किसानों के लिए मध्य प्रदेश सरकार एक के बाद एक योजना ला रही है। अब वृक्षारोपण के जरिए खेती करने के लिए सरकार एक योजना लाई है। जिसका उद्देश्य सीधे तौर पर किसानों को लाभ पहुंचाना है। दरअसल इमारतों में लकड़ी की जरुरत पड़ती है। इसी जरुरत को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को अनुदान देने का फैसला लिया है। क्या है ये योजना, इस योजना से कैसे किसानों को लाभ मिलेगा, अनुदान कैसे मिलेगा, पात्रता कैसे मिलेगी और सबसे जरुरी बात की इस योजना के लिए अप्लाई कैसे किया जाए। इन सभी की जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं।
क्या है योजना
दरअसल इस योजना का नाम राष्ट्रीय विकास योजना है। लकड़ी की मांग बढ़ते देख मध्य प्रदेश सरकार किसानों को इस योजना के तहत एग्रोफारेस्ट्री प्लांटेशन के लिए अनुदान दे रही है। इमारती लकड़ी की डिमांड के साथ फल, पशुचारे, खाद्यान्न और ईंधन की पूर्ति करने के लिए ये योजना चलाई जा रही है। इस में सरकार किसानों को 50 फीसदी अनुदान दे रही है।
क्या है योजना का उद्देश्य
इस तरह की किसी भी योजना अगर लाई जाती है तो जाहिर सी बात है किसानों को लाभ देने के लिए लाई गई होगी। इस योजना का सीधा उद्देश्य राज्य में वृक्षारोपण के जरिए खेती को फायदा पहुंचाना है। साथ ही इससे जमीन में पानी संरक्षित करने में भी मदद मिलती है। इस योजना का फायदा लेकर किसान अपने खेतों, मेढों और अंर्तवर्तीय पेड़ लगा सकते हैं।
योजना के तहत कितना मिलता है अनुदान
आपको बता दें कि खेतों या मेढ़ों पर एक पौधा लगाने के लिए करीब 70 रूपए का खर्चा होता है। इस खर्चे में पौधे की खरीदी, गड्ढें की खुदाई, सिंचाई, परिवहन, दवाई और देखरेख का खर्चा है। अब इस खर्चे में 50 फीसदी पैसा किसानों का लगता है वहीं बाकी 50 फीसदी अनुदान राज्य सरकार देती है। बता दें कि इस योजना के तहत 1 किसान को ज्यादातर 50 हजार रुपए का अनुदान मिलता है।
क्या है अनुदान की पात्रता
अनुदान के बाद बात आती है इसकी पात्रता की, तो बता दें कि इस योजना के अन्तर्गत हर एक किसान को 0.2 हेक्टेयर से 5 हेक्टेयर में पेड़ लगाने के लिए अनुदान मिलता है। जिसमें एक किसान 100 से 1500 पौधे लगा सकता है। इस योजना में अनुदान की राशि करीब 50 हजार रुपए होती है। जिसमें 80 फीसदी जीवित होने की हालात में 90 दिनों के बीच अनुदान राशि किसानों को दे दी जाती है।
आवेदन के लिए क्या करें
योजना के लिए अगर आपको अप्लाई करना है तो आपको जिले के वानिकी विभाग से संपर्क करना होगा। बात करें पौधे खरीद की तो किसान विन विभाग या प्राइवेट नर्सरी से पौधे खरीद सकता है। वहीं इस योजना का फायदा मध्य प्रदेश के सभी जिलों के किसान ले सकते हैं।