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किसानों के लिए राहत की बड़ी घोषणा करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के 27 लाख से अधिक किसानों के खातों में PM Kisan की 21वीं किस्त के रूप में 540 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की।
यह फैसला उन किसानों के लिए संजीवनी से कम नहीं है, जिनकी फ़सलें हाल ही में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से पूरी तरह बर्बाद हो गईं। इस किस्त से किसानों को बीज और खाद की खरीद में मदद मिलेगी और वे अगली बुवाई समय पर कर पाएंगे।
आपदा प्रभावित किसानों के लिए राहत का पैकेज
शिवराज सिंह चौहान ने कृषि भवन, नई दिल्ली से आयोजित वर्चुअल समारोह में कहा कि केंद्र सरकार किसानों की हर कठिनाई में साथ खड़ी है। जिन किसानों के घर आपदा में पूरी तरह तबाह हो गए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नया आवास उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, मनरेगा के तहत अब प्रभावित राज्यों में किसानों और मजदूरों को 100 दिन के बजाय 150 दिनों का रोज़गार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कदम किसानों और ग्रामीण परिवारों के लिए अतिरिक्त सहारा बनकर उभरेगा।
किसानों की मेहनत को समझती है सरकार
केंद्रीय मंत्री ने भावुक शब्दों में किसानों की कठिनाइयों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फ़सल को सिर्फ़ पानी से नहीं बल्कि पसीने से सींचता है। लेकिन जब आपदा आती है और फ़सलें बर्बाद होती हैं तो केवल अनाज नहीं बल्कि किसानों का भविष्य और उनके बच्चों की खुशियां भी डूब जाती हैं। PM Kisan की 21वीं किस्त को समय से पहले जारी करने का फैसला इसी सोच का हिस्सा है, ताकि आपदा प्रभावित किसान तुरंत राहत पा सकें और अगली फ़सल की तैयारी कर सकें।
राज्यों के लिए विशेष सहायता
इस बार जारी हुई किस्त के तहत:
- पंजाब के लगभग 11.10 लाख किसानों को करीब 222 करोड़ रुपये मिले।
- हिमाचल प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा किसानों को 160 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई।
- उत्तराखंड के लगभग 7.90 लाख किसानों को करीब 158 करोड़ रुपये का लाभ मिला।
कुल मिलाकर तीनों राज्यों के किसानों को अब तक PM Kisan योजना के अंतर्गत 13,626 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिल चुकी है।
बीज और खाद की व्यवस्था पर भी ध्यान
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों के लिए केंद्र ने बीज की विशेष व्यवस्था भी की है। पंजाब को रेपसीड और सरसों के बीज का 32 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। वहीं, गेहूं की बुवाई के लिए लगभग 74 करोड़ रुपये अलग से जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी किसान अगली बुवाई से वंचित न रहे। इस बार PM Kisan की 21वीं किस्त भी इसलिए समय पूर्व किसानों तक पहुंचाई गई है, ताकि किसान नई उम्मीद के साथ खेती कर सकें।
शिवराज सिंह चौहान का किसानों को भरोसा
वर्चुअल कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने आपदा प्रभावित राज्यों के किसानों को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी है और हर कदम पर मदद पहुंचाई जाएगी।
उन्होंने कहा – “किसान भाई-बहन अपने आप को अकेला न समझें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश आपके साथ है। इस संकट से भी हम सब मिलकर बाहर निकलेंगे।”
PM Kisan की 21वीं किस्त क्यों है अहम?
यह किस्त सिर्फ़ 2,000 रुपये की राशि नहीं बल्कि किसानों के लिए नया सहारा है। फ़सलें बर्बाद होने के बाद जहां किसान अक्सर अगली बुवाई को लेकर असमंजस में रहते हैं, वहीं PM Kisan की 21वीं किस्त उन्हें बीज, खाद और अन्य जरूरी कृषि इनपुट खरीदने का अवसर देती है। इसके साथ ही मुआवजा और रोज़गार के अतिरिक्त इंतजाम से उनकी आर्थिक स्थिति को मज़बूती मिल रही है।
निष्कर्ष
आपदा की घड़ी में सरकार का यह कदम किसानों के लिए बड़ा सहारा साबित हो रहा है। PM Kisan की 21वीं किस्त से लाखों किसानों को राहत मिली है और उनके चेहरों पर फिर से उम्मीद की रोशनी लौटी है। शिवराज सिंह चौहान ने साफ़ कर दिया है कि केंद्र सरकार किसानों को अकेला नहीं छोड़ेगी। किसानों के लिए यह सिर्फ़ आर्थिक मदद नहीं बल्कि उनके आत्मविश्वास को मज़बूत करने वाली पहल है। आने वाले समय में भी ऐसी योजनाओं से किसानों को निरंतर मज़बूती मिलती रहेगी।
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