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राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – ऑयल पाम (National Edible Oil Mission – Oil Palm) के तहत देशभर में किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के पूर्व सियांग ज़िले के प्रगतिशील किसान ए के रुकबो ने ऑयल पाम (Oil Palm) की खेती करते हुए इन्होंने अपनी आमदनी में इज़ाफा किया। इसके साथ ही ये दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है।
रुकबो पाम ऑयल (Oil Palm) का बिज़नेस पतंजलि कंपनी (Patanjali company) के साथ करते हैं जो इनको वक्त पर पेमेंट मुहैया कर देती है। पॉम ऑयल (Oil Palm) की खेती के साथ ही रुकबो इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग (Integrated Forming) भी करते हैं। जिसमें वो मछली पालन के साथ ही बकरी पालन, सूअर पालन करते हैं। इन्होंने अपने खेत में गाय भी पाल रखी हैं। जिसके गोबर से इनको जैविक खाद भी मिलती है।
ऑयल पाम (Oil Palm) पेड़ के स्टेम भी बाजार में अच्छे दाम में बिक जाते हैं। इसके साथ ही पत्तों से भी आमदनी हो जाती है। पेड़ के पत्ते जानवरों के भोजन के रूप में भी इस्तेमाल होते है। जिसे पता चलता है कि पाम पेड़ से सिर्फ तेल ही नहीं बल्कि स्टेम और पत्तों भी फायदा देते हैं। ए के रुकबो आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहे हैं। जिसमें सरकार की पहल-राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (National Edible Oil Mission) से खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है।
पाम ऑयल क्या है? (What Is Palm Oil?)
पाम ऑयल ताड़ के फल से मिलता है।जबकि पामिस्ट ऑयल गिरी से प्राप्त होता है। पाम ऑयल और इसके उपयोग उनके हैरान करने वाले नैचुरल कॉस्मेटिक गुणों के लिए किया जाता है।
‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – पाम ऑयल’ (‘National Edible Oil Mission – Oil Palm’)
मोदी सरकार ने ‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – पाम ऑयल’ की शुरूआत की है। इस मिशन का मकसद भारत पाम ऑयल के आयात पर अपनी निर्भरता दूसरे देशों पर कम दे। इसके साथ ही पूर्वोत्तर भारत और अंडमान निकोबार में पाम ऑयल की खेती और प्रोसेसिंग शुरू करने की सरकार की पूरी कोशिश रहेगी।
किसानों को पाम प्रोसेसिंग कंपनियों का सहयोग (Support Of Palm Processing Companies To Farmers)
पतंजलि फ़ूड प्राइवेट लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट और 3एफ ऑयल पाम लिमिटेड जैसी प्रमुख ऑयल पाम प्रोसेसिंग कंपनियों के सहयोग से राज्य सरकारों द्वारा आयोजित इस पहल में कई जागरूकता कार्यशालाएं, वृक्षारोपण अभियान और प्रचार कार्यक्रम शामिल रहे थे। इन एक्टिविटीज़ ने सफलतापूर्वक जागरूकता बढ़ाई है और कृषक समुदाय को शामिल किया
मेगा ऑयल पाम प्लांटेशन ड्राइव खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने, आयात निर्भरता को कम करने और भारतीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस व्यापक रणनीति का एक प्रमुख घटक है।
भारत का पाम ऑयल के आयात पर खर्च (India’s Expenditure On Import Of Palm Oil)
बता दें कि भारत वर्तमान में खाद्य तेल का शुद्ध आयातक है। कुल खाद्य तेल का 57 फ़ीसदी विदेशों से आयात किया जाता है। खाद्य तेल की कमी हमारे विदेशी मुद्रा भंडार पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। वहीं 20.56 बिलियन अमरीकी डॉलर इसके आयात पर खर्च होता है। पाम ऑयल के इस आयात पर केंद्र सरकार का 50 हज़ार करोड़ रुपये सालाना ख़र्च होता है। नए मिशन पाम ऑयल के ज़रिए केंद्र सरकार अपने इसे ख़र्च को कम करना चाहती है। देश के लिए तिलहन और पाम तेल को बढ़ावा देने के ज़रीये से कुकिंग ऑयल के प्रोडक्शन में आत्मनिर्भर बनना ज़्यादा अहम हो गया है।
मिशन पाम ऑयल की अहम बातें (Key Points Of Mission Palm Oil) :
1.इस मिशन के तहत सरकार की ओर से 11000 करोड़ की वित्तीय सहायता मिलेगी। जिसमें से 8844 करोड़ केंद्र सरकार वहन करेगी। जबकी बाक़ी राशी 2196 करोड़ का वहन राज्य सरकार करेगी।
2.पाम तेल की खेती के लिए किसानों को कटाई उपकरणों की खरीद के लिए 2,90,000 रुपये की सहायता मिलेगी।
3.कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) की स्थापना के लिए 25 लाख रुपये की मदद दी जाती है।
4.साल 2025 तक 10 लाख हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती का टारगेट केंद्र सरकार ने रखा है। जिससे आने वाले दस सालों में देश में पाम ऑयल का प्रोडक्शन 28 लाख टन तक पहुंच जाए।
5.किसानों के ऑयल पाम की खेती से किसी तरह का नुकसान हो इसके लिए भी सरकार ध्यान दे रही है।
6.इस मिशन के तहत पुराने बागों को फिर से शुरू करने के लिए सरकार 250 रुपये प्रति पौधा के हिसाब से विशेष सहायता भी दे रही है।
7.मिशन के तहत प्रोसेसिंग कंपनियां ऑयल पाम किसानों के लिए वन-स्टॉप सेंटर भी स्थापित कर रही हैं जहां वे इनपुट, कस्टम हायरिंग सेवाएं, अच्छी कृषि प्रथाओं की कृषि सलाह और किसानों की उपज का संग्रह की सुविधा दे रहे हैं।
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- मेगा ऑयल पाम प्लांटेशन (National Edible Oil Mission- Mega Oil Palm Plantation)
राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयलपाम के तहत आयोजित मेगा ऑयल पाम प्लांटेशन ड्राइव के तहत भारत के 15 राज्यों में 12,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में 17 लाख से अधिक ऑयल पाम पौधे रोपे गए, जिससे 10,000 से अधिक किसान लाभान्वित हुए। ये अभियान 15 सितंबर, 2024 तक चला।
इसमें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा सहित कई राज्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।
इस अभियान ने देश में ऑयल पाम की खेती के विस्तार की दिशा में भारत सरकार, राज्य सरकारों और ऑयल पाम प्रोसेसिंग कंपनियों के सामूहिक प्रयासों (Collective efforts) को प्रदर्शित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
भारत में कहां-कहां होती है पाम ऑयल की खेती
आज के वक्त में देश में पाम ऑयल की खेती सिर्फ़ 3.7 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर होती है। केंद्र सरकार का टारगेट अगले चार साल में इसे लगभग तीन गुना करने का है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु के अलावा मिजोरम, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में पाम ऑयल की खेती होती है। बता दें कि ताड़ का पेड़, भूमध्य रेखा के इर्द-गिर्द ही उगाया जा सकता है। इसे ठंडे इलाक़ों में नहीं उगया जा सकता है।
कहां-कहां होता है पाम ऑयल का इस्तेमाल
- पाम आयल के इस्तेमाल डिटर्जेंट उत्पादों में खूब होता है।
- वेजीटेबल ऑयल जो खाना पकाने में यूज़ होता है उसमें बड़ी मात्रा में पाम ऑयल मिला होता है।
- इसका इस्तेमाल व्यापक है। ब्रेड, नूडल्स, मिठाइयों और नमकीन से लेकर कॉस्मेटिक्स में, साबुन, डिटर्जेंट जैसे एफएमसीजी उत्पादों को तैयार करने में भी पाम तेल का ख़ूब इस्तेमाल होता है।
- शैंपू, आइसक्रीम, साबुन, वाशिंग पाउडर और दूसरे क्लीनिंग उत्पादों में इस्तेमाल होता है।
- लिपिस्टिक के रंग को बरकरार रखने के लिए भी इसका यूज किया जाता है। रूम के तापमान पर लिपिस्टिक को पिघलने नहीं देता है, इसके साथ ही स्मूथनेस देता है।
- चॉकलेट को ये चमकीला और पिघलने से बचाने वाला बनाता है।
- कुकीज को अच्छा टेक्सचर देता है।
देश में पाम ऑयल की खपत
2012 में भारत में प्रति व्यक्ति खाद्य तेल की खपत 14.2 लीटर थी लेकिन अब ये बढ़ कर 19-19.5 लीटर तक पहुंच चुकी है। 2019-20 में भारत में 1.34 करोड़ टन खाद्य तेल बाहर से मंगाया गया और इसकी कीमत थी 61,559 करोड़ रुपए है।
पाम ऑयल की इतनी ज़्यादा मांग आख़िर क्यों ?
1.पाम ऑयल एक बेहद बहुमुखी तेल है जिसमें कई अलग-अलग गुण और इसके काम होते हैं जो इसे इतना उपयोगी और व्यापक तरीके से इस्तेमाल किया जाने वाला बनाते हैं।
2.ये रूम टंप्रेचर पर सेमी सॉलिड होता है इसलिए इसे फैलाया जा सकता है। ये ऑक्सीकरण के लिए प्रतिरोधी (Resistant) है इसलिए उत्पादों को लंबे वक्त तक रखा जा सकता है।
3.ये उच्च तापमान पर मज़बूत रहता है इसलिए तले हुए प्रोडक्ट को क्रिस्पी बनाने में मददगार होता है।
4.बता दें कि ऑयल पाम गंधहीन और रंगहीन भी होता है। इसलिए खाद्य उत्पादों (Food products) के रंग-रूप या गंध को नहीं बदलता है। एशियाई और अफ्रीकी देशों में, पाम ऑयल का इस्तेमाल खाना पकाने के तेल के रूप में किया जाता है।
5.पाम ऑयल एक बहुत ही सुजान (Skill) फसल है, जो लगभग पूरे साल ज़मीन के छोटे क्षेत्रों में उच्च मात्रा में तेल का उत्पादन करने में सक्षम है। ये इसे उत्पादकों और छोटे किसानों के लिए एक आकर्षक फसल बनाता है।
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