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विकसित कृषि संकल्प अभियान का कारवां जब बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के पिपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पहुँचा, तो माहौल किसान-उत्सव जैसा हो गया। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ सैकड़ों किसानों, वैज्ञानिकों और जनप्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद किया। यह वही धरती है जहां महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की अलख जगाई थी, और अब यही धरती विकसित कृषि संकल्प अभियान के ज़रिये आधुनिक खेती की राह दिखा रही है।
चंपारण की पवित्र धरती से नई क्रांति की ओर
सभा को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने याद दिलाया कि चंपारण वह स्थान है जिसने अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ किसानों की आवाज़ बुलंद की थी। आज वही इलाक़ा विकसित कृषि संकल्प अभियान का प्रेरणा-केन्द्र बन गया है। मंत्री ने कहा, “कृषि मंत्री का असली पद ‘किसानों का मुख्य सेवक’ है। जब तक अन्नदाता सुखी नहीं होगा, देश विकास की मंज़िल नहीं पा सकता।”
लिची की बर्बादी रुकेगी, कीमत बढ़ेगी
बैठक में लिची उत्पादक किसानों ने शिकायत की कि तुड़ाई के 48 घंटे के भीतर फल खराब हो जाता है। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत शिवराज सिंह चौहान ने ICAR वैज्ञानिकों को निर्देश दिया कि ऐसी तकनीक विकसित करें जिससे लिची का शेल्फ-लाइफ़ बढ़े। साथ ही, उन्होंने चंपारण-मुज़फ़्फ़रपुर बेल्ट में और कोल्ड-स्टोरेज स्थापित करने की घोषणा की ताकि किसान बेहतर दाम पा सकें।
मकई से लेकर चिउड़ा तक वैश्विक बाज़ार की तैयारी
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री की नीतियों के कारण बिहार में मकई की पैदावार दोगुनी हो गई है और एथनॉल उद्योग से कीमतें भी बढ़ी हैं। विकसित कृषि संकल्प अभियान अब मकई के साथ-साथ बिहार के प्रसिद्ध चिउड़ा (चिवड़ा) को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुँचाने की कार्ययोजना बना रहा है। इससे छोटे-छोटे किसानों को भी निर्यात से सीधी आमदनी मिल सकेगी।
नई धान किस्में 20 % कम पानी, 30 % ज़्यादा पैदावार
ICAR के वैज्ञानिकों ने मंच से बताया कि हाल ही में दो नई धान किस्में विकसित हुई हैं जो कम पानी में अधिक उपज देती हैं। विकसित कृषि संकल्प अभियान के ज़रिये इन किस्मों को प्रदेश के हर किसान तक पहुँचाया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने ज़ोर देकर कहा, “लैब से लैंड का सीधा रिश्ता ही खेती में क्रांति लाएगा।”
16 हज़ार वैज्ञानिक गाँव-गाँव पहुँचेंगे
अभियान की खासियत यह है कि देश के 16 हज़ार कृषि वैज्ञानिक अपनी प्रयोगशालाओं से बाहर निकलकर खेतों में किसानों से मिल रहे हैं। विकसित कृषि संकल्प अभियान का मक़सद प्रयोग और प्रयोगशाला की दूरी मिटाना है। इससे बीज, उर्वरक, ड्रोन और मशीनीकरण की ठोस जानकारी किसानों को सीधे मिलेगी।
नक़ली कीटनाशकों पर सख़्त कार्रवाई
किसानों ने नक़ली कीटनाशकों की समस्या उठाई। शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा दिलाया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान ऐसे उत्पाद बेचने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, “किसान की सेहत और फ़सल से खिलवाड़ किसी हाल में बर्दाश्त नहीं।”
एक राष्ट्र – एक कृषि – एक टीम
समापन भाषण में शिवराज सिंह चौहान ने ‘One Nation-One Agriculture-One Team’ का मंत्र दोहराया। उन्होंने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान का लक्ष्य सिर्फ़ पैदावार बढ़ाना नहीं, बल्कि मूल्य-वर्धन, प्रोसेसिंग और निर्यात से किसानों की आय दोगुनी करना है। उनका विश्वास है कि अगर सरकारी योजनाएं, वैज्ञानिक शोध और किसानों का परिश्रम एक साथ आए, तो 2047 से पहले ही भारत विकसित कृषि राष्ट्र बन सकता है।
किसानों का उत्साह और आगे की राह
पूर्वी चंपारण के कार्यक्रम में सांसद राधामोहन सिंह, स्थानीय विधायक, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। सभी ने माना कि विकसित कृषि संकल्प अभियान ने सीधे संवाद का जो प्लेटफ़ॉर्म दिया है, उससे समस्याएं जल्दी सुलझेंगी और नई तकनीकें तेज़ी से अपनाई जाएंगी।
निष्कर्ष
विकसित कृषि संकल्प अभियान ने बिहार के छोटे-जोते वाले किसानों में भी आत्मविश्वास जगाया है कि वे “मिट्टी से सोना” पैदा कर सकते हैं। शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी और स्पष्ट संदेश ने यह भरोसा दिलाया है कि सरकार खेती को उद्योग से जोड़ते हुए किसानों को वैश्विक बाज़ार तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ रहा है, उम्मीद है कि महात्मा गांधी की धरती से निकली यह नई कृषि-क्रांति पूरे देश में समृद्धि की नई इबारत लिखेगी।
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