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भारत सरकार ने किसानों की आय को सुरक्षित करने और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान Pradhan Mantri Annadaata Aay Sanrakshan Abhiyaan यानि PM-AASHA को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत सरकार दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सुनिश्चित करती है। ये योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है क्योंकि ये न सिर्फ उनकी मेहनत का सही मूल्य देती है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी उचित दर पर खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराती है।
पीएम-आशा योजना क्या है?
पीएम-आशा (PM-AASHA) योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाना और ज़रूरी वस्तुओं की कीमतों में मज़बूती बनाए रखना है। इस योजना के तहत सरकार पहले से रजिस्टर किसानों से केंद्रीय नोडल एजेंसियों (NAFED और NCCF) के ज़रीये से MSP पर उनकी उपज खरीदती है। इसका उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि किसानों को बाजार की अस्थिरता से प्रभावित हुए बिना उनकी उपज का उचित मूल्य मिले।
पीएम-आशा योजना के प्रमुख भाग
ये योजना तीन महत्वपूर्ण घटकों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है:
मूल्य समर्थन योजना (PSS): इसके तहत सरकार दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद सीधे किसानों से MSP पर करती है।
मूल्य कमी भुगतान योजना (PDPS): इसमें किसानों को उनकी उपज की MSP और बाजार मूल्य के बीच के अंतर का भुगतान किया जाता है।
निजी भंडारण सहायता योजना (PPPS): इसमें निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे भी किसानों की उपज को उचित मूल्य पर खरीदें।
2024-25 के लिए 100 फ़ीसदी ख़रीद की मंजूरी
भारत सरकार ने 2024-25 में तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की 100% खरीद की अनुमति दे दी है। यानी अब राज्य जितना उत्पादन करेगा, सरकार उतनी ही मात्रा में उसकी खरीद सुनिश्चित करेगी। यह निर्णय किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ दालों के आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा।
बजट 2025 में बड़ा ऐलान
बजट 2025 में सरकार ने घोषणा की है कि अगले चार वर्षों तक तुअर, उड़द और मसूर की 100% खरीद जारी रखी जाएगी। इससे किसानों को लाभ मिलेगा और देश में दालों की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होगी। यह निर्णय ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
किन राज्यों को मिलेगा फ़ायदा?
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2024-25 सीजन के लिए आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 13.22 लाख मीट्रिक टन तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है।
अब तक कितनी खरीद हुई?
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में खरीद पहले ही शुरू हो चुकी है और 15 फरवरी 2025 तक 0.15 लाख मीट्रिक टन तुअर की खरीद की जा चुकी है। इससे 12,006 किसानों को सीधा लाभ मिला है।
किसानों के लिए बड़ा संकल्प
भारत सरकार NAFED और NCCF के माध्यम से 100% तुअर की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मतलब यह है कि कोई भी किसान अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होगा। यह योजना किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।
पीएम-आशा योजना के लाभ
1. किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा।
2.दलहन और तिलहन की कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी।
3.आम उपभोक्ताओं को उचित दाम पर अनाज मिलेगा।
4.आयात पर निर्भरता कम होगी और देश आत्मनिर्भर बनेगा।
5. किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) किसानों के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इस योजना से न केवल किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल रहा है, बल्कि यह कृषि क्षेत्र को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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