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राजस्थान (Rajasthan) में अब बैलों से खेती करने वाले किसानों को सरकार हर साल 30,000 रुपये की आर्थिक मदद (Rajasthan Farmers who do farming with oxen will get 30 thousand rupees) देगी। ये योजना न सिर्फ परंपरागत खेती को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी। अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य अभी भी बैलों की जोड़ी से खेत जोतता है, तो यह ख़बर आपके लिए ही है।
क्या है योजना का मकसद?
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने मुख्यमंत्री बजट 2025-26 (Chief Minister’s Budget 2025-26) में इस योजना की घोषणा की है। इसका मुख्य उद्देश्य परंपरागत खेती को बढ़ावा देना और छोटे किसानों की आय बढ़ाना है। आजकल ट्रैक्टर और मशीनीकृत खेती के चलते बैलों से खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार कम हो रही है। लेकिन सरकार चाहती है कि यह पारंपरिक तरीका बना रहे, क्योंकि यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा है और ग्रामीण पशुधन को भी संरक्षण मिलता है।
किन किसानों को मिलेगा फायदा?
इस योजना का लाभ सिर्फ लघु और सीमांत किसानों को ही मिलेगा। साथ ही, किसानों के पास एक जोड़ी बैल (दो बैल) होने चाहिए। योजना के लिए पात्र होने के लिए निम्न शर्तें हैं:
- लघु/सीमांत किसान प्रमाण पत्र (तहसीलदार द्वारा जारी)
- बैलों का पशु बीमा (अनिवार्य)
- पशु चिकित्सक द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
- किसान और बैलों की संयुक्त फोटो
इसके अलावा, मंदिर की भूमि पर खेती करने वाले पुजारी और वनाधिकार पट्टा धारक जनजातीय किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते उनके पास सभी जरूरी दस्तावेज़ हों।
कैसे करें आवेदन? पूरी प्रक्रिया जानें
इस योजना में आवेदन करने का तरीका बेहद आसान है। सरकार ने इसे पूरी तरह ऑनलाइन बनाया है। आवेदन करने के लिए निम्न चरणों का पालन करें:
1. राजकिसान साथी पोर्टल पर जाएं
किसान राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। अगर आपको ऑनलाइन आवेदन करने में दिक्कत हो रही है, तो आप नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
2. ज़रूरी दस्तावेज अपलोड करें
आवेदन फॉर्म भरते समय निम्न दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करना होगा:
- किसान और बैलों की साथ वाली फोटो
- बैलों की बीमा पॉलिसी
- पशु चिकित्सक द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
- 100 रुपये के नॉन-ज्यूडिशियल स्टाम्प पर शपथ पत्र
- तहसीलदार द्वारा प्रमाणित लघु/सीमांत किसान प्रमाण पत्र
3. वेरिफ़िकेशन और सब्सिडी डिटेल
आवेदन जमा करने के बाद, संबंधित अधिकारी दस्तावेजों की जांच करेंगे। योजना का लाभ ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दिया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद 30,000 रुपये की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
क्यों है ये योजना ख़ास?
परंपरागत खेती को बढ़ावा – बैलों से खेती करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और पर्यावरण को नुकसान नहीं होता।
किसानों की आय में बढ़ोतरी – सालाना 30,000 रुपये की सहायता से छोटे किसानों को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी।
पशुधन संरक्षण – बैलों की देखभाल और उनका उपयोग बढ़ने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
जल्दी करें आवेदन
ये योजना ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर काम करेगी, इसलिए जितनी जल्दी हो सके, आवेदन कर दें। अगर आप या आपके जान-पहचान के कोई किसान इस योजना के पात्र हैं, तो तुरंत राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन करें।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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