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अरुणाचल प्रदेश सरकार (Arunachal Pradesh Government) ने राज्य के बागवानी, कृषि और पर्यटन क्षेत्रों (horticulture, agriculture and tourism sectors) को बढ़ावा देने के लिए तीन महत्वपूर्ण नीतियों (Three important policies) को मंजूरी दी है। इनमें अरुणाचल प्रदेश बागवानी नीति 2025-35 (Arunachal Pradesh Horticulture Policy 2025-35), नई कृषि नीति–अरुणाचल प्रदेश 2025-35 (New Agriculture Policy – Arunachal Pradesh 2025-35) और अरुणाचल प्रदेश पर्यटन नीति 2025-30 (Arunachal Pradesh Tourism Policy 2025-30) शामिल हैं। इन नीतियों का उद्देश्य राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देना है।
महिला और युवा सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण के लिए अहम कदम (Important steps for women and youth empowerment and environmental protection)
अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की नई बागवानी नीति 2025-35 (New Agriculture Policy – Arunachal Pradesh 2025-35) सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य की कृषि और बागवानी को एक नई दिशा प्रदान करेगी। इस नीति के तहत किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने, उत्पादन बढ़ाने और वैश्विक बाजारों (Global Markets) में राज्य के उत्पादों की पहचान बनाने का प्रयास किया गया है। महिला और युवा सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और सतत कृषि विकास की दिशा में यह नीति एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगी।
अरुणाचल प्रदेश बागवानी नीति 2025-35 के मुख्य उद्देश्य (Main objectives of Arunachal Pradesh Horticulture Policy 2025-35)
नई बागवानी नीति के ज़रीये से सरकार ने राज्य में बागवानी क्षेत्र को एक संगठित और आधुनिक रूप देने का संकल्प लिया है। इस नीति के तहत निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया गया है-
1.बागवानी उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि – आधुनिक कृषि तकनीकों का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई गई है।
2.स्थायी और जलवायु-लचीली बागवानी प्रथाओं को बढ़ावा – जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाया जाएगा।
3.वैल्यू चेन में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना – कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स और लॉजिस्टिक्स में सुधार लाने पर जोर दिया जाएगा।
4.क्षमता निर्माण और कौशल विकास – किसानों को नई तकनीकों से पहचान कराने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किये जाएंगे।
5.क्षेत्रीय विकास के लिए मिशन-मोड एंगल- अलग-अलग क्षेत्रों में विशेष योजनाओं को लागू किया जाएगा।
6.बागवानी उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग – अरुणाचल प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
7.अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन – बागवानी अनुसंधान को बढ़ावा देकर नई कृषि तकनीकों का विकास किया जाएगा।
8.महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना – महिलाओं और युवा किसानों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
9.बागवानी विकास के लिए फंड निधि की स्थापना – इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए एक विशेष निधि का प्रावधान किया गया है।
10.संबद्ध क्षेत्रों के साथ समन्वय – अन्य कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों के साथ समन्वय स्थापित कर आर्थिक उन्नति पर फोकस करना।
नई बागवानी नीति 2025-35 के तहत प्रमुख पहलें (Major Initiatives under New Horticulture Policy 2025-35)
1.अरुणाचल कीवी मिशन (Arunachal Kiwi Mission)
- राज्य में कीवी की खेती की अपार संभावनाओं को देखते हुए इसे बढ़ावा दिया जाएगा।
- अरुणाचल प्रदेश को भारत में कीवी उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनाने की योजना है।
2.अरुणाचल मसाला मिशन (Arunachal Spice Mission)
- मसाला खेती को बढ़ावा देने के लिए उच्च मूल्य वाले मसालों जैसे बड़ी इलायची, काली मिर्च, सिचुआन काली मिर्च, स्टार ऐनीज़, हल्दी और अदरक की खेती पर ख़ास फोकस किया जाएगा।
- इससे न केवल किसानों की आय में इज़ाफा होगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती मिलेगी।
अरुणाचल औषधीय और सुगंधित पौधे (MAP) मिशन (Arunachal Medicinal and Aromatic Plants (MAP) Mission)
- राज्य की जैव विविधता को संरक्षित करने और आयुष-आधारित उद्योगों का सरकार की ओर से समर्थन, औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इससे परंपरागत औषधीय ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा और औषधीय पौधों की मांग को पूरा किया जाएगा।
राज्य महिला सशक्तिकरण (State Women Empowerment)
- महिला किसानों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए आजीविका के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
- सूबे की महिलाओं को आधुनिक खेती की तकनीकों से अवगत कराया जाएगा और वित्तीय सहायता दी जाएगी।
युवा किसानों को बढ़ावा (Promoting young farmers)
- युवाओं को बागवानी उद्यमिता से जोड़ने के लिए ख़ास ट्रेनिंग और इनसेंटिव स्कीम चलाई जाएंगी।
- इससे राज्य में नई पीढ़ी के किसानों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
जलवायु-लचीली बागवानी (Climate-Resilient Gardening)
- बहुत ज़्यादा केमिकल का उपयोग को ना करने और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इंटिग्रेटेड कृषि प्रणालियों के माध्यम से पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की योजना बनाई जाएगी।
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