Goat Farming In India: उचित योजना, प्रशिक्षण और सरकारी सहायता से करें बकरी पालन,पाएं अच्छा मुनाफा

बकरी पालन (Goat Farming In India) भारत में पशुपालकों, किसानों और उद्यमियों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ता जा रहा है। सरकार भी इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं और सब्सिडी पशुपालकों, किसानों को दे रही है। उचित योजना, प्रशिक्षण, और सरकारी सहायता से बकरी पालन (Goat Farming In India) में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

Goat Farming In India: उचित योजना, प्रशिक्षण और सरकारी सहायता से करें बकरी पालन,पाएं अच्छा मुनाफा

बकरी पालन (Goat Farming In India) भारत में पशुपालकों, किसानों और उद्यमियों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ता जा रहा है। सरकार भी इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं और सब्सिडी पशुपालकों, किसानों को दे रही है। उचित योजना, प्रशिक्षण, और सरकारी सहायता से बकरी पालन (Goat Farming In India) में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

अगर आप भी इस क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं, तो उपरोक्त जानकारी के आधार पर अपनी तैयारी करें और सरकारी योजनाओं (Government schemes) का फ़ायदा उठाएं। इस आर्टिकल में, हम बकरी पालन (Goat Farming In India) से संबंधित सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़, और इस व्यवसाय के लाभों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। 

बकरी पालन में सरकारी योजनाएं और सब्सिडी (Government Schemes And Subsidies In Goat Farming)

भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। इनमें से प्रमुख योजनाएं निम्नलिखित हैं:

1. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission – NLM)

राष्ट्रीय पशुधन मिशन का उद्देश्य पशुपालकों की आजीविका में सुधार करना और पशुपालन से जुड़ी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए लाभकारी है। इस योजना के तहत भेड़, बकरी और मुर्गी पालन पर 50% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।

लाभ:

1.पोल्ट्री फार्म के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये का अनुदान।
2.बकरी इकाई के लिए अधिकतम 50 लाख रुपये का अनुदान।
3.चारा विकास इकाई के लिए अधिकतम 50 लाख रुपये की सब्सिडी।

पात्रता:

1.निजी व्यक्ति, स्वयं सहायता समूह (SHG), किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसान सहकारिताएं (FCO), संयुक्त देयता समूह (JLG) और धारा 8 के तहत स्वीकृत कंपनियां आवेदन कर सकती हैं।

2.आवेदक के पास अपनी या पट्टे पर ली गई भूमि होनी चाहिए।

3.आवेदक किसी बैंक द्वारा डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए और उसका CIBIL स्कोर 750 से ऊपर होना चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया:

Step-1 आधिकारिक वेबसाइट https://nlm.udyamimitra.in/Login/Login पर जाकर रजिस्टर करें।

Step-2 ऑनलाइन आवेदन पत्र में मांगी गई जानकारियां भरें।

Step-3 राज्य कार्यान्वयन एजेंसियां आवेदन-पत्र की स्क्रीनिंग करेंगी।

Step-4  चयन होने पर ऋणदाता की ओर से ऋण स्वीकृत किया जाएगा।

2. नाबार्ड (NABARD) सब्सिडी

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) बकरी पालन के लिए सब्सिडी और लोन प्रदान करता है। इस योजना के तहत, कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत से 33 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है।

लाभ:

1.सामान्य वर्ग के लिए 25 फीसदी सब्सिडी 
2.अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 33 प्रतिशत सब्सिडी 

पात्रता:

1.व्यक्तिगत किसान, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह, किसान उत्पादक संगठन वैगरह

2.आवेदक के पास बकरी पालन का अनुभव या प्रशिक्षण होना चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया:

Step-1 किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक से संपर्क करें और लोन के लिए आवेदन करें।

Step-2 बैंक को एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

Step-3 लोन स्वीकृत होने के बाद, NABARD द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

3. राज्य सरकार की योजनाएं

विभिन्न राज्य सरकारें भी बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं चला रही हैं। उदाहरण के लिए, राजस्थान सरकार बकरी पालन के लिए 3 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।

लाभ:

1.5 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक का लोन

2.लोन पर 50 परसेंट से 60 फीसदी तक की सब्सिडी

पात्रता:

1.राज्य के निवासी किसान और बेरोजगार युवा

2.आवेदक के पास बकरी पालन का अनुभव या प्रशिक्षण होना चाहिए

आवेदन प्रक्रिया:

Step-1 नजदीकी पशु चिकित्सा कार्यालय से संपर्क करें और आवेदन पत्र प्राप्त करें

Step-2 आवेदन पत्र में आवश्यक जानकारियां भरें और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें

Step-3 आवेदन पत्र जमा करें और सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें

बकरी पालन के लाभ

बकरी पालन एक लाभदायक व्यवसाय है, जो निम्नलिखित कारणों से आकर्षक है:

1.कम निवेश: बकरी पालन में प्रारंभिक निवेश कम होता है, जिससे छोटे और सीमांत किसान भी इसे अपना सकते हैं

2.उच्च उत्पादन: बकरियां तेजी से प्रजनन करती हैं, जिससे कम समय में पशुओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है

3.मांस और दूध की मांग: बकरी के मांस और दूध की मांग बाजार में लगातार बनी रहती है, जिससे उत्पादों की बिक्री में आसानी होती है

4.बहुउद्देशीय उपयोग: बकरियों से मांस, दूध, ऊन और खाद प्राप्त होती है, जो अतिरिक्त आय का स्रोत बनती है

ज़रूरी दस्तावेज़

बकरी पालन के लिए लोन और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • भूमि के दस्तावेज़
  • बैंक खाता विवरण
  • बकरी पालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
     

बकरी पालन व्यवसाय किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाकर, वे इस क्षेत्र में सफल उद्यमी बन सकते हैं। 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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