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मिजोरम के कोलासिब जिले के हमारवेंग में रहने वाली श्रीमती एफ. लालछुआनावमी ने Integrated Farming System (IFS) अपनाकर अपनी खेती को नई दिशा दी है। 2018 से पहले वे पारंपरिक झूम खेती करती थीं, जिससे उनकी आय सीमित थी। लेकिन ICAR-NEH मिजोरम केंद्र से सहायता प्राप्त करने के बाद, उन्होंने पॉलीहाउस में फूलों, फलों और सब्जियों की खेती शुरू की और साथ ही सूअर पालन को भी अपनाया। इस Integrated Farming System के जरिए उन्होंने अपनी खेती में एक स्थिरता और अधिक मुनाफ़ा हासिल किया।
एकीकृत कृषि प्रणाली से बेहतर आय (Better income from integrated farming system)
फूलों की खेती (Flower farming)
लालछुआनावमी ने Integrated Farming System (IFS) के तहत एंथुरियम फूलों की खेती शुरू की, जिससे उन्हें 1,72,380 रुपये की सकल आय प्राप्त हुई। इसके साथ ही उन्हें 1,27,200 रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। उनका निवेश-लाभ अनुपात 1:2.82 था, और रासायनिक उर्वरकों में 53.14% की कमी आई, जिससे यह मॉडल अधिक पर्यावरण-अनुकूल और लागत-कुशल बन गया।
फलों की खेती (Fruit farming)
लालछुआनावमी ने केले और ड्रैगन फ्रूट की खेती भी की, जिससे उन्हें 2,24,000 रुपये की सकल आय प्राप्त हुई और 1,79,722 रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। इन फ़सलों की खेती में Integrated Farming System के तहत सूअर की खाद का जैविक उर्वरक के रूप में उपयोग किया गया, जिससे रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता में कमी आई। इसका निवेश-लाभ अनुपात 1:4.06 रहा, जो उनकी खेती के आर्थिक लाभ को दर्शाता है।
सूअर पालन (Pig Farming)
Integrated Farming System में सूअर पालन को भी शामिल किया गया। सूअर पालन से उन्हें 2,52,370 रुपये की सकल आय प्राप्त हुई और 1,83,510 रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। सूअर की खाद का उपयोग रासायनिक उर्वरकों की खपत में 52-65% कमी करने में सफल रहा, जिससे उनका मॉडल और भी स्थिर और पर्यावरण के अनुकूल बना।
उल्लेखनीय विकास और आर्थिक लाभ (Remarkable growth and economic gains)
Integrated Farming System (IFS) को अपनाने के बाद लालछुआनावमी के खेत की उत्पादकता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। मक्का समतुल्य उपज (MEY) 15.261 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 62.825 टन/हेक्टेयर हो गई। उनकी वार्षिक शुद्ध आय 5,38,632 रुपये तक पहुंच गई और लाभ:लागत अनुपात 1.37 से बढ़कर 2.92 हो गया। यह Integrated Farming System के सफल परिणाम को दर्शाता है, जो पारंपरिक खेती की तुलना में कहीं ज्यादा लाभकारी और स्थिर है।
टिकाऊ खेती का एक मॉडल (A model of sustainable farming)
Integrated Farming System के तहत खेती में मिट्टी की क्षति में कमी आई है, खेतों में उत्पन्न होने वाले कचरे का पुनर्चक्रण किया जा रहा है, और उनके परिवार को साल भर खाद्य सुरक्षा प्राप्त हो रही है। इसके अलावा, इस प्रणाली ने स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर उत्पन्न किए हैं, जो लगभग 1,417 श्रम दिवस प्रति वर्ष हैं।
व्यावसायिक विस्तार (Business Expansion)
2023 में, लालछुआनावमी ने अपने व्यापार को और विस्तार दिया और dragon fruit juice और wine का उत्पादन शुरू किया। कोलासिब एग्रो मार्केटिंग को-ऑपरेटिव (KAMCO) के जरिए उन्होंने बाज़ार से संपर्क स्थापित किया, जिससे उनके उत्पादों को एक बड़े बाज़ार तक पहुंचने का अवसर मिला।
जनजातीय किसानों के लिए प्रेरणादायक सफलता (Inspiring success for tribal farmers)
लालछुआनावमी की सफलता की कहानी इस बात का प्रतीक है कि tribal farmers के लिए Integrated Farming System (IFS) एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने Integrated Farming System अपनाकर न सिर्फ़ अपनी आजीविका में सुधार किया, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने में भी मदद पाई। उनका यह मॉडल मिजोरम के अन्य tribal farmers के लिए एक प्रेरणा बन गया है।
भविष्य के लिए एक आदर्श मॉडल (A role model for the future)
Integrated Farming System के जरिए लालछुआनावमी ने यह साबित कर दिया कि tribal farmers यदि आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाते हैं तो न केवल उनकी आय में वृद्धि हो सकती है, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद कर सकते हैं। उनके द्वारा अपनाया गया यह मॉडल मिजोरम और अन्य राज्यों के tribal farmers के लिए एक आदर्श बन सकता है, जो उन्हें स्थिरता और आर्थिक सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
लालछुआनावमी की सफलता का यह उदाहरण यह बताता है कि Integrated Farming System के जरिए tribal farmers अपने कृषि कार्य को कैसे सुधार सकते हैं। उनके द्वारा अपनाई गई कृषि प्रणाली ने न केवल उनके परिवार की आय को बढ़ाया, बल्कि यह मिजोरम में tribal farmers के लिए एक नया दिशा दिखाने वाला उदाहरण बन गई है। IFS के जरिए tribal farmers स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं और अपनी खेती को आर्थिक रूप से लाभकारी बना सकते हैं।
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