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क्या आप जानते हैं कि अमृतसर (Amritsar) के किसान अब पराली न जलाकर (Stubble Burning) न सिर्फ पर्यावरण बचा रहे हैं, बल्कि खुद को भी फ़ायदा पहुंचा रहे हैं। जी हां.. अमृतसर ज़िला प्रशासन (Amritsar District Administration) ने पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए एक बेहद शानदार योजना शुरू की है, जिसके तहत पराली न जलाने वाले किसानों को ‘वरीयता कार्ड’ (‘Preference Card’) दिया जाएगा। इस कार्ड के जरिए (Unique Initiative Of Amritsar Administration) उन्हें कई ख़ास तरह की सुविधाएं मिलेंगी। इन सुविधाओं के बारें में जान कर हर किसान इस स्कीम का हिस्सा होना चाहेगा।
पराली जलाना क्यों है ख़तरनाक?
हर साल सर्दियों के मौसम में दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, और इसकी एक बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना है। धान की कटाई के बाद बचे अवशेष (Stubble) को किसान आग लगा देते हैं, जिससे निकलने वाला धुआं हवा में जहर की तरह घुल जाता है। जिससे न सिर्फ सांस की बीमारियां होती हैं बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी ख़त्म होने लगती हैं।
लेकिन अब अमृतसर प्रशासन (Amritsar District Administration) ने इस समस्या का एक स्मार्ट और प्रोत्साहन-आधारित समाधान निकाला है, जिससे किसानों को पराली जलाने के बजाय इको-फ्रेंडली तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
क्या है ‘वरीयता कार्ड’ योजना?
अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी (Amritsar Deputy Commissioner Sakshi Sahni) ने इस योजना की घोषणा की है। उन्होंने इस स्कीम के बारें में बताया कि जो किसान पराली नहीं जलाएंगे, उन्हें एक विशेष ‘वरीयता कार्ड’ दिया जाएगा। इस कार्ड के जरिए उन्हें सरकारी ऑफिसों और योजनाओं में कई एक्सक्लूसिव लाभ उनको मिलेंगे, इनमें शामिल है-
प्राथमिकता से मिलेगी सरकारी सेवाएं: किसान सेवा केंद्रों, फर्टिलाइजर डिपो और अन्य सरकारी कार्यालयों में उन्हें फास्ट-ट्रैक सुविधा मिलेगी।
पार्किंग फीस में छूट : सरकारी दफ्तरों में गाड़ी पार्क करते समय उन्हें कोई फीस नहीं देनी होगी।
आर्थिक मदद : जो गांव सामूहिक रूप से पराली न जलाने का फ़ैसला करेंगे, उन्हें विशेष आर्थिक मदद मिलेगी।
कृषि उपकरणों पर छूट : प्रशासन निजी कंपनियों के साथ मिलकर इन किसानों को ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य मशीनों पर डिस्काउंट दिलवाएगा।
विशेष आमंत्रण और उपहार : सरकारी कार्यक्रमों में इन किसानों को सम्मानित किया जाएगा और उन्हें गिफ्ट्स भी दिए जाएंगे।
सोशल मीडिया की अफवाहों से बचें : प्रशासन की सलाह
इस योजना को लेकर किसानों के साथ हुई एक बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी बलजिंदर सिंह भुल्लर ने किसानों को एक महत्वपूर्ण सलाह दी। उन्होंने कहा कि ‘किसान सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों से सावधान रहें और केवल कृषि विश्वविद्यालयों तथा सरकारी निर्देशों पर भरोसा करें।’
उन्होंने ये भी बताया कि पराली जलाने के बजाय इसे खाद के रूप में इस्तेमाल करना या बायोमास प्लांट्स को बेचना ज्यादा फायदेमंद है। इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि किसानों को एक्स्ट्रा आमदनी भी होगी।
क्या होगा इस योजना का असर?
अमृतसर प्रशासन की ये पहल न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि ये किसानों के जीवन स्तर को सुधारने का भी एक अहम कदम है। जब किसानों को सीधे लाभ मिलेंगे, तो वे ख़ुद ही जागरूक हो जाएंगे और पराली जलाने जैसी हानिकारक प्रथाओं से बचेंगे।
इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा, मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और किसानों को सरकारी योजनाओं का ज़्यादा लाभ भी मिलेगा।
एक साथ मिलकर बदलाव लाएं
अगर ये योजना सफल रही, तो न केवल पंजाब, बल्कि पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।
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