संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) को कैबिनेट ने दी मंज़ूरी

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के तहत 2790 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया, जो डेयरी क्षेत्र के सुधार और किसानों की आय वृद्धि में मदद करेगा।

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम Revised National Dairy Development Programme

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) को मंज़ूरी दे दी है। यह योजना देश के डेयरी क्षेत्र में सुधार लाने और इसे नई दिशा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) को केंद्र सरकार की योजना के रूप में बढ़ाया गया है और इसमें 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जोड़ी गई है, जिससे अब कुल बजट 2790 करोड़ रुपये हो गया है। यह योजना 15वीं वित्त आयोग की अवधि (2021-22 से 2025-26 तक) के दौरान लागू की जाएगी।

NPDD का उद्देश्य और उद्देश्य (Aims and objectives of NPDD)

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) का उद्देश्य भारत में डेयरी बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है, ताकि इस क्षेत्र की उत्पादकता और विकास में निरंतर वृद्धि हो सके। इस योजना का मुख्य ध्यान दूध आपूर्ति श्रृंखला में सुधार, गुणवत्ता नियंत्रण और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए मदद करना है। NPDD के तहत डेयरी क्षेत्र में विभिन्न विकासात्मक योजनाएं बनाई जाएंगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिले।

इस योजना के दो मुख्य घटक हैं:

  1. घटक A: यह घटक दूध ठंडा करने के संयंत्रों, उन्नत दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं और प्रमाणन प्रणालियों को स्थापित करने पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, यह नई ग्राम डेयरी सहकारी समितियों के गठन और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्रों और संघ शासित प्रदेशों (UTs) में दूध आपूर्ति और प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से समर्थन करेगा। इसके साथ ही, 2 मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियों (MPCs) के गठन के लिए भी अनुदान सहायता दी जाएगी।
  2. घटक B: इस घटक को “डेयरीिंग थ्रू कोऑपरेटिव्स (DTC)” के नाम से जाना जाता है। यह घटक जापान सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के साथ सहयोग के तहत डेयरी सहकारी समितियों के विकास को बढ़ावा देगा। यह योजना विशेष रूप से नौ राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल) में डेयरी उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाएगी।

NPDD का प्रभाव और लाभ (Effects and Benefits of NPDD)

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के लागू होने से देश भर के डेयरी किसानों को अपार लाभ होने की उम्मीद है। इस योजना के तहत 18.74 लाख किसानों को सीधे लाभ हुआ है, और इससे 30,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। इसके साथ ही, दूध की खरीद क्षमता में भी वृद्धि हुई है, जो कि प्रति दिन 100.95 लाख लीटर अधिक हो गई है।

इसके अलावा, NPDD ने दूध परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत 51,777 गांव-स्तरीय दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ किया गया है, जबकि 5,123 बड़े दूध कूलर स्थापित किए गए हैं जिनकी कुल क्षमता 123.33 लाख लीटर है। इसके अलावा, 169 प्रयोगशालाओं को Fourier Transform Infrared (FTIR) मिल्क एनालाइज़र से अपग्रेड किया गया है और 232 डेयरी संयंत्रों में मिलावटी दूध का पता लगाने के लिए उन्नत सिस्टम स्थापित किए गए हैं।

महिलाओं को मिलेगा लाभ (Women will get Benefit)

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के माध्यम से 10,000 नई डेयरी सहकारी समितियों के गठन की योजना है, खासकर उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (NER) में, साथ ही 2 नई Milk Producer Companies (MPCs) का गठन किया जाएगा। यह योजना महिलाओं के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद साबित होगी, क्योंकि डेयरी क्षेत्र में 70% महिला कार्यबल शामिल है। इस योजना से लगभग 3.2 लाख नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुधार होगा।

NPDD का योगदान व्हाइट रिवोल्यूशन 2.0 में (NPDD’s contribution to White Revolution 2.0)

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD), White Revolution 2.0 का एक हिस्सा है, जो देश की डेयरी क्षेत्र को नए आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम के जरिए भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक डेयरी बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और कृषि आधारित रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। इसके अलावा, नई प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम का महत्व (Significance of the Revised NPDD)

भारत में डेयरी क्षेत्र का विकास ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में सुधार से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस योजना से देश में डेयरी बुनियादी ढांचे का सुधार होगा, जो राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के उद्देश्य को साकार करेगा। NPDD का यह संशोधित रूप, किसानों के साथ-साथ पूरे डेयरी उद्योग के लिए फ़ायदेमंद साबित होगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) भारत के डेयरी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल किसानों की आय को बढ़ावा देगा, बल्कि देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। इसके माध्यम से दूध उत्पादन और प्रसंस्करण की क्षमता में सुधार होगा, और इसके साथ ही नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। NPDD की यह योजना भारत के डेयरी क्षेत्र को एक नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी, जिससे देश का डेयरी उद्योग और भी मजबूत और विकसित होगा।

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