Digital Agriculture Mission: केंद्र सरकार की पहल ‘डिजिटल कृषि मिशन’ से भारतीय कृषि को मिलेगा नया आयाम

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) किसानों के लिए सरकार की ओर से एक बड़ी सौगात है। इस मिशन के ज़रिये किसानों को डिजिटल टेक्नोलॉजी (Digital Technology) से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ शीघ्र और सटीक रूप से मिल सकेगा।

Digital Agriculture Mission: केंद्र सरकार की पहल 'डिजिटल कृषि मिशन' से भारतीय कृषि को मिलेगा नया आयाम

भारत सरकार ने सितंबर 2024 में 2817 करोड़ रुपये के कुल लागत के साथ डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) को मंजूरी दी है। इस मिशन का उद्देश्य देश में कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति (Digital Revolution in Agriculture Sector) लाना है।
ये मिशन डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के निर्माण पर केंद्रित है, जिसमें एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली और मृदा उर्वरता व प्रोफ़ाइल मानचित्र शामिल हैं। इन उपायों से किसानों को मॉर्डन और डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें फसल उत्पादन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। 

डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission) किसानों के लिए सरकार की ओर से एक बड़ी सौगात है। इस मिशन के ज़रिये किसानों को डिजिटल टेक्नोलॉजी (Digital Technology) से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ शीघ्र और सटीक रूप से मिल सकेगा।

इस मिशन के तहत किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) पर लाकर उनकी पहचान, फसल जानकारी और कृषि संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को एकत्रित किया जाएगा।

डिजिटल कृषि मिशन के प्रमुख उद्देश्य (Major objectives of Digital Agriculture Mission)

1.किसान-केंद्रित डिजिटल समाधान  : डिजिटल तकनीक के ज़रिये से किसानों को उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराना।

2.फसल संबंधी सटीक जानकारी  : डिजिटल सिस्टम के माध्यम से किसानों को उनकी फसलों से संबंधित सटीक जानकारी समय पर देना।

3.मृदा की उर्वरता की निगरानी  : एक व्यापक मृदा उर्वरता (Soil Fertility) और प्रोफ़ाइल मानचित्र तैयार करना।

4.डिजिटल फसल सर्वेक्षण  : देशभर में डिजिटल फसल सर्वेक्षण का संचालन करना।

5.किसान आईडी  : देश के सभी किसानों को एक विशिष्ट किसान आईडी प्रदान करना।

एग्रीस्टैक DPI में शामिल मेन रजिस्ट्रियां (Key Registries Included In AgriStack DPI)

सरकार के द्वारा विकसित किए गए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure) में तीन प्रमुख डेटाबेस या रजिस्ट्रियां शामिल हैं:

1. भूमि रिकॉर्ड मैप (Land Record Map): इसमें गांवों की डिजिटल रूप से मैपिंग की जाएगी।

2.फसल बोई गई रजिस्ट्री (Crop Sown Registry): इसमें किसानों द्वारा बोई गई फसलों का डेटा एकत्रित किया जाएगा।

3.किसान रजिस्ट्री: यह रजिस्ट्रेशन देश के सभी किसानों को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए किया जा रहा है।

किसान आईडी बनाने का लक्ष्य (The Aim Is To Create A Farmer ID)

भारत सरकार ने साल 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों की किसान आईडी बनाने का टारगेट रखा है। 28 मार्च 2025 तक 4,85,57,246 किसान आईडी पहले ही बनाई जा चुकी हैं। ये आईडी किसानों की पहचान के साथ-साथ उनकी कृषि संबंधी गतिविधियों की जानकारी प्रदान करेगी। इससे सरकार को किसानों तक सीधी सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी।

डिजिटल फसल सर्वेक्षण (Digital Crop Survey)

सरकार ने खरीफ 2025 से पूरे देश में डिजिटल फसल सर्वेक्षण लागू करने की योजना बनाई है। अब तक:

  • खरीफ 2024 में 436 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया गया।
  • रबी 2024-25 में 23.90 करोड़ भूखंडों को कवर करते हुए 461 जिलों का सर्वे पूरा किया गया।

ये सर्वे किसानों की वास्तविक स्थिति को जानने में मदद करेगा और सरकार को उनकी जरूरतों के अनुसार योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी।

राज्यों को दी जा रही सहायता (Assistance Being Given To The States)

सरकार मिशन को समय पर लागू करने के लिए राज्यों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।

1.किसान आईडी और डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए सॉफ्टवेयर: राज्यों को आवश्यक सॉफ़्टवेयर प्रदान किए जा रहे हैं।

2.राज्य अधिकारियों का प्रशिक्षण: किसानों से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए राज्यों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

3.मानव संसाधन की भर्ती: परियोजना निगरानी इकाई (PMU) के निर्माण के लिए मानव संसाधन की भर्ती की जा रही है।

4.क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर: डेटा संग्रहण और विश्लेषण के लिए क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया जा रहा है।

राज्यों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (SCA)- (Special Central Assistance to States)

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (DOE) ने 2024-25 के लिए पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष केंद्रीय सहायता (SCA) की योजना की घोषणा की है। इसके लिए 5000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 28 मार्च 2025 तक छह राज्यों को कुल 1076 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है:

  • उत्तर प्रदेश
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • महाराष्ट्र
  • तमिलनाडु
  • आंध्र प्रदेश

कैंप-मोड नज़रिया (The Camp-Mode Look)

सरकार ने राज्यों को कैंप-मोड दृष्टिकोण (The camp-mode approach) अपनाने की सलाह दी है, जिससे फील्ड-स्तरीय शिविरों का आयोजन किया जा सके और स्थानीय प्रशासन को इस प्रक्रिया में शामिल किया जा सके। इसके लिए सरकार ने प्रति शिविर 15,000 रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया है।

पीएम किसान योजना से वित्तीय सहायता (Financial Assistance From PM Kisan Yojana)

किसानों की रजिस्ट्री के निर्माण और सत्यापन में तेजी लाने के लिए सरकार ने पीएम किसान योजना के प्रशासनिक कोष से प्रति किसान आईडी 10 रुपये का प्रावधान किया है। यह राशि किसानों की रजिस्ट्री बनाने में लगे क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को मानदेय के रूप में दी जाएगी।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

ये भी पढ़ें: Mental Health Awareness: भारतीय किसानों में तनाव को समझना, लक्षण और वैज्ञानिक समाधान की रणनीतियां

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top