AI Playbooks for Agriculture and SMEs लॉन्च, भारत में एआई के ज़रिए कृषि में क्रांति!

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने देश में AI को बढ़ावा देने के लिए तीन AI Playbooks for Agriculture and SMEs लॉन्च की है।

AI Playbooks for Agriculture and SMEs

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रो. अजय कुमार सूद ने हाल ही में कृषि और लघु व मध्यम उद्यमों (एसएमई) में एआई अपनाने के लिए तीन महत्वपूर्ण किताबें लॉन्च की गईं हैं। ये पहल “भारत के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता 2030” के तहत की गई है और इसका उद्देश्य भारत में उत्तरदायी, समावेशी और प्रभावी एआई को बढ़ावा देना है।

उद्घाटन समारोह में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव श्री एस. कृष्णन, एमएसएमई सचिव श्री एससीएल दास, ओपीएसए वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी और कृषि मंत्रालय के सलाहकार अनिंद्य बनर्जी उपस्थित रहे।

लॉन्च की गई तीन प्रमुख किताबें

  1. भारत में भविष्य की खेती: कृषि के लिए एआई प्लेबुक

  2. छोटे व्यवसायों का रूपांतरण: भारत के एसएमई के लिए एआई प्लेबुक

  3. इंटेलिजेंट एज के लिए एआई सैंडबॉक्स इको-सिस्टम: श्वेत पत्र

ये किसानों, उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए व्यावहारिक रोडमैप प्रदान करते हैं और बताते हैं कि एआई को किस प्रकार ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किया जा सकता है।

एआई फ़ॉर इंडिया 2030 पहल का उद्देश्य

ओपीएसए और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मार्गदर्शन में ये पहल शुरू की गई। इसका मुख्य उद्देश्य है:

  • भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था के केंद्र में उत्तरदायी एआई को स्थापित करना।

  • विभिन्न हितधारकों जैसे सरकार, उद्योग, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से एआई समाधानों को लागू करना।

  • किसानों और एसएमई के लिए एआई के लाभ को सीधे जीवन और व्यवसाय में परिवर्तित करना।

कृषि क्षेत्र में AI का प्रभाव

“भारत में भविष्य की खेती” पुस्तिका लाखों किसानों के लिए एआई के उपयोग का रोडमैप देती है। इसका उद्देश्य है:

  • उपज बढ़ाना

  • जोखिम प्रबंधन करना

  • बाज़ार पहुँच में सुधार करना

ये एआई ढांचा सरकार, उद्योग और अग्रिम पंक्ति के किसानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। स्थानीय नेटवर्क और क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग करके एआई परामर्श को दैनिक कृषि निर्णयों में सहज रूप से लागू किया जा सकता है।

छोटे व्यवसायों (एसएमई) के लिए एआई

“छोटे व्यवसायों का रूपांतरण” पुस्तिका लघु एवं मध्यम उद्यमों को उत्पादकता, ऋण पहुंच और बाज़ार विस्तार में मदद करने के लिए तैयार की गई है।

इसमें इम्पैक्ट एआई ढांचा केंद्रबिंदु है, जो व्यवसायों को:

  • एआई परिपक्वता सूचकांक

  • टूल्स और वित्तपोषण

  • एक्सपीरियंस सेंटर और सैंडबॉक्स

जैसे संसाधनों के माध्यम से मार्गदर्शन करता है। इसका उद्देश्य एसएमई इको-सिस्टम में एआई को व्यापक और ठोस रूप से अपनाना है।

एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र

एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र एक नियंत्रित वातावरण प्रदान करता है, जहाँ एआई समाधान का परीक्षण और मापन किया जा सकता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि समाधान:

  • सुरक्षित और विश्वसनीय हों

  • भारत की प्राथमिकताओं के अनुरूप हों

भविष्य की रूपरेखा और क्रियान्वयन

  • राज्य सरकारें, उद्योग निकाय, प्रौद्योगिकी प्रदाता और वित्तपोषक मिलकर कार्यान्वयन गठबंधन बनाएंगे।

  • एआई अपनाने, उत्पादकता बढ़ाने, लागत घटाने और बाज़ार पहुँच सुधारने के लिए निगरानी ढांचा स्थापित होगा।

  • ज्ञान मंच सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों और सफलता गाथाओं का दस्तावेजीकरण करेगा, जिससे भारत में एआई इको-सिस्टम में निरंतर सीखने और प्रभावी समाधानों का विस्तार संभव होगा।

प्रो. अजय कुमार सूद ने कहा-

“ये प्लेबुक समयोचित हैं और एआई को समावेशी तथा प्रभावशाली बनाने के लिए स्पष्ट कार्यनीतियां प्रदान करती हैं। यह सुनिश्चित करती हैं कि प्रौद्योगिकी का लाभ किसानों, उद्यमियों और पूरे समाज तक पहुंचे।”

ये पहल भारत में कृषि और छोटे व्यवसायों में एआई अपनाने के लिए एक व्यावहारिक और प्रभावी रोडमैप प्रस्तुत करती है।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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