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केंद्र सरकार (Central government) लगातार किसानों के हित में अहम फैसले ले रही है। किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से मोदी सरकार (Modi Government) ने कई योजनाओं को लागू किया है। इसी दिशा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ये घोषणा की है कि सरकार दलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर खरीदने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
दलहन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम (A Big Step Towards Self-sufficiency In Pulses)
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बताया कि सरकार का टारगेट देश में दालों के प्रोडक्शन (production of pulses) को बढ़ाना और आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रमुख तुअर उत्पादक राज्यों में तुअर यानि अरहर की ख़रीद तेज़ कर दी गई है। इसके अलावा, सरकार ने 2024-25 के ख़रीद वर्ष के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तुअर, उड़द और मसूर की खरीद को मंजूरी दी है। ये योजना किसानों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ दालों के आयात पर निर्भरता को कम करने में सहायक होगी।
2028-29 तक दालों की 100 फ़ीसदी खरीद का संकल्प (Resolution To Procure 100% of Pulses By 2028-29)
शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि बजट 2025 में केंद्र सरकार ने ये घोषणा की है कि अगले चार सालों, यानी 2028-29 तक राज्य के उत्पादन की 100% तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद की जाएगी। इससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा और वे ज़्यादा उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे।
किसानों को एमएसपी पर ख़रीद का लाभ (Farmers Get Benefit Of Purchase On MSP)
ख़रीफ 2024-25 सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी गई है। ख़ासतौर से, किसानों के हित में कर्नाटक में ख़रीद की अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है, जिससे किसान 1 मई तक अपनी फ़सल बेच सकेंगे।
नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से खरीद प्रक्रिया (Procurement Process Through NAFED And NCCF)
आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से एमएसपी पर तुअर (अरहर) की खरीद जारी है। 25 मार्च 2025 तक इन राज्यों में कुल 2.46 लाख मीट्रिक टन तुअर की ख़रीद हो चुकी है, जिससे 1,71,569 किसानों को सीधा लाभ मिला है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में तुअर की कीमत एमएसपी से ऊपर है, जिससे किसानों को बाजार में भी अच्छा मूल्य मिल रहा है।
चना, सरसों और मसूर की खरीद को मिली मंजूरी (Purchase Of Gram, Mustard And Lentil Got Approval)
केंद्र सरकार ने आरएमएस 2025 के तहत चना, सरसों और मसूर की खरीद को भी मंजूरी दी है। पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक बढ़ाया गया है, जिसके तहत किसानों को एमएसपी पर दालों और तिलहनों की खरीद का लाभ मिलेगा।
आरएमएस 2025 के लिए स्वीकृत मात्रा इस प्रकार है:
चना – 27.99 लाख मीट्रिक टन
सरसों – 28.28 लाख मीट्रिक टन
मसूर – 9.40 लाख मीट्रिक टन
इन फसलों की खरीद से किसानों को अधिक आय मिलेगी और वे अपनी खेती को अधिक उत्पादक बना सकेंगे। प्रमुख खरीद राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात शामिल हैं।
तमिलनाडु में खोपरा की ख़रीद को मिली मंजूरी (Purchase Of Copra Approved In Tamil Nadu)
तमिलनाडु में खोपरा (मिलिंग और बॉल) की खरीद को भी सरकार ने स्वीकृति दी है। इससे राज्य के नारियल किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को बनाया गया आसान (Registration Process Made Easy For Farmers)
सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी उपज बेचने की प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए नैफेड और एनसीसीएफ पोर्टलों का उपयोग सुनिश्चित किया है। इससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अधिक पारदर्शिता और सुविधा मिलेगी।
राज्य सरकारों से सहयोग की अपील (Appeal For Cooperation From State Governments)
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्य सरकारों से अपील की है कि वे यह सुनिश्चित करें कि एमएसपी से नीचे कोई खरीद न हो। सरकार का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, और इस दिशा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए इन फैसलों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रही है।
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