हर साल 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाया जाता है, जो दुनिया भर में चाय के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक महत्व को समर्पित है। भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक रिवाज़, मेहमाननवाज़ी और लाइफ स्टाइल का हिस्सा है। सुबह की पहली चुस्की से लेकर दोस्तों के साथ गपशप तक, चाय हर पल का साथी है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाय की खोज कैसे हुई? भारत चाय उत्पादन में कैसे अव्वल बना? आइए, चाय के रोचक इतिहास और इसके वैश्विक प्रभाव पर एक नज़र डालते हैं।
चाय का इतिहास: एक राजसी खोज (The History of Tea: A Majestic Discovery)
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के अनुसार, चाय का सेवन चीन में 5000 साल पहले शुरू हुआ। मान्यता है कि सम्राट शेन नुंग ने गलती से चाय की खोज की, जब एक पेड़ से हवा के झोंके से कुछ पत्तियां उनके उबलते पानी के बर्तन में गिर गईं। पानी का रंग और स्वाद बदल गया, और इस तरह दुनिया का सबसे लोकप्रिय पेय जन्मा।
2737 ईसा पूर्व में चाय का उपयोग पहले धार्मिक अनुष्ठानों और फिर औषधि के रूप में होता था। बाद में यह एक सामाजिक पेय बन गया। ब्रिटिशों ने 1824 में भारत में चाय की खेती शुरू की ताकि चीन के एकाधिकार को तोड़ा जा सके। आज भारत दार्जिलिंग, असम और नीलगिरी (Darjeeling, Assam and Nilgiri) जैसे प्रसिद्ध चाय उत्पादक क्षेत्रों के साथ 9 लाख टन चाय सालाना पैदा करता है।
21 मई को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस? (Why is International Tea Day celebrated only on 21 May?)
दिसंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चाय के सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया। यह दिन चाय के किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को समर्पित है, जो इस उद्योग को जीवंत बनाए हुए हैं।
चाय का महत्व: स्वास्थ्य, संस्कृति और अर्थव्यवस्था (Importance of Tea: Health, Culture and Economy)
1. स्वास्थ्य के लिए वरदान
चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) होते हैं, जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म (Metabolism) बढ़ाती है, तो काली चाय एनर्जी देती है। अदरक वाली चाय सर्दी-खांसी में रामबाण है।
2. संस्कृति का अहम हिस्सा
- भारत में “चाय की चुस्की” के बिना कोई मुलाकात पूरी नहीं होती।
- जापान में चाय सेरेमनी (Chanoyu) एक कला है।
- ब्रिटेन की “हाई टी” परंपरा World Famous है।
3. करोड़ों की आजीविका
चाय उद्योग 13 मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार देता है, खासकर छोटे किसानों और महिलाओं को। भारत, चीन, केन्या जैसे देशों में चाय निर्यात अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
चाय से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts Related To Tea)
- चाय पानी के बाद दुनिया का सबसे ज़्यादा पिया जाने वाला पेय है।
- दार्जिलिंग टी को “चाय की शैंपेन” कहा जाता है।
- विश्व में 3000 से अधिक किस्मों की चाय उपलब्ध है।
- 75% चाय उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही खपत हो जाता है।
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है।
- चाय कई किस्मों में उपलब्ध है, जो लागू Oxidation और Fermentation technology के अनुसार अलग-अलग होती है।
- चाय की खेती लाखों छोटे उत्पादकों को रोजगार और आय प्रदान करती है, जो कई देशों में बड़े चाय बागानों के उत्पादन को replaced कर रहे हैं। जबकि उत्पादित चाय का तीन चौथाई हिस्सा घरेलू स्तर पर खपत किया जाता है, चाय एक व्यापक रूप से कारोबार की जाने वाली वस्तु है।
- चीन, कोरिया गणराज्य और जापान में पांच चाय की खेती के जगह हैं जिन्हें FAO की ओर से वैश्विक रूप (Global form) से महत्वपूर्ण Agricultural inheritance system के रूप में nominate किया गया है।
चाय को लेकर मुख्य संदेश (The Main Message About Tea)
- चाय उत्पादन और प्रोसेसिंग लाखों परिवारों के लिए आजीविका का स्रोत है, जिसमें सबसे कम विकसित देशों के लाखों लोग शामिल हैं।
- चाय क्षेत्र एक बहु-अरब डॉलर का बिज़नेस है जो अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन कर सकता है और स्थायी खाद्य प्रणालियों में योगदान दे सकता है।
- चाय क्षेत्र सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो दुनिया भर में लाखों गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय का एक प्रमुख स्रोत है।
- चाय उत्पादन और प्रोसेसिंग आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देकर और सामुदायिक लचीलेपन को मजबूत करके व्यक्तियों-विशेषकर महिलाओं-को सशक्त बनाता है।
- चाय बहुत विशिष्ट कृषि-पारिस्थितिक स्थितियों और वातावरण में पनपती है, जो अक्सर जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होती हैं।
चुनौतियां और भविष्य (Challenges And The Future)
जलवायु परिवर्तन और मंदी के कारण छोटे चाय किसानों को संघर्ष करना पड़ रहा है। सतत उत्पादन और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देकर हमें चाय उद्योग को मज़बूत बनाना होगा।
चाय हमारी पहचान है (Tea Is Our Identity)
चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि संवाद, संस्कृति और आर्थिक विकास का प्रतीक है। इस अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर, आइए अपनी प्याली में उठती भाप के साथ चाय किसानों के परिश्रम को सलाम करें और “चाय-चर्चा” का आनंद लें।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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