आलू किंग परथी भाई, आलू की खेती से साल में कमाते हैं 3 करोड़ से ज्यादा
पुलिस विभाग में लोगों को नियम-कानून का पाठ पढाया और रिटायरमेंट के बाद जब खेत में उतरे तो दुनिया भर […]
कृषि क्षेत्र में सक्सेस स्टोरीज का संग्रह। आपकी मोटिवेशन बढ़ाने वाली कहानियों को जानें और सफलता की ओर एक कदम बढ़ाएं। किसान ऑफ इंडिया पर हमारे साक्सेस स्टोरीज से प्रेरणा लें।
पुलिस विभाग में लोगों को नियम-कानून का पाठ पढाया और रिटायरमेंट के बाद जब खेत में उतरे तो दुनिया भर […]
आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र शिवेंद्र बताते हैं कि वह बिना मिट्टी के घर की छत पर खेती करते हैं। इससे उगाई सब्जियों से लाखों रुपए कमा भी रहे हैं। मिट्टी का इस्तेमाल किए बिना पौधा उगाने की इस विधि को हाईड्रोपनिक्स कहा जाता है।
मध्य प्रदेश के अगरमालवा जिले के रामपाल विदेश की नौकरी छोड़ अपने गांव लौट आए। रामपाल ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर कुछ एकड़ जमीन पर खेती करनी शुरू कर दी है। उनके साथ दर्जनों किसान जुड़ गए हैं और सभी काफी पढ़े-लिखे युवा हैं। उनके लिए खेती में मेहनत और तकनीक के साथ जो आमदनी है, वह बाहर किसी भी नौकरी की तुलना में कहीं अच्छी है।
राजेंद्र खरीफ के सीजन में करीब 5 लाख और रबी के सीजन में एक लाख पौधों को मिलाकर 6 से 10 लाख रुपये तक कमाते हैं। पौधों की लागत हटाने के बाद 5 लाख तक का मुनाफा हो जाता है।
पार्थी भाई चौधरी प्रति हेक्टेयर सर्वाधिक 87 मीट्रिक टन आलू का उत्पादन कर वे विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं। इसके अलावा अमरीकी बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स सूची में भी उन्हें स्थान मिल चुका है।
खाकी कैंपबेल नस्ल की बत्तख छह महीने के भीतर अंडे देना शुरू कर देती है और अगले तीन वर्षों तक इससे अंडे मिलते रहते हैं। जब ये बत्तख अंडे देना बंद कर देती है तो मीट मार्केट में 350 से 400 रुपये प्रति पक्षी मिल जाते हैं।
कोरोना संकट आने के बाद जब सब घरों में कैद थे, उस समय लक्ष्मी ने गरीब और निशक्त महिलाओं को रोजगार देने का बीड़ा उठाया और आज अपने इस काम से लाखों की कमाई कर रही हैं।
कमल पाटीदार ने खेती के लिए अपनी ढाई लाख रुपये की नौकरी तक छोड़ दी और आज खेती से करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।
अगर खेती का काम सही ढंग से किया जाए, तो कृषि एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। इससे कम निवेश में अच्छे रिटर्न प्राप्त किए जा सकते हैं। आज हम आपको कृषि से जुड़े 10 आसान व्यवसायों के बारे में बताएंगे-
पंजाब के एक गांव के संगरूर की 17 साल की बेटी अमनदीप कौर की कोशिश आखिरकार रंग लाई और उनके इस पहल से मोटिवेट किसानों ने पराली जलाना कम कर दिया। इससे खेतों में खाद की खपत कम, उपज में इजाफा होने लगा है।
उत्तरप्रदेश के बाराबंकी के छोटे से गांव दौलतपुर में रहने वाले रामसरन वर्मा को गरीबी के कारण आठवीं कक्षा तक ही पढ़ सके फिर भी करीब 50 हजार किसानों को हाईटेक खेती करने का प्रशिक्षण देते हैं। इस खेती से वे खुद भी हर साल लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
जो बीज दो या अधिक पौधों के संकरण (क्रास पालीनेशन) से उत्पन्न होते हैं वे हाईब्रिड बीज कहलाते हैं। कई तरह के शोधों द्वारा बीजों के गुणों में विकास करने के बाद जो बीज तैयार होते हैं उन्हें ही हाईब्रिड या संकर बीज कहा जाता है।
अनुभव बंसल ने जब पिता की नामी इलेक्ट्रोनिक कंपनी को संभालने की बजाय खेती करने की ठानी तो उनके पिता बद्दी ने भी उनका साथ दिया। पहली बार में ही उन्होंने हल्दी की फसल से पांच लाख रुपए कमाएं। इन दोनों के प्रयास से लोगों की सोच बदलने लगी और वे खेती की तरफ बढऩे लगे।
Motivational Story of Deepanshu Dharia – यदि कोई आपसे कहे कि खराब डिब्बों में कुछ पौधे लगाकर आप हजारों पौधे तैयार कर सकते हैं, तो शायद आप इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के छोटे से गांव में रहने वाले दीपांशु धरिया ने यह सच करके दिखाया है।
विश्वनाथ एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं। वो हमेशा से अपना कोई बिजनेस करना चाहते थे। उन्होनें कहा कि पेठा बनाने के लिए जैसी मशीन उन्हें चाहिए थी, वैसे बाज़ार में मिलना मुश्किल था। इसलिए उन्होनें अपनी ही कंपनी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट करके मशीन बनाई। अब इस मशीन की वजह से उत्पादन क्षमता बढ़ गई और ज्यादा से ज्यादा किसान अपनी फसल उन्हें बेच सकते हैं।
गुजरात के पोरबंदर के बेरण गांव के एक कपल राम दे खुटी और भारती खुटी भी लंदन में एक साथ वेलसेटल्ड थे। दोनों लाखों रूपए कमाते थे। एक दिन दोनों ने फैसला किया कि वो वापस अपने गांव लौट जाएंगे और वहीं खेती करेंगे। उन्होंने खेती और पशुपालन से ही लाखों रुपए कमा कर युवाओं को नई राह दिखाई।
आज हम आपको दिल्ली के दान सिंह के बारे में बताएंगे जो दिल्ली मेट्रो में काम किया करते थे। कोरोना काल में दान सिंह ने अपनी नौकरी खो दी और अपने गांव जाकर हर्बल टी का व्यापार शुरू किया। आज वो हर महीने लाखों का कारोबार कर रहे है। आइए जानते हैं दान सिंह की सफलता का राज।
परमेश्वरन अपने तीन एकड़ खेत में मूंगफली की खेती करते हैं और बाकी 3 एकड़ में देसी टमाटर, मिर्च, क्लोव बींस, विंग्ड बींस, स्वॉर्ड बींस, भिंडी, लौकी, बैंगन करेला जैसी सब्जियों की खेती करते हैं। इस तरह वे दूसरे किसानों की तुलना में बहुत मोटा मुनाफा भी कमा रहे हैं। इनकी मेहनत और उसके असर को देख तमिलनाडु के दूसरे किसान भी उनकी देखादेखी ऑर्गेनिक खेती करना आंरभ कर रहे हैं।
हम आपको कौशाम्बी जिले के एक ऐसे किसान विनोद सिंह से रुबरु कराएंगे जो केले की नर्सरी से महज एक महीने में ही लाखों कमा रहे हैं। आप भी जानिए किस तरह उन्होंने इस प्रकार खेती से पैसा कमाना शुरू किया और मुनाफा कमाने लगे।
यदि आपको बताया जाए कि खेती से आप लाखों रुपयों की इनकम कर सकते हैं, तो आपका सवाल होगा, वो कैसे? आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे। कम लागत में लाखों की इनकम करने के लिए हम आपको बुंदेलखंड के सागर जिले में रहने वाले आकाश चौरसिया के मल्टीलेयर खेती प्रोजेक्ट के बारे में बताएंगे।