पोटैटो डिगर | आलू को सब्जियों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता। स्वादिष्ट पकवानों से लेकर कई उत्पादों में इसकी बड़ी हिस्सेदारी है। चावल, गेहूं और मक्का के बाद आलू दुनिया की चौथी सबसे अहम फसल है। गैर-अनाजों में इसका पहला नंबर आता है। आलू की मांग 12 माह बाज़ार में रहती है। यही वजह है कि किसान इसकी खेती से जुड़े हैं। तमिलनाडु और केरल को छोडकर आलू पूरे देश में होता है, लेकिन इसे आपकी थाली तक पहुंचाने के लिए किसानों को कड़ी मेहनत करनी होती है। आलू की फसल तैयार होने के बाद आलू की खुदाई करने का काम किसानों के लिए काफ़ी मेहनत वाला होता है। पारंपरिक तरीके से आलू की खुदाई में ज़्यादा समय लगता है यानी ज्यादा मज़दूरों की ज़रूरत पड़ती है। हाथ से आलू की खुदाई में आलू के कटने से बर्बादी भी ज्यादा होती है। कटे आलू की कीमत मंडी में अच्छी नहीं मिल पाती। ऐसे में किसानों की इस समस्या को हल करता है, पोटैटो डिगर। ये एक ऐसी मशीन है जो किसानों के खुदाई के काम को बेहद आसान बनाती है।
किसानों को देता है कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा
कई किसान इस आधुनिक मशीन पोटैटो डिगर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पोटैटो डिगर के इस्तेमाल से आलू आसानी से जमीन से निकाला जा सकता है। इसके उपयोग से कम समय में अधिक से अधिक जमीन में आलू की खुदाई की जा सकती है। ये ब्लेड, चेन कनवेयर बेल्ट, गियर बॉक्स आदि से लैस होता है। ट्रैक्टर के साथ लगाकर इस्तेमाल की जाने वाली इस मशीन से कृषि ज़मीन पर एक सटीक गहराई सेट की जा सकती है। फिर वही सामान गहराई किसान को पूरे खेत में मिलेगी, जो आलू की खुदाई को बेहद आसान कर देता है। इससे होता ये है कि आलू को नुकसान नहीं पहुंचता, वो बिना कटे बाहर निकलते हैं। आप इसकी गहराई को बढ़ा-घटा भी सकते हैं।
साफ और उच्च गुणवत्ता वाले आलू
पोटैटो डिगर ज़मीन से आलू निकालकर उससे मिट्टी को भी झाड़ देता है, जिससे एकदम उच्च गुणवत्ता वाला आलू बाहर निकलता है। इस मशीन पर एक जालीदार प्लेटफॉर्म लगा होता है, जिस पर से आलू जाल के घेरे से निकल कर गिरते हैं. यह जालीदार प्लेटफॉर्म लगातार हिलता रहता है, जिससे मिट्टी के ढेले टूट कर गिर जाते हैं और साफ आलू खेत में मिट्टी की सतह पर गिरते हैं। वहीं इस मशीन के प्रयोग से किसान समय पर अपनी आलू की फसल की खुदाई कर सकता है, जिससे वो अगली फसल भी लगा सके।
आलू की खुदाई मशीन की कीमत
पोटैटो डिगर की कीमत की बात करें तो इसकी शुरुआत 40 हज़ार से होकर डेढ़ लाख तक रहती है। कीमत कंपनी और तकनीक पर निर्भर करती है। स्वान एग्रो, महिंद्रा समेत कई कंपनियों के पोटैटो डिगर बाज़ार में उपलब्ध हैं, अपनी ज़रूरत और बजट के हिसाब से इस मशीन का चुनाव करें।
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