भारत मंडपम में आयोजित World Food India 2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए Prime Minister Narendra Modi ने भारत को वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण (Global food Processing) का केंद्र बनाने की दिशा में एक ठोस और शोधपूर्ण रोडमैप (Solid and researched roadmap) पेश किया। उनकी बातें सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत की ‘फार्म टू फोर्क (‘Farm to Fork’)’ स्ट्रेटजी का दस्तावेज़ था, जिसमें विविधता, मांग और इनोवेशन को भारत की तिहरी शक्ति के रूप में फीचर किया गया।
स्टार्टअप और एफपीओ: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नई कहानी
पीएम मोदी ने World Food India 2025 के उद्घाटन सत्र में सबसे गहन और शोधपूर्ण बात कही। छोटे किसानों और माइक्रो बिज़नेस को अर्थव्यवस्था को मेनस्ट्रीम से जोड़ने की पूरी डीटेल उनके भाषण में है। उन्होंने बताया कि कैसे 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) लाखों छोटे किसानों को एकजुट कर रहे हैं। ये सिर्फ नंबर नहीं है, बल्कि एक आर्थिक क्रांति है।
इन एफपीओ के ज़रीये से कश्मीर का केसर, बिहार का मखाना, महाराष्ट्र का मूंगफली तेल और केरल के केले के चिप्स जैसे 15,000 से अधिक उत्पाद अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स तक पहुंच रहे हैं। यही नहीं, 1,100 से ज्यादा एफपीओ अब ‘करोड़पति’ बन चुके हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार पैदार का बेहतर उदाहरण है।
नीतिगत सुधार: जीएसटी में छूट से लेकर 100 फीसदी एफडीआई तक
प्रधानमंत्री ने साफ़ किया कि भारत निवेशकों के लिए केवल अवसर ही नहीं, बल्कि एक Collaborative policy environment भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की बात करते हुए Food processing sector के लिए ख़ास राहतों का जिक्र किया। 100 फीसदी foreign direct investment (एफडीआई) की अनुमति, पीएलआई योजना और मेगा फूड पार्क जैसे कदमGlobal investors के लिए दरवाजे खोल रहे हैं।
वैश्विक जिम्मेदारी और भविष्य की राह
पीएम मोदी ने भारत की भूमिका को साफ करते हुए कहा कि Global food security में भारत न केवल एक आत्मनिर्भर खिलाड़ी है, बल्कि एक जिम्मेदार सहयोगी भी है। उन्होंने organic pesticides पर जीएसटी कम करने और Biodegradable Packaging को बढ़ावा देने जैसे कदमों के जरिए पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया। ये दिखाता है कि भारत की सोंच सिर्फ आर्थिक विकास की नहीं, बल्कि एक टिकाऊ और जिम्मेदार भविष्य की है।