Oilseed Farming: तिलहन खेती में एक नई सफलता की कहानी

विजेंद्र सिंह ने तिलहन खेती (Oilseed Farming) में सफलता की नई मिसाल क़ायम की है। 3.5 एकड़ भूमि पर खेती और डेयरी के साथ वे गेहूं, सरसों, उड़द और बाजरा उगाकर प्रेरणा देते हैं।

Oilseed Farming तिलहन खेती

विजेंद्र सिंह, जो 1972 में टी.बी.बी सिंह इंटर कॉलेज, टुंडला, फिरोजाबाद से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने जीवन की शुरुआत करने के लिए खेती से जुड़े, आज तिलहन खेती (Oilseed Farming) के क्षेत्र में एक प्रेरणा बन गए हैं। 3.5 एकड़ ज़मीन पर खेती करने के साथ-साथ उन्होंने एक छोटी डेयरी भी शुरू की थी। विजेंद्र सिंह का मुख्य फोकस रबी के मौसम में गेहूं और सरसों की खेती करना है, जबकि खरीफ के मौसम में उड़द और बाजरा जैसे फ़सलें उगाते हैं।

सम्मान और समाज सेवा (Honors and social service)

विजेंद्र सिंह ने अपनी मेहनत और खेती के प्रयासों के कारण कई पुरस्कार जीते हैं। उनकी उड़द की फ़सल को जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला, और बाजरा के उत्पादन के लिए राज्य स्तर पर भी उन्हें सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, वे केवल अपने लाभ के लिए ही नहीं, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी कार्य करते हैं। विजेंद्र सिंह बघई, धीरपुरा, चतरई और मोहम्मदाबाद जैसे गांवों के जरूरतमंद किसानों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता वाले बीज बांटते हैं, ताकि किसान भी बेहतर खेती कर सकें।

तिलहन खेती में नया प्रयोग (New experiment in oilseed farming)

तिलहन खेती (Oilseed Farming) में सफलता की नई राह खोजने के लिए विजेंद्र सिंह और उनके स्थानीय किसान समूह ने ICAR-KVK फिरोजाबाद से संपर्क किया। इस सहयोग से, ICAR कृषि विज्ञान केंद्र, फिरोजाबाद ने रबी 2023-24 के दौरान CFLD के तहत उच्च उपज वाली सरसों की क़िस्म DRMR 1165-40 का प्रदर्शन किया। इसके बाद, वैज्ञानिकों ने क्षेत्र का दौरा किया और किसानों से संवाद किया, जिसके आधार पर किसानों को बेहतर फ़सल उगाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

नई तकनीक, बेहतर परिणाम (New technology, better results) 

ICAR के वैज्ञानिकों ने किसानों को तिलहन खेती (Oilseed Farming) के लिए DRMR 1165-40 क़िस्म के बीजों और अन्य आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति की। इस क़िस्म के बीजों को सितंबर 2023 के दूसरे सप्ताह में बोया गया और अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में इसे काटा गया। इस दौरान किसानों को प्रति हेक्टेयर 26.4 क्विंटल की अद्वितीय उपज प्राप्त हुई, जिससे उन्हें प्रति हेक्टेयर 1,07,940 रुपये की शुद्ध आय प्राप्त हुई।

यह प्रदर्शन तिलहन खेती (Oilseed Farming) के प्रभावी तरीकों को अपनाने का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया, जिससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई बल्कि खेतों में अधिक उपज के साथ-साथ स्थिरता भी आई।

प्रेरणा का स्रोत (Source of inspiration)

इस नई सरसों की क़िस्म (DRMR 1165-40) और बेहतर खेती की तकनीकों ने गांव के किसानों को गहरे प्रभावित किया। विजेंद्र सिंह की सफलता और समर्पण ने उन्हें एक आदर्श बना दिया। अब उनके गांव और आस-पास के क्षेत्र के किसान भी तिलहन उत्पादन (Oilseed Farming) में रुचि लेने लगे हैं। वे उच्च उपज वाली क़िस्मों की खेती को अपनाने और बेहतर कृषि तकनीकों को लागू करने की ओर अग्रसर हैं।

तिलहन खेती के लिए संभावनाएं (Prospects for oilseed cultivation)

तिलहन खेती (Oilseed Farming) के इस नए प्रयोग ने फिरोजाबाद जिले में तिलहन उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक मजबूत दिशा दिखाई है। किसानों की बढ़ती मांग बघई और अन्य क्षेत्रों में बौनी और विल्ट प्रतिरोधी सरसों की क़िस्मों के प्रति भी बढ़ रही है।

विजेंद्र सिंह की यह सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है और अब वे भी इस नई तकनीक को अपनाने के लिए उत्साहित हैं। इस सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि तिलहन खेती (Oilseed Farming) से किसानों को न केवल अच्छी उपज मिल सकती है, बल्कि यह एक लाभकारी व्यवसाय भी बन सकता है।

तिलहन उत्पादन में नवाचार का भविष्य (The future of innovation in oilseed production)

जैसा कि हम जानते हैं, तिलहन उत्पादन (Oilseed Farming) न केवल किसानों के लिए लाभकारी हो सकता है, बल्कि यह भारत में कृषि क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। विजेंद्र सिंह की सफलता के बाद, तिलहन खेती में अनुसंधान और विकास के लिए और अधिक अवसर खुल सकते हैं, जो किसानों की मदद करेगा।

यह तिलहन खेती (Oilseed Farming) के क्षेत्र में एक नई दिशा की शुरुआत है। भारत में तिलहन की बढ़ती मांग और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह कदम एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

विजेंद्र सिंह की सफलता ने तिलहन खेती (Oilseed Farming) में नई संभावनाओं और अवसरों को उजागर किया है। उनके कार्यों से यह स्पष्ट है कि यदि किसानों को सही मार्गदर्शन और सही तकनीक मिल जाए, तो वे अपनी खेती को लाभकारी बना सकते हैं। तिलहन खेती से जुड़ी इस सफलता की कहानी अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

इस प्रकार, तिलहन खेती (Oilseed Farming) के नए प्रयोग और उन्नत तकनीकों को अपनाकर न केवल कृषि को उन्नति मिल सकती है, बल्कि किसानों की आय में भी निरंतर वृद्धि हो सकती है। इस क्षेत्र में नए विकास और शोध से किसानों को और अधिक फ़ायदा हो सकता है, जो आने वाले वर्षों में कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है।

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