उत्तर प्रदेश के रहने वाले गंगाराम चौहान वैसे तो साइकिल-रिक्शा मैकेनिक हैं, लेकिन हमेशा नई चीज़ों की खोज की आदत ने उन्हें इनोवेटर बना दिया। अब तक वह कई दर्जन कृषि उपकरण बनाकर छोटे किसानों की ज़िंदगी आसान बना चुके हैं। गंगाराम चौहान से उनके इनोवेशन्स के बारे विस्तार से चर्चा की किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता अर्पित दुबे ने।
लॉकडाउन में बनाई आटा चक्की
कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्होंने साइकिल ऑपरेटेड आटा चक्की बनाई। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान जब उन्होंने देखा कि लोगों को गेहूं पिसवाने में दिक्कत आ रही है, तो उन्होंने इसका तोड़ ढूंढ़ने के लिए साइकिल से चलने वाली आटा चक्की बनाई। इसे बनाने में 2 महीने का वक़्त लगा। इस चक्की में कोई भी अनाज डालकर पीसा जा सकता है और इससे कसरत भी हो जाती है। इस कृषि उपकरण की मदद से किसान छोटे स्तर पर अपनी उपज की ग्रेडिंग और पैकेजिंग कर सकते हैं।
बीज बोने की मशीन
गंगाराम ने छोटे किसानों के लिए हाथ से चलने वाला एक बीज बोने वाला कृषि उपकरण बनाया है। इसे चलाने पर यह एक-एक दाना सही तरीके से गिराते हुए आगे बढ़ती है। इस तरह से फसल की उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है क्योंकि बीज निश्चित दूरी पर गिरते हैं। फसल को अधिक पोषक तत्व मिलते हैं और उत्पादन अच्छा होता है।
कुम्हार का चाक
मिट्टी के बर्तन बनाने में मेहनत बहुत अधिक लगती है। इसे आसान बनाने का तोड़ भी गंगाराम चौहान ने निकाला। उन्होंने साइकिल ऑपरेटेड एक मशीन बनाई है जिसे वह कुम्हार का चाक कहते हैं। इससे मिट्टी के बर्तन आसानी से बन जाते हैं और शारीरिक श्रम कम हो जाता है। अब आगे गंगाराम चौहान मिट्टी से ज्वेलरी बनाने का काम भी शुरू करने वाले हैं।
फसल उगाने के लिए बहुमंजिला रैकनुमा मशीन
गंगाराम का कहना है कि जिस तरह कम जगह में अधिक लोगों को रहने के लिए बहुमंजिला इमारत बनाई जाती है, उसी तरह उन्होंने कई मंजिलों में पौधे उगाने के लिए खास मशीन बनाई है। इसमें सब्ज़ियों, मसाले और औषधीय पौधों को अच्छी तरह उगाया जा सकता है। मल्चिंग का इस्तेमाल करने पर इसमें खरपतवार की समस्या भी नहीं होगी। सिंचाई के लिए ड्रिप या फव्वारे सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका कहना है कि इससे पानी की भी बचत होगी।
गंगाराम कहते हैं कि एक मकैनिक होने के नाते उनके पास कई तरह के औजार हैं और जब भी कोई नया आइडिया आता है तो वो अपने औजारों की मदद से उस आइडिया को अमली जामा पहनाने में जुट जाते हैं। उनका कहना है कि इनोवेशन का उद्देश्य सिर्फ़ पैसे कमाना नहीं, बल्कि वह छोटे किसानों की मदद करना चाहते हैं। गंगाराम चौहान को उनके इनोवेशन्स के लिए कई अवॉर्ड्स से सम्मानित भी किया जा चुका है।
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