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अनाज भंडारण प्रबंधन | दिन-रात मेहनत करने के बाद जब किसान अपने खेतों में भरपूर फसल लहलाहते देखता है, तो उसके दिल को सुकून मिलता है। उसे लगता है कि चलो उसकी मेहनत सफल हो गई, मगर अनाज का ठीक तरह से भंडारण न किया जाए तो इस मेहनत पर कई तरह के कीट पानी फेर सकते हैं।
अनाज भंडारण में कीटों से होने वाले नुकसान
आपने घर में भी दाल, चावल, गेहूं, चना, मूंग, मटर में कई बार देखा होगा कि घुन लग जाता है, जो अनाज के दानों को खाकर खोखला कर देता है। इसी तरह भंडार गृह में रखे अनाज को भी सैंकड़ों तरह के कीट से खतरा होता है। इन कीटों के खाने से अनाज का बड़ा हिस्सा खाने लायक नहीं रह जाता और न ही इनका बीज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
साथ ही इस अनाज के पौष्टिक गुण भी कम हो जाते हैं। वैसे तो सैकड़ों तरह के कीट हैं, मगर आइए, जानते हैं कुछ मुख्य कीटों के बारे में जो आमतौर पर अनाज को ज़्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। उसके बाद हम आपको अनाज भंडारण प्रबंधन से जुड़ी अहम जानकारियां देंगे।
चावल का घुन
ये गहरे भूरे रंग का छोटा सा कीट होता है, जो बालों में होने वाले जू की तरह ही दिखता है। ये घुन अनाज को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाता है। चावल के साथ ही ये गेहूं, मक्का, बाजरा और अन्य फसलों को भी प्रभावित करता है। जिस अनाज में नमी की मात्रा 16 से अधिक होती है, उसमें घुन लगने का खतरा अधिक होती है। ये घुन अनाज को खा जाता है और फिर वो अनाज इंसानों के खाने लायक नहीं रह जाता। साथ ही अगर कोई इसे खाता भी है, तो ये सेहत के लिए हानिकारक होता है।
छोटा अनाज बेधक
व्यस्क होने पर ये कीट गहरा बादामी रंग का दिखता है, जबकि छोटे अनाजबेधक की सूंडी और वयस्क दोनों ही हानिकारक होते हैं। जिस भी अनाज में इसका प्रकोप होता है ये अनाज को खाकर एकदम आटे जैसा कर देता है, जिससे वो इस्तेमाल लायक नहीं रह जाता है। ये अनाज को अंदर से खाकर केवल उसका छिलका छोड़ देते हैं।
बादाम का पतंगा
गहरे भूरे रंग का ये कीट भंडार गृह में रखे सूखे मेवे को सबसे ज़्यादा प्रभावित करता है। इसकी सूंडी खतरनाक होती है जो बादाम के अंदर घुसकर उसे खोखला कर देती है। इस कीट से संक्रमित मेवे इंसानों के खाने लायक नहीं रह जाते।
चावल का पतंगा
अगर आप घर में भी ज़्यादा मात्रा में चावल रखते हैं, तो बहुत दिन होने के बाद आपने देखा होगा कि उसके ऊपर पतंगे जैसा एक कीट उड़ता रहता है या चावल के डिब्बे के अंदर रहता है। ये कीट धूसर रंग का होता है और मादा कीट दीवार, अनाज की बोरी या अनाज के ऊपर ही अंडे दे देती है। इस कीट की सूंडी भी हानिकारक होती है। इसके प्रभाव से अनाज के अंदर छोटे-छोटे गुच्छे जैसे बन जाते हैं।
दाल भृंग
वयस्क कीट भूरे लाल रंग का होता है जिसके ऊपर पीले रंग का धब्बा होता है। ये कीट भंडार घर में रखा अनाज जैसे चना, मूंग, अरहर, मसूर वगैरह के दानों के ऊपर अंडे दे देता है। इसकी सूंड हानिकारक होती है जो दाल के अंदर तक घुसकर उसे खाकर खोखला कर देती है। ये कीट सिर्फ़ साबूत दाल को ही खाता है।
खपरा भृंग
इस कीट की सूंडी बहुत मुलायम होती है। ये कीट अनाज को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार अगर भंडारण के दौरान इस कीट का प्रकोप हो जाए तो इसका संक्रमण कई सालों तक रहता है। यानी सालों तक अनाज खराब होता रहेगा।
गेहूं का खपरा
इस कीट की सूंडी ही अनाज को नुकसान पहुंचाती है। इस कीट का प्रकोप पूरे साल रहता है, लेकिन जुलाई से अक्टूबर तक ये अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। इस कीट की ख़ासियत ये है कि ये अनाज के दानों के अंदर नहीं जाते, बल्कि बाहर से ही इसे नुकसान पहुंचाते हैं। व्यस्क होने पर ये कीट स्लेटी भूरे रंग का हो जाता है। ये गेहूं, चावल, मक्का, ज्वार, जौ आदि को नुकसान पहुंचाता है।
अनाज भंडारण प्रबंधन: कीटों से कैसे बचाएं अनाज को?
- फसल खेतों में जब पूरी तरह से पक जाए तभी कटाई करें ताकि उसमें नमी न रहे।
- अनाज को भंडारित करने से पहले साफ करके धूप में अच्छी तरह से सुखा लें।
- भंडारित करने वाली जगह को अच्छी तरह साफ़ करें।
- अनाज को भंडारण के लिए उचित नमी का होना भी ज़रूरी है। आमतौर पर 12 प्रतिशत तक के नमी वाले अनाज में कीटो के प्रकोप का खतरा नहीं होता है।
- अनाज को रखने से पहले नमी की जांच करने के लिए उसके दानों को दांतों के नीचे दबाकर देखें, अगर आसानी से नहीं टूटता है, तो इसका मतलब है कि इसे अपनी भंडारित नहीं करना चाहिए।
- जिस भी बोरे, बॉक्स, ड्रम, कोठिला आदि में अनाज को रखना हो उसे साफ करके धूप में अच्छी तरह सुखा लें।
- भंडारित अनाज में गेहूं का भूसा मिलाकर रखने से भी कीटों का प्रकोप नहीं होगा।
- स्टोर रूम यानि भंडार गृह की दीवारों पर डेल्टा मेथ्रिन नामक कीटनाशक का छि़ड़काव करें। एक लीटर पानी में 40 ग्राम कीटनाशक मिलाकर छिड़कें।
- करंज, बकेन, यूकेलिप्टस की पूरी तरह से सूखी पत्तियों को अनाज में परत दर परत बिछाकर भंडारित करने से कीटों का असर नहीं होता है।
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