Patna-Ara-Sasaram Corridor Project: बिहार में हाइब्रिड एन्युटी मोड पर कॉरिडोर प्रोजेक्ट,आर्थिक और सामाजिक विकास में बड़ा कदम

पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर परियोजना (Patna-Ara-Sasaram Corridor Project) बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना न केवल राज्य में परिवहन सुविधाओं को मजबूत करेगी, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। 

Patna-Ara-Sasaram Corridor Project: बिहार में हाइब्रिड एन्युटी मोड पर कॉरिडोर प्रोजेक्ट,आर्थिक और सामाजिक विकास में बड़ा कदम

भारत सरकार (Government of India) की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बिहार राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना (Patna-Ara-Sasaram Corridor Project) को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत पटना से सासाराम तक 120.10 किमी लंबे 4-लेन एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-
सासाराम कॉरिडोर (4-lane access control greenfield and brownfield Patna-Ara-Sasaram corridor) का निर्माण किया जाएगा। ये परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर विकसित की जाएगी और इसकी कुल पूंजी लागत 3,712.40 करोड़ रुपये होगी।

परियोजना की ज़रूरत और अहमियत (The Need And Importance Of The Project)

अभी, पटना, आरा और सासाराम के बीच संपर्क मौजूदा राज्य राजमार्गों (SH-2, SH-12, SH-81 and SH-102) के ज़रीये से होता है, जहां भारी यातायात और संकरी सड़कों की वजह से सफ़र में 3-4 घंटे का वक्त लग जाता है। ये परियोजना इस समस्या का समाधान करने के लिए बनाई गई है, जिससे यात्रा का समय कम होगा और यातायात का दबाव घटेगा।

इसके साथ ही ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (Greenfield Corridor) के साथ-साथ ब्राउनफील्ड राजमार्ग के 10.6 किमी हिस्से को उन्नत और विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से आरा, ग्राहिणी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों को बेहतर कनिक्टिविटी   मिलेगी।

महत्वपूर्ण संपर्क और आर्थिक लाभ (Important Contacts And Financial Benefits)

ये परियोजना बिहार के प्रमुख परिवहन गलियारों को आपस में जोड़ने में सहायक होगी। यह एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131जी और एनएच-120 को एकीकृत करेगी, जिससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना को निर्बाध संपर्क प्राप्त होगा।

ये परियोजना दो प्रमुख हवाई अड्डों, जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (पटना) और बिहिता हवाई अड्डा (निर्माणाधीन) को भी जोड़ेगी। 

वहीं सासाराम, आरा, दानापुर और पटना के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को भी इससे जोड़ा जाएगा। पटना अंतर्देशीय जल टर्मिनल तक इसकी सीधी पहुंच होगी, जिससे माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी।

परियोजना से होने वाले  फ़ायदे (Benefits Of The Project)

1.समय और लागत की बचत: इस कॉरिडोर के निर्माण से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा और परिवहन की लागत भी घटेगी।

2.यातायात का दबाव कम होगा: मौजूदा राज्य राजमार्गों पर भारी ट्रैफिक की समस्या का समाधान होगा।

3.क्षेत्रीय आर्थिक विकास: पटना, आरा और सासाराम के व्यापारिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

4.रोजगार के अवसर: इस परियोजना से 48 लाख मानव दिवस रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

5.बेहतर संपर्क: बिहार के विभिन्न शहरों और कस्बों के बीच संपर्क सुलभ होगा।

6.राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा: यह परियोजना पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच प्रदान करेगी, जिससे व्यापार को गति मिलेगी।

बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण कदम (Important Step In The Development Of Infrastructure Of Bihar)

पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर परियोजना (Patna-Ara-Sasaram Corridor Project) बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना न केवल राज्य में परिवहन सुविधाओं को मजबूत करेगी, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। 

कई राज्यों के बीच कनिक्टिविटी होगी बेहतर (Connectivity Between Many States Will Improve)

ये परियोजना लखनऊ, पटना, रांची और वाराणसी के बीच संपर्क में सुधार करेगी और सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में सहायक सिद्ध होगी। इसके पूरे होने से बिहार में सामाजिक-आर्थिक प्रगति को नया आयाम मिलेगा और राज्य के विकास में एक नई क्रांति आएगी।

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