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केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Minister for Rural Development, Agriculture and Farmers Welfare, Shivraj Singh Chouhan ) ने 5 फरवरी 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रीये से ‘जल लाए धन-धान्य’ थीम (Jal Laaye Dhan-Dhanya) पर आधारित वाटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) का शुभारंभ किया। ये यात्रा 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 6,673 ग्राम पंचायतों और 13,587 गांवों तक पहुंचेगी। इस अभियान के तहत 805 परियोजनाओं में लगभग 60 से 90 दिनों तक वाटरशेड यात्रा वैन चलाई जाएगी। इस दौरान 1,509 ग्राम सभाएं और 1,640 प्रभात फेरियां आयोजित होंगी। इसके अतिरिक्त, 2,043 स्थानों पर भूमिपूजन और 1,999 कामों का लोकार्पण किया जाएगा। अभियान के तहत 1,196 स्थानों पर श्रमदान व 557 स्थानों पर बागवानी वृक्षारोपण किया जाएगा।
माटी हमारा अस्तित्व और आधार: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय मंत्री चौहान ने इस अवसर पर कहा कि जल जीवन का आधार है, जल है तो जीवन है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि ‘हम माटी से पैदा हुए हैं और माटी में ही मिलते हैं। माटी हमारा अस्तित्व और आधार है, इसलिए हमें पानी और माटी बचाने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा।’
वाटरशेड यात्रा का उद्देश्य और महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दूरदर्शी दृष्टिकोण के तहत, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय का भूमि संसाधन विभाग पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वॉटरशेड विकास घटक योजना लागू कर रहा है। इस योजना के तहत विभिन्न जल-संरचनाएं बनाई जाएंगी, जैसे:
चेक डैम (पानी के संरक्षण के लिए)
बोरी बंधान (भूमि क्षरण को रोकने के लिए)
मेढ़ बंधान (फसलों की सुरक्षा के लिए)
खेत तालाब (भूजल स्तर बढ़ाने के लिए)
इन संरचनाओं से सतही जल के बहाव को कंट्रोल किया जाएगा। जिससे भूजल स्तर में बढोत्तरी होगी और मिट्टी की जलधारण क्षमता भी बढ़ेगी। इससे कृषि उत्पादकता में भी सुधार होगा।
समाज की भागीदारी आवश्यक
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि ये (Watershed Yatra) अभियान केवल सरकार का काम नहीं है, बल्कि समाज की भी इसमें महत्वपूर्ण भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों, किसानों, जनप्रतिनिधियों, महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों (SHG), और गैर-सरकारी संगठनों (NGO) से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि धरती को बचाने का एक संकल्प है।
वाटरशेड यात्रा के प्रमुख पहलू
इस यात्रा के दौरान:
- जल और माटी संरक्षण के लिए जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।
- पूरे हो चुके जल-संरचना कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा।
- नए जल-संरचना कार्यों का भूमिपूजन किया जाएगा।
- वाटरशेड महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
- जल संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
जल संरक्षण के लिए जनभागीदारी प्रतियोगिता
इस यात्रा (Watershed Yatra) के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय मंत्री चौहान (Union Minister Shivraj Singh Chouhan) ने जनभागीदारी प्रतियोगिता की भी घोषणा की है, जो आगामी दो सालो तक चलेगी। इस प्रतियोगिता के तहत, जल संरचना और भूमि संरक्षण के क्षेत्र में सबसे अच्छा काम करने वाली परियोजनाओं को 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए कुल 70.80 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे हर साल 177 परियोजनाओं को फ़ायदा मिल पाएगा।
पर्यावरणीय संतुलन की आवश्यकता
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ते जल-संकट और मिट्टी के क्षरण को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर भूजल स्तर 1000 से 1500 फीट नीचे चला गया है। पहले जहां नदियां बहती थीं और कुएं पानी से भरे रहते थे, वहीं अब कई नदियां सूख चुकी हैं और जल-स्रोत खत्म हो रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर हम आज नहीं जागे, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए जल और मिट्टी का संकट और भी विकराल हो जाएगा।
जल और मिट्टी बचाने का संकल्प
केंद्रीय मंत्री (Union Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि हमें पानी भी बचाना है, मिट्टी भी बचानी है और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखना है। उन्होंने इस यात्रा को एक जन आंदोलन बनाने की अपील की और कहा कि अगर हम जल संरचनाएं बनाते हैं और भूमि संरक्षण के उपाय करते हैं, तो हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी। उन्होंने कहा कि “हमारी धरती को बचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
वाटरशेड यात्रा ऐतिहासिक पहल
वाटरशेड यात्रा (Watershed Yatra) जल और माटी संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है, जो न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयन को बढ़ावा देगी, बल्कि भूमि की उर्वरता को भी बनाए रखेगी। इस यात्रा के माध्यम से जनता को जल-संरक्षण की महत्ता समझाने और उन्हें इस आंदोलन से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।