Rangeen Machhli App: ICAR का ‘रंगीन मछली’ ऐप जो दे रहा सजावटी मत्स्य पालन और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा

Rangeen Machhli App सिर्फ एक साधारण जानकारी देने वाला टूल नहीं है, बल्कि ये मछली पालन के शौकीनों (hobbyists), किसानों और बिजनेसमैन के लिए एक पूरी गाइड है। आइए जानते हैं इसकी ख़ास बातें।

Rangeen Machhli App: ICAR का ‘रंगीन मछली’ ऐप जो दे रहा सजावटी मत्स्य पालन और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा

भारत की नदियां, झीलें और समुद्र रंग-बिरंगी मछलियों (colourful fishes) के ख़ज़ाने से भरी पड़ी हैं। अब तक इस खूबसूरत दुनिया की जानकारी हासिल करना सिर्फ अंग्रेजी जानने वालों तक ही सीमित था। लेकिन केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री (Union Minister of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying) राजीव रंजन सिंह ने  मोबाइल एप्प लॉन्च किया जो इस खूबसूरत दुनिया के दरवाजे हर भारतीय के लिए खोल देगा। इसका नाम है – ‘रंगीन मछली’ (Rangeen Machhli App)।

ये App (Rangeen Machhli App) सिर्फ एक साधारण जानकारी देने वाला टूल नहीं है, बल्कि ये मछली पालन के शौकीनों (hobbyists), किसानों और बिजनेसमैन के लिए एक पूरी गाइड है। आइए जानते हैं इसकी ख़ास बातें।

क्या है Rangeen Machhli App की खूबी?

सबसे बड़ी और अनोखी बात ये है कि ये एप्प 8 भारतीय भाषाओं में मौजूद है। इसका मतलब है कि अब कोई भी व्यक्ति, चाहे वह हिंदी, तमिल, तेलुगु, बांग्ला या किसी और भारतीय भाषा बोलता हो, वो आसानी से मछलियों की देखभाल, उनके प्रजनन (breeding) और रखरखाव की पूरी जानकारी पा सकता है। 

एक और शानदार फीचर है – ‘फाइंड एक्वेरियम शॉप्स’। इस टूल की मदद से आप अपने आस-पास की मछली और एक्वेरियम की दुकानें ढूंढ सकते हैं। ख़ास बात ये है कि इस डायरेक्टरी को दुकान के मालिक खुद अपडेट करते हैं, जिससे आपको सही और भरोसेमंद जानकारी मिलती है और लोकल बिज़नेस को भी बढ़ावा मिलता है।

सीखने का अवसर: शुरुआती और पेशेवर दोनों के लिए

एप्प में एजुकेशन पर ख़ास जोर दिया गया है। इसमें दो मुख्य मॉड्यूल हैं:

बेसिक्स ऑफ एक्वेरियम केयर: इसमें एक्वेरियम के प्रकार, मछलियों की किस्में, पानी की सफाई, रोशनी, भोजन और रोजाना की देखभाल जैसे जरूरी topics शामिल हैं।

ऑर्नामेंटल एक्वाकल्चर: ये मॉड्यूल पेशेवरों और किसानों के लिए है, जिसमें अलग-अलग सजावटी मछलियों के प्रजनन और पालन-पोषण (rearing) की गहन जानकारी दी गई है।

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भारत में सजावटी मछलियों की भरमार

क्या आप जानते हैं कि भारत सजावटी मछलियों की दुनिया में एक समृद्ध देश है? नॉर्थईस्ट  क्षेत्र और वेस्टर्स घाटों से 195 से ज़्यादा देशज (indigenous) किस्मों की मछलियां मिलती हैं, जबकि समुद्री ecosystems में लगभग 400 प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत से निर्यात होने वाली 85 फीसदी मछलियां जंगली किस्मों की हैं, जो मुख्य रूप से पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों की नदियों से एकत्र की जाती हैं।

पश्चिमी घाट, जो दुनिया के 34 ‘Biodiversity hotspot’ में से एक है, यहां 40 तरह की सजावटी मछलियां पाई जाती हैं, जिनमें से 37 सिर्फ यहीं पाई जाती हैं (endemic)।

भारत के व्यापार का 90 फीसदी हिस्सा मीठे पानी की मछलियों पर है। गोल्डफिश सबसे लोकप्रिय प्रजाति है। इसके अलावा ऑस्कर, फ्लावर हॉर्न, टेट्रास, डिस्कस और सिक्लिड्स जैसी ख़ास प्रजातियों का भी पालन किया जाता है।

सरकार की योजनाओं का फ़ायदा भी जानें

एप्प के जरिए आप प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के तहत मिलने वाली सहायता के बारे भी जान सकते हैं। इस स्कीम में सजावटी मछली पालन इकाइयों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जैसे:

  • बैकयार्ड यूनिट (3 लाख रुपये)
  • मध्यम स्तर की यूनिट (8 लाख रुपये)
  • एकीकृत मीठे पान की इकाई (25 लाख रुपये)
  • एकीकृत समुद्री पान की इकाई (30 लाख रुपये)

कैसे इस्तेमाल करें एप्प?

  1. गूगल प्ले स्टोर से ‘Rangeen Machhli’ एप्प डाउनलोड करें।
  2. अपना ईमेल, मोबाइल नंबर और पता भरकर एक नया अकाउंट बनाएं।
  3. अपनी पसंद की भाषा चुनें।
  4. अब आप तैयार हैं इस रंगीन दुनिया का हिस्सा बनने के लिए।

App डाउनलोड करने के लिए लिंक: https://play.google.com/store/apps/details?id=com.ornamentalfish 

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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