Table of Contents
भारत प्राचीन काल से कृषि प्रधान देश रहा है। एक मज़बूत और विकसित राष्ट्र की नींव तभी संभव है जब किसानों यानी अन्नदाताओं को सशक्त बनाया जाए। यही कारण है कि सरकार लगातार किसानों के हितों को प्राथमिकता देती रही है और बीज से बाज़ार तक की पूरी प्रक्रिया को सरल और बेहतर बनाने के प्रयास करती आई है। आज के दौर में कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका (Role of Technology in Agriculture) सबसे अहम साबित हो रही है, जिसने खेती-किसानी की तस्वीर ही बदल दी है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), मशीन लर्निंग (ML), ड्रोन, सैटेलाइट मैपिंग और JAM ट्रिनिटी जैसे आधुनिक उपकरण अब खेती का हिस्सा बन चुके हैं। इन नवाचारों ने खेती को उत्पादक और किसानों के जीवन को आसान बना दिया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का योगदान
कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका (Role of Technology in Agriculture) का सबसे बड़ा उदाहरण है AI और IoT का उपयोग। इनके जरिए पैदावार बढ़ाने, मौसम और कीटों की चुनौती से निपटने तथा बाज़ार तक किसानों की पहुंच आसान बनाने का काम हो रहा है।
- किसान ई-मित्रा चैटबॉट: सरकार ने AI आधारित यह वॉयस चैटबॉट किसानों की मदद के लिए लॉन्च किया है। यह 11 भाषाओं में किसानों के सवालों के जवाब देता है और अब तक 95 लाख से अधिक प्रश्नों का समाधान कर चुका है।
- राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS): अगस्त 2024 में शुरू हुई इस व्यवस्था के जरिए किसान फ़सल की तस्वीर अपलोड करके कीट और रोग की सही पहचान कर सकते हैं। 61 फ़सलों और 400 से ज़्यादा कीटों की जानकारी इसमें उपलब्ध है।
- सैफ्रन की खेती में IoT: आईआईटी रोपड़ IoT आधारित सेंसर विकसित कर रहा है जो केसर की खेती और उसकी सप्लाई चेन को बेहतर बनाएंगे।
कृषि में स्पेस टेक्नोलॉजी की भूमिका
अंतरिक्ष तकनीक भी खेती को नई दिशा दे रही है।
- FASAL प्रोजेक्ट: फ़सल उत्पादन का पूर्वानुमान लगाने के लिए यह परियोजना महत्वपूर्ण है। इससे गेहूं, धान, कपास, गन्ना और सोयाबीन जैसी फ़सलों की स्थिति और उत्पादन की सही जानकारी मिलती है।
- सूखा निगरानी: इसरो के सहयोग से बने जियोपोर्टल्स बारिश, मिट्टी की नमी और जलस्तर की लाइव जानकारी देते हैं।
- PM फ़सल बीमा योजना में सहयोग: फ़सल कटाई प्रयोगों, पैदावार आकलन और विवाद निपटान में भी स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है।
यह सब दर्शाता है कि कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका (Role of Technology in Agriculture) केवल पैदावार बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह किसानों की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से भी जुड़ी है।
खेती में ड्रोन का बढ़ता महत्व
ड्रोन तकनीक ने खेती को एक नया आयाम दिया है। खेतों में दवाओं का छिड़काव, फ़सलों की निगरानी और सटीक खेती (प्रिसिजन फार्मिंग) के लिए अब ड्रोन का व्यापक उपयोग हो रहा है।
- कृषि यंत्रीकरण उपमिशन (SMAM): इसके तहत किसानों को ड्रोन और कृषि मशीनरी पर सब्सिडी दी जा रही है।
- नमो ड्रोन दीदी योजना: महिलाओं की स्वयं सहायता समूहों को 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इससे महिलाएं भी स्वरोज़गार और आय वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
- स्वामित्व योजना: गांवों में ज़मीन का सर्वे कर किसानों को कानूनी दस्तावेज देने के लिए भी ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
यह योजनाएं स्पष्ट करती हैं कि कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका (Role of Technology in Agriculture) महिलाओं और छोटे किसानों को भी नई ताकत दे रही है।
JAM ट्रिनिटी से पारदर्शिता और सशक्तिकरण
जन-धन, आधार और मोबाइल (JAM) त्रिमूर्ति ने किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचाना सुनिश्चित किया है। पीएम किसान सम्मान निधि की किस्तें सीधे बैंक खाते में पहुंचना इसका बड़ा उदाहरण है। इससे न केवल भ्रष्टाचार खत्म हुआ है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी मज़बूत हुई है।
निष्कर्ष
आज का किसान सिर्फ हल और बैल तक सीमित नहीं है, बल्कि ड्रोन, सैटेलाइट, मोबाइल और AI जैसी आधुनिक तकनीकों से जुड़कर नई ऊंचाइयों तक पहुंच रहा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं और डिजिटल मिशनों ने इस बदलाव को और गति दी है। निस्संदेह, कृषि में प्रौद्योगिकी की भूमिका (Role of Technology in Agriculture) आने वाले वर्षों में और अधिक महत्वपूर्ण होगी। यह न केवल पैदावार और आय बढ़ाएगी बल्कि भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार बनाएगी।
इसे भी पढ़िए: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के 5 साल, क्या कहते हैं मछली पालन से जुड़े ताज़ा आंकड़े?
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।