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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पशुपालकों और डेयरी किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई अहम और बड़े फैसले किए हैं। इनमें नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट्स (New Milk Processing Plants In Himachal Pradesh) की स्थापना, डेयरी सहकारी समितियों का विस्तार (Expansion of dairy cooperatives ) और गाय-भैंस के दूध की कीमतों में बढ़ोतरी (Increase in the prices of cow and buffalo milk) शामिल है। ये योजनाएं न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएंगी, बल्कि राज्य में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी।
डेयरी सहकारी समितियों को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने पशुपालन विभाग की हाई-लेवल बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मिशन मोड पर डेयरी सहकारी समितियों का गठन करें। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रदेश की 910 पंचायतों में डेयरी सहकारी समितियां सक्रिय हैं, लेकिन इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। इन समितियों से युवाओं को डेयरी सेक्टर में रोजगार और स्वरोजगार के मौके मिलेंगे।
6 नए मिल्क प्लांट्स की तैयारी
सीएम सुक्खू ने घोषणा की कि प्रदेश के 6 और जिलों में नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएंगे। इनमें शामिल हैं:
- ऊना (झलेड़ा)
- हमीरपुर (झलाड़ी)
- सिरमौर (नाहन)
- कुल्लू (मोहल)
- सोलन (नालागढ़)
- शिमला (रोहड़ू)
कांगड़ा में बन रहा है 225 करोड़ का मेगा मिल्क प्लांट
हिमाचल सरकार कांगड़ा जिले में 225 करोड़ रुपये की लागत से एक विशाल मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट बना रही है। यह प्लांट 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता के साथ काम करेगा और जून 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके शुरू होने के बाद कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर और चंबा जिलों के किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
इन प्लांट्स पर 120 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, दूध शीतलन (चिलिंग) प्लांट भी लगाए जाएंगे, ताकि दूध की गुणवत्ता बनी रहे और किसानों को बेहतर दाम मिल सके।
दूध की कीमतों में बढ़ोतरी, किसानों को मिलेगा फायदा
हिमाचल सरकार ने डेयरी किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है। अब:
- गाय के दूध का दाम 51 रुपये प्रति लीटर
- भैंस के दूध का दाम 61 रुपये प्रति लीटर
सीएम ने बताया कि पिछले तीन सालों में मिल्कफेड द्वारा दूध की खरीद में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
सरकार का ‘हिम-घी’ ब्रांड को बढ़ावा
हिमाचल प्रदेश की पहाड़ी गायों के दूध से बने ‘हिम-घी’ को एक प्रीमियम ब्रांड के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम ने मिल्कफेड को निर्देश दिए कि वे इस ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिल सके।
गौशालाओं के निर्माण पर जोर
मुख्यमंत्री ने राज्य में गौ सदनों (गौशालाओं) के निर्माण कार्यों की समीक्षा की और इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। यह कदम न केवल गौ-संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि डेयरी उत्पादन को भी बढ़ावा देगा।
डेयरी किसानों के लिए गोल्डन चांस
हिमाचल प्रदेश सरकार की योजनाएं डेयरी क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं। नए मिल्क प्लांट्स, सहकारी समितियों का विस्तार और दूध की बढ़ी हुई कीमतें किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगी। अब देखना है कि ये योजनाएं कितनी तेजी से जमीन पर उतरती हैं और प्रदेश के पशुपालकों को कितना फायदा पहुंचाती हैं।
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