किसानों के लिए डिजिटल खजाना: UPAG Portal क्या है और कैसे बदल रहा है भारतीय कृषि की तस्वीर?

UPAG Portal भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) की ओर से  विकसित एक Integrated digital platform है। इसे Integrated Portal on Agricultural Statistics के नाम से भी जाना जाता है।

किसानों के लिए डिजिटल खजाना: UPAG Portal क्या है और कैसे बदल रहा है भारतीय कृषि की तस्वीर?

भारत एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन दशकों से हमारे किसान सही समय पर सही जानकारी न मिल पाने के कारण uncertainty और losses  का सामना करते रहे हैं। उनकी इसी चुनौती का समाधान बनकर आया है यूनिफाइड पोर्टल फॉर एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स (Unified Portal for Agricultural Statistics)। ये सिर्फ एक वेबसाइट नहीं, बल्कि किसानों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक डिजिटल क्रांति है।

UPAG पोर्टल क्या है? (What is UPAG Portal?)

UPAG भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) की ओर से  विकसित एक Integrated digital platform है। इसे Integrated Portal on Agricultural Statistics के नाम से भी जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश भर की विभिन्न कृषि संबंधी जानकारियों को एक ही छत के नीचे लाना है। पहले किसानों या अधिकारियों को अलग-अलग सोर्स से आंकड़े जुटाने पड़ते थे, जिसमें वक्त भी लगता था और डेटा में अंतर भी रहता था। UPAG ने इस समस्या को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया है।

किसानों के लिए UPAG के फायदे: एक नज़र में (Benefits of UPAG for Farmers)

ये पोर्टल सीधे तौर पर किसानों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख फ़ायदे-

सही फसल चयन में मदद

UPAG पर डीटेल डेटा है कि देश के किस ज़िले में कौन-सी फसल कितने क्षेत्र में बोई गई है, प्रोडक्शन क्या रहा है और उत्पादकता कितनी रही। इस जानकारी से किसान अगले सीजन में ये तय कर सकता है कि किस फसल की बुवाई करनी है ताकि उसे अच्छा बाजार भाव मिल सके।

बाजार भाव और मांग का पूर्वानुमान (forecast)

पोर्टल पर अलग-अलग मंडियों के भाव, उत्पादन के आंकड़े और मांग का Analysis मौजूद है। किसान इस डेटा का Analysis करके ये अनुमान लगा सकता है कि आने वाले वक्त में किस फसल की मांग ज्यादा रहेगी और उसके दाम कैसे रहेंगे।

रिस्क मैनेजमेंट

मौसम संबंधी आंकड़े और ऐतिहासिक फसल डेटा किसानों को बाढ़, सूखा या कीटों के हमले जैसी आपदाओं के जोखिम को समझने में मदद करते हैं। वो पहले से ही सतर्कता बरत सकते हैं और बीमा जैसी सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।

सरकारी योजनाओं का फायदा

पोर्टल पर सरकार की कई योजनाओं, सब्सिडी और प्रोत्साहनों की पूरी जानकारी मौजूद है। किसान आसानी से देख सकते हैं कि वे किस स्कीम के पात्र हैं और कैसे अप्लाई कर सकते हैं।

पारदर्शिता और विश्वास: सभी आंकड़े सार्वजनिक और पारदर्शी हैं। इससे किसानों को सरकारी नीतियों और बाजार के भरोसा बढ़ता है।

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UPAG पोर्टल की ख़ासियतें और कवरेज (Features and Coverage of UPAG Portal)

ये पोर्टल किसी डेटा के स्टोर से कम नहीं है। इसमें महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं- 

1.फ़सल स्टेटिक्स: राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर विभिन्न फसलों के तहत क्षेत्र, उत्पादन और उत्पादकता के आंकड़े।

2.मृदा स्वास्थ्य कार्ड डेटा: अलग-अलग क्षेत्रों की मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी, जिससे किसान जान सकते हैं कि उनकी ज़मीन के लिए कौन-सी फसल और फर्टिलाइज़र बेहतर हैं।

3.मौसम संबंधी जानकारी: तापमान, वर्षा और Humidity जैसे मौसम के आंकड़े।

4.मार्केट वैल्यू: देश की अलग-अलग कृषि उपज मंडियों (APMC) में फलों, सब्जियों और अनाज के ताज़ा भाव।

5.कृषि यंत्रीकरण: विभिन्न क्षेत्रों में कृषि यंत्रों की उपलब्धता और उनके उपयोग के आंकड़े।

6.सिंचाई सुविधाएं: सिंचाई के स्रोतों और सुविधाओं से संबंधित डेटा।

डेटा का वह खजाना जो किसान की मेहनत को बनाएगा सोना

UPAG पोर्टल ‘Digital India’और ‘Double Farmer Income’ की कल्पना को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। ये किसानों को अंधेरे में तीर चलाने की बजाय, एक लाइट हाउस की तरह काम करता है। सही जानकारी और डेटा-बेस्ड फैसले लेकर किसान न केवल अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं, बल्कि कृषि क्षेत्र को और अधिक फायदेमंद और टिकाऊ भी बना सकते हैं। ये पोर्टल भारतीय कृषि को International Map  पर एक नई पहचान दिलाने में मददगार साबित होगा। अब वक्त आ गया है कि हर किसान इस डिजिटल खजाने से जुड़े और अपनी खेती को नई दिशा दे।

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

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