Pig Farming In India: सूअर पालन व्यवसाय को लेकर क्या है बाज़ार? सरकार देती है सब्सिडी और लोन

सूअर की खाल से मैट, पैराशूट, मोम, उर्वरक, क्रीम, मलहम और रसायन बनाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। बटन, जूते के फीते, दवाइयां, सॉसेज, थाइमस, अग्न्याशय, अग्न्याशय, थायरॉयड, अग्न्याशय से संबंधित दवाईयां इससे बनती हैं। पशु चारा, उर्वरक, और कपड़ों की रंगाई और छपाई के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। सूअर पालन के लिए सरकार लोन देती है।   

सूअर पालन

सूअर पालन का व्यवसाय तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। सूअर पालन का बिजनेस  भारतीयों में  कृषि से जुड़े लोगों के लिए लाभदायक हो रहा है। सूअर पालन कुछ सालों पहले अच्छा व्यवसाय नहीं माना जाता था, लेकिन आज के वक्त में इस व्यवसाय को लेकर लोगों की सोंच बदल गई हैं। भारत में सूअर पालन (Pig Farming In India) का बिज़नेस आर्थिक रूप से एक विशेष वर्ग का व्यवसाय नहीं रह गया है। 

सूअर के मीट प्रोडक्शन की दृष्टि से वैश्विक स्तर पर सूअरों की अनेक अच्छी नस्लों का बिज़नेस किया जा रहा है। अच्छी नस्लों के पालन के साथ उद्योग शुरू किया जा सकता है। भारत में ये रोजगार का एक अच्छा ऑप्शन उभर कर आया है। दुनिया भर में इसके मांस की मांग सबसे अधिक है, इसके अलावा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट और दवाओं में भी इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है। समय के साथ बदलती सोंच ने इस व्यवस्या को आगे बढ़ाने का काम किया है। सूअर पालन के लिए सरकार लोन भी देती है, साथ ही सब्सिडी की भी व्यवस्था है।

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भारत में सूअर पालन के लाभ

  • भारत में सूअर पालन का व्यवसाय करने के कई सारे लाभ हैं। इसके मीट में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। सूअर के बालों से ब्रश बनाए जाते हैं। 
  • सूअर की खाल से मैट, पैराशूट तैयार किये जाते हैं। मोम, उर्वरक, क्रीम, मलहम और रसायन बनाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। बटन, जूते के फीते, दवाइयां, सॉसेज, पशु चारा, उर्वरक, और कपड़ों की रंगाई और छपाई के लिए भी उपयोग में लाया जाता है
  • सूअर बहुत तेजी के साथ बढ़ते हैं। एक मादा सूअर 8- 9 महीने में मां बन सकती है और वो प्रत्येक प्रसूति में 8 से 12 बच्चों को जन्म देती हैं। मादा सूअर साल में दो बार प्रेगनेंट होती है। 
  • कई मानव औषधियां पैराथाइरॉइड ग्रंथि, थाइमस, अग्न्याशय, अग्न्याशय, थायरॉयड, अग्न्याशय से संबंधित दवाईयां इससे बनती हैं। 
  • सूअर के मांस से विदेशों में भेजने वाला बेकन, हैम, लार्ड, पोर्क, सॉस वगैरह निर्यात किया जाता है। 

कैसे शुरू करें सूअर पालन बिज़नेस?

सूअर पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे पहले इसके बारें में ट्रेनिंग जरूर लें। सूअर पालन के लिए कुछ विशेष तरीकों के बारें में जानना बहुत ज़रूरी है। इसके बाद दूसरी ज़रूरी चीज़ है जगह का चयन करना। सूअर पालन के लिए ऐसी जगह को चुनना जरूरी है जहां पर साफ और ताज़ा पानी मिल सके। एक शांत और बिना शोर वाले क्षेत्र का चयन करें। अच्छे परिवहन व्यवस्था का होना जरूरी है। सूअरों का अच्छे उत्पादक नस्लों का होना चाहिए। कई तरह की सूअर प्रजातियां आपको मिल जाएंगी लेकिन व्यावसायिक उत्पादन के लिए उत्पादक नस्लों को चुनें।  

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सूअरों की ब्रीडिंग

सूअरों में मेल और फीमेल दोनों 8 महीने की उम्र में प्रजनन योग्य हो जाते हैं। एक मादा सूअर दो से दस दिन बच्चों को दूध पिलाने के बाद दोबारा से प्रेगनेंट हो जाती है। सूअरों की गर्भावस्था अवधि 115 दिनों से अधिक नहीं है। एक मादा सूअर साल में दो बार बच्चों को जन्म देती है। हर बार 8 से 12 बच्चों का जन्म होता है। 

कैसे कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा?

सूअर पालन व्यवसाय में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। सूअरों की प्रजनन क्षमता सबसे ज़्यादा होती है, जिससे ये सबसे अधिक बच्चे देती है। मादा सूअर एक बार में 8 से लेकर 12 बच्चों को जन्म देती है। सूअर से ज्यादा मात्रा में मांस मिलता है। इसका मांस बेचकर  अच्छा मुनाफा मिलता है। वहीं इसके मांस से अलग-अलग तरह की दवाइयां, चिकनाई, क्रीम के साथ ब्रश बनता है। इसके मांस से अलग अलग प्रोडक्ट बनाकर विदेशों में निर्यात किया जाता है। सूअर पालन बिजनेस से आप 2-3 लाख रुपए की लागत लगाकर सालभर में 3 लाख रुपए बड़े आराम से कमा सकते हैं। अधिक मुनाफ़े को देखते हुए अब शहरों में भी सूअर पालन का व्यवसाय लोग अपना रहे हैं।   

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सूअर पालन के लिए मिलने वाली सब्सिडी

सूअर पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए उनकी अच्छी प्रजाति और संख्या पर ध्यान देना ज़रूरी है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सरकारी बैंको और नाबार्ड सूअर पालकों को लोन देता है, साथ ही बैंक और नाबार्ड सब्सिडी भी प्रदान करता है। अगर आप सूअर पालन योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन करते हैं, तो सरकार 1 लाख तक की धन राशि पर सब्सिडी देती है। नाबार्ड की योजनाओं पर भी आपको छूट मिलती है। 

सुअर पालन बिज़नेस के लिए सब्सिडी और लोन  

सुअर पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आपको नज़दीकी बैंक में जाकर आवेदन करना होगा। बैंक से लोन की राशि पर कम ब्याज दर प्राप्त करने के लिए आप अपने नाबार्ड खेती परियोजना अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए नजदीकी बैंक से संपर्क कर सकते हैं। 

 लोन और सब्सिडी के लिए कौन हैं पात्र?  

  • सूअर पालन योजना का फायदा उठाने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। 
  • जो शख्स लोन और सब्सिडी चाहता है उसकी आयु 18 साल  या उससे अधिक होनी चाहिए।
  • अपने क्षेत्र के निगम अधिकारी की परमीशन जरूरी है। 

सूअर पालन बिज़नेस की मार्केटिंग

अगर आप सूअर पालन का बिजनेस कर रहे हैं तो इसकी मार्केटिंंग बहुत आसान है। आप इसे अपने आसपास के बाज़ार या फिर बड़े बाजारों में  भी बेच सकते हैं। इसका मीट एक्सपोर्ट किया जाता है। साथ ही इससे बनने वाले उत्पादों की मांग विदेशों में हैं।  

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