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भारत सरकार हमेशा से किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रही है, और इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन (Budget allocation for Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) में अभूतपूर्व वृद्धि। हाल ही में, 2025-26 के वित्तीय वर्ष में कृषि मंत्रालय के लिए बजट आवंटन को बढ़ाकर 1,37,756.55 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि पिछले वर्ष 2024-25 में 1,32,469.86 करोड़ रुपये था। यह वृद्धि सरकार की किसानों के प्रति समर्पण और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कृषि मंत्रालय का बढ़ा हुआ बजट आवंटन (Increased budget allocation of Agriculture Ministry)
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन (Budget allocation for Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) में यह वृद्धि देशभर के किसानों के लिए एक बड़ी राहत का संकेत है। इस बजट में न केवल कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए फंड्स को बढ़ाया गया है, बल्कि यह फंड्स किसानों की बेहतर स्थिति और उनके कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों को लागू करने में भी मदद करेंगे। इस वर्ष के बजट में बढ़ोतरी, देश में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए नए अवसरों को खोलने का काम करेगी। सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उनमें और भी ज्यादा निवेश किया गया है, जिससे किसानों को भविष्य में बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना में सुधार (Reforms in Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (PMFBY) में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। पहले की तुलना में, इस योजना के तहत बीमा कंपनियों द्वारा वसूले गए प्रीमियम दरों में काफी कमी आई है। 2020-21 में जहां प्रीमियम दर 15.9% थी, वहीं 2023-24 में यह घटकर 10.8% हो गई। इससे सरकार की प्रीमियम देनदारी में भी कमी आई है, और किसानों के लिए बीमा योजना को और अधिक सुलभ बनाया गया है। इसके साथ ही, Revised Estimates (2024-25) में प्रीमियम की राशि को बढ़ाकर 15,864 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि 2024-25 के बजट अनुमान के मुकाबले ज्यादा है।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में विशेष पहल (Special Initiative in North Eastern Region)
भारत सरकार ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (NER) के लिए कुछ विशेष उपायों की घोषणा की है। 1 जनवरी 2025 को आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में, NER के लिए 10% अनिवार्य आवंटन से छूट देने की मंजूरी दी गई। इससे उन राज्यों को ज्यादा फंड्स मिलने की संभावना है, जिन्होंने पहले उन फंड्स को वापस कर दिया था। इस कदम से पिछले सालों में होने वाली बकायों को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, 2021-22 से 2025-26 तक PMFBY के लिए 69,515.71 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ आवंटन भी स्वीकृत किया गया है।
कृषि बीमा के तहत दावे और शिकायतों का समाधान (Resolution of Claims and Grievances under Agricultural Insurance)
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन (Budget allocation for Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) में वृद्धि के साथ-साथ, सरकार ने कृषि बीमा योजना के तहत दावे निपटाने की प्रक्रिया को भी सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। बीमा कंपनियों से संबंधित शिकायतों, जैसे कि दावे की देरी, गलत भुगतान, या बैंक द्वारा असमय बीमा प्रस्तावों की कमी, पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, राज्य सरकारों और बीमा कंपनियों के बीच किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए एक स्पष्ट और सुनियोजित प्रक्रिया बनाई गई है।
कृषि सुरक्षा पोर्टल और हेल्पलाइन (Agriculture Security Portal and Helpline)
कृषि बीमा के तहत दावों और शिकायतों के समाधान के लिए सरकार ने एक नया कृषि सुरक्षा पोर्टल और हेल्पलाइन (KRPH) विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपने मुद्दों को ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं और एक केंद्रीकृत टोल-फ्री नंबर 14447 के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इन शिकायतों का समाधान निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाएगा।
कृषि मंत्रालय की निगरानी और सुधार की प्रक्रिया (Monitoring and reforming the Ministry of Agriculture)
भारत सरकार ने कृषि बीमा कंपनियों के कामकाजी तरीकों की निरंतर निगरानी रखने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाया है। सप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन जैसे तरीकों से बीमा कंपनियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, सरकार ने PMFBY के संचालन दिशानिर्देशों में समय-समय पर संशोधन किए हैं, ताकि किसानों को लाभ मिल सके और उन्हें पारदर्शी तरीके से लाभ पहुँचाया जा सके।
कृषि मंत्रालय का समग्र दृष्टिकोण (Holistic Approach of Ministry of Agriculture)
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन (Budget allocation for Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) में जो वृद्धि की गई है, वह न केवल किसानों की सुरक्षा और कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए भी एक बडी पहल है। इसके माध्यम से किसानों को बेहतर बीमा कवरेज, समय पर भुगतान और अधिक पारदर्शिता के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में तकनीकी सुधार की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं। इससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और किसान अपनी मेहनत का उचित मूल्य पा सकेंगे।
निष्कर्ष (Conclusion)
किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन (Budget allocation for Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) में हुई वृद्धि यह साबित करती है कि भारत सरकार कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना, नई निगरानी प्रणालियां और ग्राम स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र से यह सुनिश्चित होगा कि कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और किसानों के लिए अधिक लाभकारी उपाय लागू किए जा सकें। यह पहल निश्चित रूप से भारत के कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा और गति देगी।
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