Big Decision Of Indian Government: पशुओं के Antibiotics समेत 37 दवाओं पर बैन, पशुपालकों के लिए नई गाइडलाइन जारी

सरकार ने 37 दवाओं पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है, जिनमें 18 एंटीबायोटिक्स, 18 एंटीवायरल और 1 एंटी-प्रोटोज़ोन दवा (18 antibiotics, 18 antivirals and 1 anti-protozoan drug) शामिल हैं। ये कदम पशुओं और इंसानो दोनों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।

Big Decision Of Indian Government: पशुओं के Antibiotics समेत 37 दवाओं पर बैन, पशुपालकों के लिए नई गाइडलाइन जारी

हाल ही में भारत सरकार ने पशुपालन और डेयरी उद्योग (Animal husbandry and dairy industry) से जुड़े एक बड़े फैसले की घोषणा की है। सरकार ने 37 दवाओं पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है, जिनमें 18 एंटीबायोटिक्स, 18 एंटीवायरल और 1 एंटी-प्रोटोज़ोन दवा (18 antibiotics, 18 antivirals and 1 anti-protozoan drug) शामिल हैं। ये कदम पशुओं और इंसानो दोनों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।

लेकिन सवाल ये है कि आखिर सरकार ने ये फैसला क्यों लिया? और इसका पशुपालकों, किसानों और आम जनता पर क्या असर पड़ेगा? आइए, विस्तार से जानते हैं।

किन दवाओं पर लगा बैन?

सरकार के नए आदेश के मुताबिक, यहां बताई गई जानवरों की इन दवाओं का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है- 

  • दूध देने वाले पशु (गाय, भैंस)
  • अंडा देने वाले पक्षी (मुर्गियां)
  • मधुमक्खियां
  • मांस उत्पादन वाले जानवर (बकरी, भेड़, सुअर)

इन जानवरों के इलाज में 37 दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि इनके अंश दूध, अंडे, मांस या शहद में मिल सकते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

वजन बढ़ाने के लिए दवाएं देना भी हुआ बैन 

सरकार ने साफ किया है कि अब किसी भी जानवर का वजन या उत्पादन बढ़ाने के लिए एंटीमाइक्रोबियल दवाओं (antimicrobial drugs) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। पहले कुछ पशुपालक और डेयरी फार्म्स जानवरों को तेजी से वजन बढ़ाने के लिए एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) देते थे, लेकिन अब ऐसा करना कानूनन अपराध होगा।

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 सरकार ने ये कदम क्यों उठाया?

इस फैसले के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

1. एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (Antibiotic Resistance) का ख़तरा

  • पशुओं में बहुत ज़्यादा एंटीबायोटिक्स के यूज़ से बैक्टीरिया इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं।
  • जब यही बैक्टीरिया इंसानो में पहुंचते हैं, तो इलाज मुश्किल हो जाता है।
  • WHO ने भी चेतावनी दी है कि अगर एंटीबायोटिक्स का दुरुपयोग नहीं रोका गया, तो 2050 तक यह एक बड़ा स्वास्थ्य संकट बन सकता है।

2. दूध, मांस और अंडे में दवाओं का मिलना

  • कुछ दवाएं पशुओं के दूध, अंडे या मांस में मिल जाती हैं, जो मानव शरीर में जाकर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • इससे लिवर डैमेज, किडनी प्रॉब्लम और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

3. शुद्ध और सुरक्षित खाद्य उत्पाद तैयार करना 

सरकार का टारगेट है कि दूध, मांस, अंडे और शहद जैसे उत्पाद पूरी तरह शुद्ध और दवा-मुक्त हों, ताकि लोगों को सुरक्षित भोजन मिल सके।

 कहां-कहां लागू होगा ये नियम?

  • डेयरी फार्म्स (दूध उत्पादन)
  • पोल्ट्री फार्म्स (अंडा और मुर्गी पालन)
  • मधुमक्खी पालन केंद्र (शहद उत्पादन)
  • मीट प्रोसेसिंग यूनिट्स (मांस उत्पादन)

अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

 पशुपालकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

अगर आप पशुपालन या डेयरी व्यवसाय से जुड़े हैं, तो इन बातों का ख़ास ख़्याल रखें:

1.किसी भी दवा का इस्तेमाल करने से पहले पशु चिकित्सक से सलाह लें।

2.प्रतिबंधित दवाओं की लिस्ट ज़रूर चेक करें और उनका यूज़ न करें।

3.जानवरों को वजन बढ़ाने के लिए दवाएं न दें, इससे आपको कानूनी परेशानी हो सकती है।

4.सुरक्षित और प्राकृतिक तरीकों से पशुपालन करें, जैसे अच्छी डाइट और साफ-सफाई।

पशु और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए बड़ा कदम

सरकार का ये फैसला पशु और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए एक बड़ा कदम है। अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए, तो दूध, मांस, अंडे और शहद जैसे उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ेगी और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा कम होगा।

 

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