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प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (PMFBY) ने हाल ही में अपने 9 साल पूरे किए। इस योजना का मकसद भारतीय किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फ़सल नुक़सान से बचाना है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना ने किसानों को एक सुरक्षा कवच दिया है, जिससे उनकी आय स्थिर हुई है और वे खेती में नयी तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं।
फ़सल बीमा एक ऐसी योजना है, जो प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, आंधी, ओलावृष्टि और कीटों के हमलों से होने वाले नुक़सान से किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इससे किसानों को संकट के समय में मदद मिलती है, ताकि वे फिर से अपनी खेती शुरू कर सकें और कर्ज के जाल में न फंसें।
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के लिए सरकार का बड़ा कदम (Government’s big step for Prime Minister Crop Insurance Scheme)
2025 में इस योजना की सफलता को देखते हुए, केंद्र सरकार ने जनवरी में इसे 2025-26 तक जारी रखने की मंज़ूरी दी है, और इसके लिए ₹69,515.71 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसके तहत, ‘पुनर्गठित मौसम आधारित फ़सल बीमा योजना (RWBCIS)’ भी चालू रहेगी। इस योजना में मौसम के बदलाव के आधार पर किसानों को बीमा का लाभ दिया जाता है।
ये बीमा है टेक्निकल रूप से सक्षम (This Insurance is technically competent)
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में तकनीकी उन्नति ने इसे और भी प्रभावी बना दिया है। अब Satellite Imagery, Drones, Unmanned Aerial Vehicle (UAV) and remote sensing जैसे आधुनिक उपकरणों के जरिए फ़सल की स्थिति का सटीक आकलन किया जाता है। इससे सरकार को उपज के नुक़सान का सही आंकलन करने में मदद मिलती है, और दावों का निपटान जल्दी और सही तरीके से किया जाता है।
Satellite Imagery और Drones से फ़सल की सटीक जानकारी (Accurate crop information from Satellite Imagery and Drones)
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) में तकनीक का इस्तेमाल किसानों के लिए फ़ायदेमंद साबित हो रहा है। उदाहरण के लिए, CCE-Agri ऐप के माध्यम से फ़सल कटाई डेटा सीधे राष्ट्रीय फ़सल बीमा पोर्टल (NCIP) पर अपलोड किया जाता है। इसके अलावा, YES-TECH (Yield Estimation System Based on Technology) का इस्तेमाल भी 2023 के ख़रीफ़ सत्र से किया जा रहा है, जो फ़सल नुक़सान का सटीक अनुमान लगाने में मदद करता है। इससे बीमा दावों का निपटान तेज़ और पारदर्शी तरीके से किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के लाभ (Benefits of Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) ने किसानों को कई लाभ दिए हैं। यह न केवल फ़सल नुक़सान से बचाव करती है, बल्कि किसानों को जल्द मुआवजा भी देती है ताकि वे कर्ज के जाल में न फंसें।
- सस्ती प्रीमियम दरें: प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत किसानों के लिए प्रीमियम की दरें बहुत सस्ती रखी गई हैं। खरीफ़ फ़सलें (खाद्यान्न और तिलहन) के लिए अधिकतम प्रीमियम 2%, रबी फ़सलें के लिए 1.5%, और वार्षिक वाणिज्यिक या बागवानी फ़सलों के लिए 5% है। बाकी का प्रीमियम सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाता है।
- व्यापक कवरेज: यह योजना सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, आंधी, कीट/रोग और पोस्ट-हार्वेस्ट नुक़सान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति को कवर करती है। इससे किसानों को हर तरह के आपातकालीन हालात में मदद मिलती है।
- समय पर मुआवज़ा: प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का उद्देश्य फ़सल कटाई के दो महीने के भीतर दावों का निपटान करना है। इससे किसानों को जल्द मुआवजा मिलता है और वे आर्थिक तंगी से बच सकते हैं।
- टेक्नोलॉजी आधारित प्रणाली: इस योजना में Satellite Imagery, ड्रोन और मोबाइल ऐप्स जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जो फ़सल की स्थिति का सटीक अनुमान लगाने में मदद करती हैं। इसके जरिए फ़सल हानि का सही आकलन किया जाता है और दावों का निपटान पारदर्शी तरीके से होता है।
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के तहत कवर किए गए जोखिम (Risks covered under Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)
उपज नुक़सान (खड़ी फ़सल): यह योजना प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, आंधी, बाढ़, सूखा, कीट और रोगों से होने वाले फ़सल नुक़सान को कवर करती है।
सिंचन से रोका गया बीज बोना: अगर मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण किसान बीज नहीं बो पाते हैं, तो उन्हें अधिकतम 25% मुआवजा दिया जाता है।
पोस्ट-हार्वेस्ट हानि: फ़सल कटाई के बाद होने वाले नुक़सान को भी यह योजना कवर करती है। अगर कटाई के बाद 14 दिनों के भीतर नुक़सान होता है, तो किसानों को मुआवजा दिया जाता है।
स्थानीय आपदाएँ: यह योजना स्थानीय आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, भूस्खलन और जलभराव से होने वाली हानि को भी कवर करती है।
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना को सशक्त बनाना (Strengthening the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana)
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत सरकार ने पारदर्शिता और तेज़ निपटान सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार किए हैं। इसके परिणामस्वरूप 2023-24 में योजना के तहत कवरेज में काफी वृद्धि हुई है। यह अब दुनिया की सबसे बड़ी योजना बन चुकी है, जिसमें सबसे अधिक किसानों ने आवेदन किया है। कई राज्य सरकारों ने किसानों की प्रीमियम हिस्सेदारी को भी माफ कर दिया है, जिससे किसानों पर वित्तीय बोझ कम हुआ है।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) ने पिछले नौ वर्षों में भारतीय किसानों को एक मजबूत सुरक्षा कवच दिया है। उन्नत तकनीकों के साथ यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानि से बचाती है, उनके दावों का त्वरित निपटान करती है और उन्हें वित्तीय संकट से उबारती है। सस्ती प्रीमियम दरें, व्यापक कवरेज और पारदर्शी प्रणाली ने इसे किसानों के लिए एक भरोसेमंद सहारा बना दिया है। आने वाले वर्षों में, प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) भारतीय कृषि क्षेत्र को और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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