भारत के करोड़ों कपास किसानों के लिए 2 सितंबर, 2025 एक ऐतिहासिक तारीख़ बन गई है। इस दिन केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने ‘कपास किसान’ (Kapas Kisan App) मोबाइल ऐप लॉन्च करके देश की कपास खरीद प्रोसेस में एक डिजिटल क्रांति (digital revolution )की शुरूआत की। ये ऐप सिर्फ एक टेक्नोलॉजी टूल नहीं, बल्कि किसानों को बिचौलियों और शोषण से मुक्ति दिलाने का एक शक्तिशाली हथियार है। इसके ज़रिए अब कपास किसान अपनी मेहनत का सही दाम पाने के लिए लंबी कतारों और भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह से मुक्त हो सकेंगे।
एक ऐप, अनेक समाधान
भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश है (India is the largest cotton producing country in the world), जो ग्लोबल प्रोडक्शन में लगभग 23 फीसदी योगदान करता है। लेकिन इस ‘सफेद सोने’ को उगाने वाला किसान अक्सर Financial crisis में डूबा रहता है। पारंपरिक खरीद प्रणाली (traditional procurement system) में बिचौलिए, देरी से भुगतान और MSP तक पहुंच न बन पाना बड़ी समस्याएं थीं। किसान को अपनी फसल बेचने के लिए मंडी के चक्कर लगाने पड़ते, जहां अक्सर उसे MSP से कम दाम पर मजबूरन फसल बेचनी पड़ती थी। ‘कपास किसान’ ऐप सीधे तौर पर इन्हीं चुनौतियों का समाधान लेकर आया है।
ऐप की शक्ति: घर बैठे करें ये काम
Kapas Kisan App कपास किसानों के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन बन गया है। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:
1. आधार-लिंक्ड ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: किसान अपने मोबाइल नंबर और आधार कार्ड की मदद से खुद को सीधे ऐप (Kapas Kisan App) पर रजिस्टर करा सकते हैं। ये पूरा प्रोसेस डिजिटल और पेपरलेस है।
2. सुविधाजनक स्लॉट बुकिंग: अब किसानों को मंडी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वे अपनी सुविधा के अनुसार ऐप पर जाकर कपास बेचने का समय और तारीख (स्लॉट) पहले से बुक कर सकते हैं।
3. रीयल-टाइम पेमेंट ट्रैकिंग: फसल बिकने के बाद MSP का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में किया जाता है। किसान ऐप के जरिए ही यह ट्रैक कर सकता है कि उके भुगतान की क्या स्थिति है, जिससे किसी तरह की देरी या गड़बड़ी की आशंका खत्म हो गई है।
4. मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट: ऐप को किसानों की सुविधा के लिए कई भारतीय भाषाओं में तैयार किया गया है, ताकि हर क्षेत्र का किसान इसे आसानी से इस्तेमाल कर सके।
ऐतिहासिक पहल का डिजिटल सफर
MSP की अवधारणा भारत में 1966-67 में गेहूं के साथ शुरू हुई और बाद में कपास जैसी दूसरी फसलों को भी इसमें शामिल किया गया। किसानों को MSP का लाभ पहुंचाने के लिए ही 1970 में कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) की स्थापना की गई थी। ‘कपास किसान’ ऐप (Kapas Kisan App), CCI की इसी ऐतिहासिक भूमिका को डिजिटल युग में नए सिरे से परिभाषित करता है। ये पहल सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्मार्ट एग्रीकल्चर’ मिशन से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।