलाहकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेवाएं (Artificial Intelligence Service) प्रदान कर रही है, जिससे वहां पर इसका अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रति हेक्टेयर औसत 30 फीसदी की उपज अधिक हुई है।
वहीं महाराष्ट्र के बारामती जि़ले में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की मदद लेकर फसलें उगाई गई। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की हेल्प लेकर यहां पर गन्ने के खेती के साथ ही सब्जियां जैसे भिंडी, टमाटर, मिर्च, तरबूज, कद्दू, पत्तागोभी जैसी फसलें उगाई जा रही हैं।
अलग-अलग तरह के सेंसर जो फसलों के स्वास्थ्य के बारें में जानकारी देते हैं। ये सेंसर मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस के साथ ही तापमान और हवा के रुख के बारें में भी बताते हैं। हवा की नमी को मापने की प्रणाली को यूज हो रहा है। वहीं हवा के कारण होने वाले रोगों के ज़िम्मेदार सूक्ष्म बैक्टीरिया पर भी निगरानी कर रहे हैं।
डेयरी और पशुधन स्वास्थ्य निगरानी और प्रबंधन
देश के कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पशु स्वास्थ्य पर भी अपनी भूमिका निभा रहा है। पशुधन प्रबंधन (livestock management) में बदलाव लानें की महत्वपूर्ण कोशिशें की जा रही हैं। पशुओं के स्वास्थ्य की निगरानी से लेकर उनके भोजन और उनके बिहेवियर को लेकर भी निगरानी की मदद से की जा रही है।
डेयरी उद्योग में दूध और उससे बनने वाले उत्पादों की शेल्फ लाइफAI प्रक्रिया में एआई का मदद ली जा रही है। गायों या भैसों में होने वाली समस्या का पता लगाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का यूज हो रहा है।