14th Asian Fisheries and Aquaculture Forum: आत्मनिर्भर भारत की मछली क्रांति, वैश्विक मंच पर देश की नई छलांग

दिल्ली के पूसा कैंपस (Pusa Campus) में 12 फ़रवरी 2025 को 14वें एशियन फिशरीज एंड एक्वाकल्चर फोरम (14th Asian Fisheries and Aquaculture Forum) यानि 14AFAF का आयोजन हुआ। क्या आप जानते हैं कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश (Fish Producing County) बन चुका है। और ये सब संभव हुआ है देश के प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नीतियों और सरकार की मछली पालन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता से।

14th Asian Fisheries and Aquaculture Forum: आत्मनिर्भर भारत की मछली क्रांति, वैश्विक मंच पर देश की नई छलांग

दिल्ली के पूसा कैंपस (Pusa Campus) में 12 फ़रवरी 2025 को 14वें एशियन फिशरीज एंड एक्वाकल्चर फोरम (14th Asian Fisheries and Aquaculture Forum) यानि 14AFAF का आयोजन हुआ। क्या आप जानते हैं कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश (Fish Producing County) बन चुका है। और ये सब संभव हुआ है देश के प्रधानमंत्री की दूरदर्शी नीतियों और सरकार की मछली पालन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता से।

केंद्रीय मंत्री का मत्स्यपालन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता

इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री (Union Minister of Fisheries, Animal Husbandry & Dairying and Panchayati Raj) राजीव रंजन सिंह (Rajeev Ranjan Singh) उर्फ ललन सिंह ने किया। उन्होंने भारत सरकार की मछली पालन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दोहराया और बताया कि कैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) यानि PMMSY ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है।

आखिर क्या है PMMSY?

एशियन फिशरीज एंड एक्वाकल्चर फोरम एक व्यापक योजना है, जिसके तहत मछुआरों को डिजिटल टेक्नोलॉजी, वित्तीय सहायता, सुरक्षा और आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। नेशनल डिजिटल फिशरीज प्लेटफॉर्म, वेसल मॉनिटरिंग सिस्टम, ट्रांसपोंडर और इमरजेंसी अलर्ट जैसी तकनीकें मछुआरों की सुरक्षा को और बेहतर बना रही हैं।

इतना ही नहीं, किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम को अब मछुआरों और मत्स्य किसानों के लिए भी बढ़ाया जा रहा है। मतलब आसान लोन और बेहतरीन वित्तीय सुविधाओं के साथ ये सेक्टर तेजी से आगे बढ़ सके।

14th AFAF एक्सपो में वैज्ञानिक संस्थान, उद्योग जगत और शोधकर्ता शामिल

इस एक्सपो में देशभर के राज्य मत्स्य विभाग, वैज्ञानिक संस्थान, उद्योग जगत और शोधकर्ता शामिल हो रहे हैं। नई तकनीकों, आधुनिक उपकरणों और बेहतर प्रजनन तकनीकों की झलक यहां देखने को मिल रही है।

इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च यानी ICAR ने अब तक 75 से अधिक नई मत्स्य तकनीकें और उन्नत प्रजातियां विकसित की हैं। डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (DARE) और DG (ICAR) ने इस मंच से बताया कि कैसे हम कार्बन-न्यूट्रल और सतत मछली पालन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

ब्लू इकॉनमी में स्टार्टअप्स की अहम भूमिका

डॉ. अभिलक्ष लिक्ही, सचिव (मत्स्य विभाग) ने भी ब्लू इकॉनमी में स्टार्टअप्स की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत सरकार अब इस क्षेत्र में नए इनोवेशन और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश कर रही है।

क्या कहते हैं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ?

भारत की इस सफलता पर दुनिया भी तालियां बजा रही है। वर्ल्ड फिश (मलेशिया) के डायरेक्टर जनरल, डॉ. एस. यासीन मोहम्मद ने भारत के सस्टेनेबल एक्वाकल्चर मॉडल की जमकर तारीफ की। वहीं एशियन फिशरीज सोसाइटी, कुआलालंपुर के अध्यक्ष प्रो. नील लोनेरगन ने इस फोरम की अंतरराष्ट्रीय अहमियत को बताया।

इस आयोजन के मुख्य संयोजक, डॉ. जे. के. जेना (DDG, ICAR) ने बताया कि यह मंच फ्यूचर की मछली पालन रणनीतियों यानि Fish farming strategies को दिशा देने वाला है, जहां 24 देशों के 1,000 से अधिक प्रतिभागी और 20 से अधिक टॉप एक्सपर्ट्स शामिल हुए हैं।

भारत बना ब्लू इकॉनमी का ग्लोबल लीडर

पंद्रह साल बाद इस प्रतिष्ठित फोरम का भारत में आयोजन दिखाता है कि देश मछली पालन और एक्वाकल्चर में वैश्विक स्तर पर अग्रणी हो चुका है। आज भारत में न केवल बेहतरीन वैज्ञानिक तकनीकें हैं, बल्कि मछुआरों और मत्स्य किसानों के लिए उन्नत सरकारी योजनाएं भी हैं।

 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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