NABARD ने मिलाया एपीडा के साथ हाथ, किसानों को होंगे ये फायदे

एपीडा और NABARD ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के बीच बेहतर तालमेल बनाते हुए सभी संबंधित हितधारकों को लाभ पहुंचाना है।

माइक्रो इरीगेशन फंड NABARD

एपीडा और नाबार्ड (APEDA and NABARD) ने अपने मुख्यालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया। नए समझौते का उद्देश्य कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों के बीच बेहतर तालमेल बनाते हुए सभी संबंधित पक्षों को लाभ पहुंचाना है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) का गठन कृषि के विकास के लिए कर्ज देने वाले बैंक के रूप में हुआ है जो कि प्रमुख रूप से कृषि, ग्रामीण स्तर पर छोटे और कुटीर उद्योग, हस्तकलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित गतिविधियों के लिए कर्ज देता है। जिसका उद्देश्य समेकित ग्रामीण विकास करना है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपन्नता बढ़े।

नाबार्ड एक्ट-1981, नाबार्ड को विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने का अधिकार देता है। नाबार्ड, किसानों को सहयोग देने के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चला रहा है। जिसके जरिए पूरे देश में किसानों को सहयोग मिल रहा है।

वहीं दूसरी ओर कृषि निर्यात नीति के क्रियान्वयन के लिए एपीडा लगातार राज्य सरकारों के साथ सहयोग करता रहता है। इसी पहल के तहत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नागालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, सिक्किम और उत्तराखंड ने राज्य आधारित एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। जबकि दूसरे राज्य भी एक्शन प्लान को तैयार करने के अंतिम चरण में हैं।

इसी तरह 28 राज्यों और 4 केंद्र-शासित प्रदेशों ने नोडल एजेंसी भी नामांकित कर दी हैं। साथ ही 21 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति का भी गठन कर दिया गया है।

सहयोग के क्षेत्र

  • भारत सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आय बढ़ाने के जरूरी कदम उठाएंगे।
  • नाबार्ड और एपीडा एफपीओ के विकास के लिए जरूरी योजनाएं और कदम उठाएंगे, जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
  • एपीडा, नाबार्ड के साथ मिलकर एक कार्यक्रम तैयार करेगा, जो सहकारी समितियों, एफपीओ को तकनीकी सहायता देगा। इस कार्यक्रम के जरिए एपीडा द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित उत्पादों के लिए कटाई के बाद, आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा।
  • दोनों संस्थाएं मिलकर, राज्यों में क्लस्टर की पहचान करेंगी। एपीडा, एफपीओ द्वारा बनाए उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करेगा, जिसमें नाबार्ड भी अहम भूमिका निभाएगा।

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