Ornamental Kale Farming: सजावटी केल की खेती करके कम लागत में पाएं ज्यादा मुनाफ़ा

सजावटी केल (Ornamental Kale) बहुत ही ख़ूबसूरत पत्तेदार पौधा है, जिसे ख़ासतौर से  से बगीचों, पार्कों और घर के डिजाइनों को अट्रैकटिव बनाने के लिए उगाया जाता है। ये पौधा न सिर्फ अपनी घुंघराली, चमकीली और रंगीन पत्तियों के कारण फेमस है, बल्कि इसकी खेती भी एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकती है। इसकी मांग नर्सरी, होटल, रिसॉर्ट, बागवानी एक्सपर्ट और लैंड स्केप डिजाइनरों के बीच ज़्यादा होती है। इसके अलावा, केल पोषण से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है। सजावटी केल (Ornamental Kale) ठंडे मौसम में अच्छी तरह से बढ़ता है। 

Ornamental Kale Farming: सजावटी केल की खेती करके कम लागत में पाएं ज्यादा मुनाफ़ा

सजावटी केल (Ornamental Kale) बहुत ही ख़ूबसूरत पत्तेदार पौधा है, जिसे ख़ासतौर से  से बगीचों, पार्कों और घर के डिजाइनों को अट्रैकटिव बनाने के लिए उगाया जाता है। ये पौधा न सिर्फ अपनी घुंघराली, चमकीली और रंगीन पत्तियों के कारण फेमस है, बल्कि इसकी खेती भी एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकती है। इसकी मांग नर्सरी, होटल, रिसॉर्ट, बागवानी एक्सपर्ट और लैंड स्केप डिजाइनरों के बीच ज़्यादा होती है। इसके अलावा, केल पोषण से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है। सजावटी केल (Ornamental Kale) ठंडे मौसम में अच्छी तरह से बढ़ता है। 

उपयुक्त जलवायु और मिट्टी

केल की खेती के लिए जलवायु ठंडी जलवायु (15-25°C) होनी चाहिए। इससे इसे अच्छी वृद्धि मिलती है। ये हल्के पाले को भी सहन कर सकता है। केल के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। मिट्टी का pH 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए। सूरज की रोशनी केल की खेती के लिए काफी अहम है। पूर्ण सूर्यप्रकाश या हल्की छाया में अच्छी वृद्धि होती है।

 केल की उन्नत किस्में

‘Nagoya’ सीरीज – हरी, बैंगनी, गुलाबी और सफेद पत्तियों वाली किस्में।

‘Peacock’ सीरीज – हल्के और गहरे रंगों वाली खूबसूरत किस्में।

‘Chidori’ सीरीज – ठंड में रंग और भी गहरा हो जाता है।

केल की बुवाई और रोपाई

बीज बुवाई का समय: केल को  ठंडे मौसम की शुरुआत (अगस्त-अक्टूबर) में बीज बोएं।

बीज से पौधा तैयार करना: बीजों को 1-1.5 सेमी गहराई में बोएं और 10-12 दिनों में अंकुरण हो जाएगा।

रोपाई: इसके लिए  25-30 दिन पुराने पौधों को खेत में 30-40 सेमी की दूरी पर रोपें।

सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन

सिंचाई: हल्की नमी बनाए रखें, अधिक पानी से जड़ सड़न की समस्या हो सकती है।
उर्वरक:नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (10:10:10) की संतुलित मात्रा दें। जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट डालें।

 देखभाल और रोग नियंत्रण

कीट: एफिड्स, केटरपिलर, और स्लग से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों (नीम तेल) का प्रयोग करें।

रोग: फफूंद जनित रोगों से बचाव के लिए खेत में उचित जल निकासी का ध्यान रखें और आवश्यकता अनुसार फफूंदनाशक का उपयोग करें।

 कटाई और बाजार

कटाई: बुवाई के 60-90 दिनों बाद सजावटी रूप से उपयोग के लिए तैयार हो जाता है।

बाजार:

  • नर्सरी और गार्डन सेंटर: सबसे प्रमुख खरीदार।
  • होटल, रिसॉर्ट और शादी-विवाह स्थल: सजावट के लिए मांग रहती है।
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइटों पर पौधे बेचे जा सकते हैं।

 मुनाफा और व्यवसाय संभावनाएं

प्रति हेक्टेयर 30,000-40,000 पौधे लगाए जा सकते हैं। एक पौधे की औसत कीमत ₹30-₹100 हो सकती है। कुल लागत निकालने के बाद अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

 रोग और कीट नियंत्रण

सजावटी केल को कुछ सामान्य कीट और रोग प्रभावित कर सकते हैं, जिनसे बचाव के लिए उचित देखभाल आवश्यक है।

कीट:

  • एफिड्स (Aphids): पौधों का रस चूसकर पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • कैटरपिलर: पत्तियों में छेद कर सकते हैं।
  • स्लग और स्नेल: नमी वाले क्षेत्रों में पत्तियां खाते हैं।

रोकथाम:

  • नीम तेल का छिड़काव करें।
  • जैविक कीटनाशकों और ट्रैप का उपयोग करें।

रोग:

  • पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew): फफूंद के कारण सफेद परत बन जाती है।
  • रूट रॉट (Root Rot): अधिक नमी से जड़ें गल सकती हैं।

रोकथाम:

  • खेत में उचित जल निकासी का ध्यान रखें।
  • रोगग्रस्त पौधों को तुरंत हटा दें।

मुनाफा और व्यापार की संभावनाएं

सजावटी केल की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकती है।

  • लागत: प्रति हेक्टेयर खेती में ₹50,000-₹70,000 तक की लागत आ सकती है।
  • बिक्री मूल्य: एक पौधे की कीमत ₹30-₹100 तक हो सकती है।
  • लाभ: कुल उत्पादन और सही विपणन से अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

 केल के हेल्थ बेनिफिट्स

सजावटी केल के अलावा, खाने योग्य केल भी पोषण से भरपूर होता है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।

विटामिन और मिनरल से भरपूर:

  • विटामिन A, C और K प्रचुर मात्रा में होते हैं।
  • कैल्शियम, पोटैशियम और आयरन की भरपूर मात्रा होती है।

 रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है:

  • एंटीऑक्सीडेंट तत्व जैसे कैरोटीनॉइड और फ्लेवोनॉयड्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।

दिल की सेहत के लिए लाभकारी:

  • कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक।
  • हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम करता है।

वजन कम करने में सहायक:

  • फाइबर से भरपूर होने के कारण भूख नियंत्रित करता है।
  • कम कैलोरी होने से वजन कम करने में मदद करता है।

 त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद:

  • विटामिन C त्वचा को चमकदार बनाता है।
  • बालों को मजबूत और घना बनाता है।

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