Kashi Sookshma Shakti: काशी सूक्ष्म शक्ति करेगा सब्ज़ियों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर

काशी सूक्ष्म शक्ति- ये एक पाउडर फॉर्म्यूलेशन है, खासतौर पर कद्दूवर्गीय फसलों जैसे करेला, परवल और लौकी के लिए तैयार किया गया है। ये फसलों की ज़रूरत के हिसाब से तैयार किया गया है, जो उनके पोषण की कमी को पूरा करता है।

Kashi Sookshma Shakti: काशी सूक्ष्म शक्ति करेगा सब्ज़ियों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर

सब्जियां… हमारी ज़िंदगी को दिया कुदरत का अनमोल तोहफा है। ये  सिर्फ़ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पोषण में भी बेजोड़ होती हैं। लेकिन भारत में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के चलते सब्जियों की पैदावार और गुणवत्ता दोनों पर बुरा असर पड़ता है। ये समस्या सिर्फ खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पोषण की कमी और हमारे स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। ICAR-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी ने काशी सूक्ष्म शक्ति (Kashi Sookshma Shakti) से इसका समाधान निकाला है ।

काशी सूक्ष्म शक्ति क्या है?

 काशी सूक्ष्म शक्ति- ये एक पाउडर फॉर्म्यूलेशन है, खासतौर पर कद्दू वर्गीय फसलों जैसे करेला, परवल और लौकी के लिए तैयार किया गया है। ये फसलों की ज़रूरत के हिसाब से तैयार किया गया है, जो उनके पोषण की कमी को पूरा करता है।

एक लिक्विड फॉर्म्यूलेशन (Kashi Sookshma Shakti and Kashi Sookshma Shakti Plus), जो फलीदार सब्जियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें न केवल सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं, बल्कि पौधों की वृद्धि को तेज़ी से बढ़ाने वाले और वर्मीवाश जैसे प्राकृतिक घटक भी हैं।

किसान नागेश कुमार सिंह ने क्या बताया ?

 लेकिन क्या ये फॉर्म्यूलेशन सचमुच असरदार हैं? तो मिर्जापुर के कैलहट गांव के किसान नागेश कुमार सिंह ने इसके बारें में सारी जानकारियां दी।

साल 2024 में नागेश सिंह ने अपनी 10 बिस्वा ज़मीन पर करेला, 5 बिस्वा पर परवल और 15 बिस्वा पर लौकी की खेती की और उन्होंने पहली बार काशी सूक्ष्म शक्ति का इस्तेमाल किया।इसकी मदद से फसल की अवधि में 15-20 दिनों का इजाफा हुआ। इसके साथ ही 3-4 अतिरिक्त तुड़ाई भी मिली। पैदावार में 25-30% तक की बढ़ोतरी हुई। 

सिर्फ उपज की मात्रा ही नहीं, गुणवत्ता में भी सुधार

ये केवल उपज की मात्रा ही नहीं, बल्कि गुणवत्ता में भी बेहतरीन सुधार था। उनको करेला से 29,000 रूपये का शुद्ध लाभ हुआ। परवल में 17,500 और  लौकी से शुद्ध लाभ 45,000 रूपये हुआ। कुल मिलाकर, ये तकनीक उनकी आय का जबरदस्त ज़रिया बनी। ये बात यहीं खत्म नहीं होती। जब काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस का इस्तेमाल फलीदार फसलों जैसे लोबिया और सोयाबीन पर किया गया, तब भी रिज़ल्ट शानदार रहे। जिसमें लोबिया की पैदावार में 20-25% की बढ़ोतरी हुई। 3-4 अतिरिक्त तुड़ाई भी मिली। लोबिया से कुल लाभ 10,000 रूपये हुआ। सोयाबीन का इस्तेमाल मुख्य रूप से परिवार के उपभोग के लिए किया गया।

फॉर्म्यूलेशन सिर्फ़ समाधान नहीं, किसानों के लिए नई उम्मीद


नागेश सिंह कहते हैं कि ये सबूत है कि ये फॉर्म्यूलेशन सिर्फ़ एक समाधान नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक नई उम्मीद भी हैं। नागेश कुमार सिंह के अनुसार, इन तकनीकों ने उनकी खेती में क्रांति ला दी है। वे ICAR-IIVR का आभार जताते हुए कहते हैं कि  काशी सूक्ष्म शक्ति और काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस (Kashi Sookshma Shakti and Kashi Sookshma Shakti Plus)) ने उनकी फसलों को नई जान दी। उन्होंने फसल की गुणवत्ता और उत्पादकता पर इनके असर की खूब तारीफ की। 

फॉर्म्यूलेशन से फसल की पैदावार और गुणवत्ता में बढ़ावा 

  ये फॉर्म्यूलेशन यानि काशी सूक्ष्म शक्ति और काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस (Kashi Sookshma Shakti and Kashi Sookshma Shakti Plus) किसानों के लिए एक वरदान की तरह हैं। ये न केवल फसल की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाते हैं, बल्कि भारत के कृषि क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों का समाधान भी पेश करते हैं। ये किसानों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूत कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। 

 देश का हर किसान काशी सूक्ष्म शक्ति और काशी सूक्ष्म शक्ति प्लस का इस्तेमाल कर अपनी फसल की उपज और मुनाफे में बढ़ोतरी कर सकता है।  

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